Friday, March 29, 2024
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चारों धामों में गर्मी का सितम: बद्रीनाथ-केदारनाथ धाम से गायब हुई बर्फ, ऊंची चोटियां भी खतरे में

इस साल तो केदारनाथ धाम में भी परिसर से बर्फ हटाने की जरूरत ही नहीं पड़ी, क्योंकि यहां जमी बर्फ पिघल चुकी है। इसके अलावा गंगोत्री और यमुनोत्री में नाममात्र की बर्फ रह गई है। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि अगर बारिश नहीं हुई और इसी तरह गर्मी पड़ती रही तो ऊंची चोटियां भी बर्फविहीन हो जाएंगी।

IndiaTV Hindi Desk Written by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: April 04, 2022 16:21 IST
Badrinath Dham- India TV Hindi
Image Source : PTI (FILE PHOTO) Badrinath Dham

देहरादून: उत्तराखंड में इस बार अच्छी बर्फबारी हुई थी। चारों धामों में भी अच्छी बर्फबारी हुई, लेकिन मौसम परिवर्तन की वजह से मार्च माह के अंत तक गर्मी तेजी से बढ़ने से चारों धामों में बर्फ तेजी से पिघल रही है। स्थिति यह है कि बद्रीनाथ धाम में जहां पहले साल के इस समय चार फीट तक बर्फ रहती थी, वहां अब बर्फ है ही नहीं। इस साल तो केदारनाथ धाम में भी परिसर से बर्फ हटाने की जरूरत ही नहीं पड़ी, क्योंकि यहां जमी बर्फ पिघल चुकी है। इसके अलावा गंगोत्री और यमुनोत्री में नाममात्र की बर्फ रह गई है। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि अगर बारिश नहीं हुई और इसी तरह गर्मी पड़ती रही तो ऊंची चोटियां भी बर्फविहीन हो जाएंगी। स्थिति को देखते हुए दोनों तीर्थों की यात्रा जल्द शुरू की जा सकती है।

कपाट खुलने तक पूरी तरह पिघल जाएगी बर्फ

स्थानीय निवासियों का कहना है कि गर्मी इसी तरह बढ़ती रही तो कपाट खुलने तक बर्फ पूरी तरह पिघल जाएगी और इस साल तीर्थयात्रियों को धामों में नजदीक से बर्फ का दीदार नहीं हो पाएगा। गढ़वाल विवि के मौसम विज्ञानी डॉ. गौतम का कहना है कि इस बार मार्च माह में बारिश नहीं हुई। वातावरण में नमी समाप्त होने व शुष्कता बढ़ने से अचानक गर्मी बढ़ गई है। इसी का परिणाम है कि बर्फ तेजी से पिघल रही है। अप्रैल आते-आते वातावरण की नमी कम हो गई, जिससे सौर विकीरण तेजी से बढ़ा है।

पिछले 122 साल में सबसे ज्यादा गर्म रहा मार्च का महीना
आपको बता दें कि 2022 का मार्च महीना पिछले 122 साल में सबसे ज्यादा गर्म रहा है। इस बार मार्च महीने में पारा 40 के पार चला गया था और इसकी सबसे बड़ी वजह ग्लोबल वार्मिंग ही है। इससे पहले मार्च 2010 में सामान्य औसत तापमान 33.09 डिग्री सेंटीग्रेड था, जबकि मार्च 2022 में औसत तापमान 33.1 डिग्री सेंटीग्रेड हो गया। अगर बात मार्च 2020 की करें तो उत्तर पश्चिम भारत के कई इलाकों में भीषण गर्मी थी। पिछले कुछ सालों में हमने बेमौसम सामान्य से अधिक गर्मी, सर्दी और बारिश का अनुभव किया है।

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