Thursday, April 25, 2024
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महबूबा मुफ्ती ने कहा, खुली जेल में तब्दील हो चुका है जम्मू-कश्मीर

पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा कि जम्मू-कश्मीर को एक जेल में बदल दिया गया है, और यहां राजनेताओं, पत्रकारों और नागरिक समाज (सिविल सोसायटी) के सदस्यों की आवाज दबाई जा रही है।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: October 29, 2020 17:25 IST
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Image Source : PTI FILE महबूबा मुफ्ती ने कहा कि किसी को भी कश्मीर में बोलने की इजाजत नहीं है।

श्रीनगर: पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा कि जम्मू-कश्मीर को एक जेल में बदल दिया गया है, और यहां राजनेताओं, पत्रकारों और नागरिक समाज (सिविल सोसायटी) के सदस्यों की आवाज दबाई जा रही है। गुरुवार को श्रीनगर में गुपकर रोड स्थित अपने निवास पर पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर के लिए नए भूमि कानूनों के खिलाफ पीडीपी समर्थकों ने बुधवार को जम्मू में विरोध प्रदर्शन किया। महबूबा ने कहा कि इसके बाद गुरुवार को पीडीपी सदस्य कश्मीर में एक मार्च निकालना चाहते थे, मगर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया और पीडीपी कार्यालय को सील कर दिया गया।

‘कश्मीर में किसी को भी बोलने की इजाजत नहीं है’

महबूबा मुफ्ती ने कहा, ‘मैंने उनसे पुलिस स्टेशन में मिलने की कोशिश की, लेकिन मुझे उनसे मिलने की अनुमति नहीं दी गई।’ उन्होंने कहा कि किसी को भी कश्मीर में बोलने की इजाजत नहीं है, चाहे वह पत्रकार हो, सिविल सोसायटी या राजनेता। जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘पूरी तरह से अराजकता है। जम्मू-कश्मीर को जेल में बदल दिया गया है। वे हमारे संसाधनों को लूटना चाहते हैं।’ उन्होंने कहा कि जब लद्दाख के लोगों ने विरोध किया, तो उन्हें एक विमान से दिल्ली ले जाया गया और पूछा कि उनकी क्या समस्याएं हैं, लेकिन आज लद्दाख के लोग भी पछता रहे हैं।

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‘नए कानूनों के खिलाफ अपनी आवाज उठाती रहूंगी’
उन्होंने कहा, ‘गरीब लोगों को रोटी नहीं दी जाती है, बल्कि उन्हें जम्मू-कश्मीर में जमीन खरीदने के लिए कहा जाता है।’ महबूबा ने कहा कि वह जम्मू-कश्मीर के लिए लाए गए नए कानूनों के खिलाफ अपनी आवाज उठाती रहेंगी। उन्होंने कहा, ‘हम ट्विटर के राजनेता नहीं हैं, हम अंदर नहीं रहेंगे, हम बाहर आएंगे। हर दिन दिल्ली द्वारा एक नया डिक्टेट (अलोकप्रिय आदेश) जारी किया जा रहा है। अगर वे इतने मजबूत हैं तो चीन का मुकाबला क्यों नहीं कर रहे हैं, जिसने हमारे 20 जवानों को शहीद कर दिया। क्या सारा सुरक्षा बल जम्मू-कश्मीर के लोगों के लिए ही है?’

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