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Rajat Sharma's Blog | NDA, नरेंद्र, नायडू और नीतीश: अटकलों के लिए कोई गुंजाइश नहीं

राष्ट्रपति भवन में मोदी के तीसरे शपथ ग्रहण की तैयारियां तेज हो गई है। राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में मेहमानों के लिए कुर्सियां लग गई हैं। मोदी रविवार नौ जून को शपथ लेंगे, जिसमें कई पड़ोसी देशों के राजनेता उपस्थि रहेंगे।

Written By: Rajat Sharma @RajatSharmaLive
Published : Jun 07, 2024 16:55 IST, Updated : Jun 07, 2024 16:55 IST
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Image Source : INDIA TV इंडिया टीवी के चेयरमैन एवं एडिटर-इन-चीफ रजत शर्मा।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को आज NDA संसदीय दल का नेता सर्वसम्मति से चुन लिया गया। पुराने संसद भवन के केंद्रीय कक्ष में NDA के सभी सांसदों की बैठक में होगी, जिसमें सभी सहयोगी दलों ने एक स्वर से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा पेश किए गए प्रस्ताव का सर्वसम्मति से समर्थन किया। इस प्रस्ताव का अनुमोदन गृह मंत्री अमित शाह ने किया, और सहयोगी दलों के नेता चंद्रबाबू नायडू, नीतीश कुमार, एच डी कुमारस्वामी और अन्य ने प्रस्ताव का समर्थन किया। नीतीश कुमार ने यहां तक कहा कि वो चाहते थे कि मोदी आज ही प्रधानमंत्री पद की शपथ ले लें। अपने धन्यवाद भाषण में नरेंद्र मोदी ने NDA की चुनावी जीत को ‘महाविजय’ बताया और कहा कि जनता ने इंडी अलायंस को उसके भ्रष्टाचार के इतिहास के कारण नकार दिया। मोदी ने NDA सांसदों से अपील की कि वे मंत्रालयों के आवंटन के बारे में चल रही अटकलबाज़ी पर भरोसा न करें।

उधर, राष्ट्रपति भवन में मोदी के तीसरे शपथ ग्रहण की तैयारियां तेज हो गई है। राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में मेहमानों के लिए कुर्सियां लग गई हैं। मोदी रविवार नौ जून को शपथ लेंगे, जिसमें कई पड़ोसी देशों के राजनेता उपस्थि रहेंगे। इनमें बंगलादेश, नेपाल, मालदीव, श्रीलंका, भूटान जैसे देश शामिल हैं। जहां तक मंत्रालयों को लेकर अटकलों का सवाल है, मुझे 2014 में चुनाव के बाद हुई NDA के सांसदों की पहली  मीटिंग में कही गई नरेन्द्र मोदी की बात याद आ रही है। सेन्ट्रल हॉल में हुई उस मीटिंग में मोदी ने कहा था कि अब मंत्रिमंडल को लेकर चर्चा शुरू होगी, तमाम दावे किए जाएंगे, लेकिन ऐसी किसी अफवाह के चक्कर में मत पड़ना, अगर कोई कहे कि वो आपको मंत्री बनवा सकता है, तो भरोसा मत करना। अगर कोई फोन आए कि प्रधानमंत्री कार्यालय से बोल रहा हूं, आपको मंत्री बनाया जा रहा है तो भी यकीन मत करना, एक बार प्रधानमंत्री कार्यालय फोन करके पूछ लेना, क्योंकि फैसला मुझे करना है, और किसी को नहीं। उसके बाद इस तरह की अटकलबाजी बंद हो गई, सत्ता के गलियारों मे घूमने वाले बिचौलियों की दुकानें बंद हो गई। लेकिन इस बार हालात बदले हैं। बीजेपी को पूर्ण बहुमत नहीं मिला है। गठबंधन की सरकार बन रही है इसलिए फिर उसी दौर की बातें शुरू हो गई हैं। लेकिन शायद लोग ये भूल रहे हैं कि सिर्फ आंकड़े बदले हैं, हालात बदले हैं, लेकिन नरेंद्र मोदी वही हैं, जो समझौता नहीं करते, दबाव में नहीं आते।

ये सही है कि नरेन्द्र मोदी की ये सरकार चन्द्रबाबू नायडू और नीतीश कुमार के समर्थन पर टिकी होगी, इसलिए उनका ख्याल रखना होगा। लेकिन मेरी जानकारी ये है कि चन्द्रबाबू नायडू ने किसी तरह की कोई शर्त नहीं रखी है। चन्द्रबाबू नायडू ने नरेन्द्र मोदी से सिर्फ इतना कहा है कि आप देश की सरकार जैसे चला रहे थे, वैसे ही चलाएं, वह बिना शर्त पूरा समर्थन देंगे और बदले में आन्ध्र प्रदेश के लोगों की भलाई के लिए उन्हें केन्द्र से जो सहयोग चाहिए, वो केन्द्र सरकार से मिले. बस यही शर्त है। इसके अलावा किसी पद को लेकर, मंत्रियों की संख्या को लेकर या मंत्रालयों को लेकर न नीतीश कुमार के साथ कोई बात हुई है, न चन्द्रबाबू नायडू के साथ, और न इन दोनों ने अपनी तरफ से कोई मांग अभी तक रखी है। सरकार में हिस्सेदारी के अलावा कुछ मुद्दे हैं जिनको लेकर बीजेपी TDP, JDU के बीच वैचारिक मतभेद हैं। इसलिए अब उन मुद्दों को हवा दी जा रही है। पूछा जा रहा है कि कॉमन सिविल कोड़ पर JDU और TDP का रूख क्या होगा। क्या ये दोनों पार्टियां बिहार और आन्ध्र को स्पेशल स्टेटस की मांग करेंगी। क्या मोदी पर अग्निवीर स्कीम को वापस लेने के दबाव बनाएंगी। JDU की तरफ से इन सवालों का भी साफ साफ जवाब दिया गया। नीतीश कुमार ने अपनी पार्टी के सांसदों के साथ मीटिंग की। सारे सांसदों को अपनी प्राथमिकताएं समझा दी। ये भी साफ कर दिया कि NDA के साथ थे और NDA के साथ ही रहेंगे।

ये सही है कि विरोधी दलों के नेता समान नागरिक संहिता, राज्यों को विशेष दर्जा, जातिगत जनगणना और अग्निवीर स्कीम जैसे मुद्दों पर विवाद पैदा करने की कोशिश करेंगे लेकिन बीजेपी के नेताओं का कहना है कि इन सभी मुद्दों पर सहमति बनाने में मुश्किल नहीं होगी। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह पहले ही कह चुके हैं कि अनुभव के आधार पर अग्निवीर स्कीम में जो कमियां सामने आएंगी, उन्हें सरकार दूर करेगी, इस योजना पर पुनर्विचार करने में भी कोई हिचक नहीं होगी। इसलिए अगर इस मामले में सहयोगी दल मांग करेंगे तो अग्निवीर योजना पर सरकार अड़ेगी नहीं। जहां तक जातिगत जनगणना का सवाल है तो बीजेपी ने कभी इसका विरोध नहीं किया। इसलिए हो सकता है कि सरकार जातिगत जनगणना के लिए तैयार हो जाए।

बीजेपी के नेताओं का कहना है कि UCC के सवाल पर गृह मंत्री अमित शाह साफ कर चुके हैं कि UCC बीजेपी के एजेंडा में हैं लेकिन इसे लागू करना है या नहीं, ये राज्यों पर निर्भर होगा। इसलिए इसमें भी दिक्कत नहीं होगी। थोड़ी बहुत मुश्किल विशेष दर्जा को लेकर होगी क्योंकि नीतीश कुमार और चन्द्रबाबू नायडू दोनों अपने अपने राज्य के लिए विशेष दर्जा मांग रहे हैं। केन्द्र सरकार की मुश्किल ये है कि अगर बिहार और आन्ध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा दिया जाता है तो दूसरे राज्य भी इसकी मांग करेंगे। नीति आयोग भी इस प्रावधान को खत्म कर चुका है। इसलिए विशेष राज्य का दर्जा देने के बजाए नरेन्द्र मोदी बिहार और आन्ध्र प्रदेश के विकास के लिए अतिरिक्त मदद दे सकते हैं। कुल मिलाकर नरेन्द्र मोदी को भी मालूम है, सरकार गठबंधन की है और नीतीश कुमार और चन्द्रबाबू नायडू भी राजनीति में नए नहीं हैं। उन्हें भी केन्द्र सरकार की सीमाएं मालूम है। इसलिए इस तरह के मुद्दों पर टकराव होगा, इसकी गुंजाइश कम है। (रजत शर्मा)

देखें: ‘आज की बात, रजत शर्मा के साथ’ 6 जून, 2024 का पूरा एपिसोड

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