Friday, March 29, 2024
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DMK के साथ फिर से काम करने की कोई गुंजाइश नहीं है, रजनीकांत से मिलने जाऊंगा: अलागिरी

निष्कासित डीएमके नेता एम के अलागिरी ने बृहस्पतिवार को कहा कि उन्होंने अगले महीने मदुरै में अपने समर्थकों की एक बैठक बुलाई है और इसमें विचार-विमर्श के बाद ही वह राजनीति में अपने भविष्य के कदम को लेकर कोई निर्णय लेंगे।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: December 24, 2020 22:00 IST
M K Alagiri says no scope to work with DMK again, does not rule out floating party- India TV Hindi
Image Source : PTI अलागिरी ने 2021 विधानसभा चुनावों के लिए अपनी पूर्व पार्टी के साथ काम करने की गुंजाइश से इनकार कर दिया। 

चेन्नई: निष्कासित डीएमके नेता एम के अलागिरी ने बृहस्पतिवार को कहा कि उन्होंने अगले महीने मदुरै में अपने समर्थकों की एक बैठक बुलाई है और इसमें विचार-विमर्श के बाद ही वह राजनीति में अपने भविष्य के कदम को लेकर कोई निर्णय लेंगे। यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें फिर से शामिल होने के लिए डीएमके से कोई आमंत्रण मिला है, तो अलागिरी ने कहा कि उन्हें कोई निमंत्रण नहीं मिला है। एक अन्य प्रश्न का उत्तर देते हुए, अलागिरी ने आगामी 2021 विधानसभा चुनावों के लिए अपनी पूर्व पार्टी के साथ काम करने की गुंजाइश से इनकार कर दिया। 

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अलागिरी को जब मार्च 2014 में डीएमके से निष्कासित किया गया था, तब वह दक्षिण क्षेत्र के संगठनात्मक सचिव थे। उन्होंने गोपालपुरम में अपने पारिवारिक आवास पर अपनी मां दयालु अम्मल से मिलने के बाद संवाददाताओं से कहा, "मैंने तीन जनवरी को मदुरै में अपने समर्थकों की एक बैठक बुलाई है और मैं उनकी सलाह के अनुसार काम करूंगा।" 

इस सवाल पर कि अगर उनके समर्थकों ने राजनीतिक पार्टी की शुरुआत करने को कहा तो क्या वह ऐसा करेंगे, पर उन्होंने कहा "हां, निश्चित रूप से, मैं उनकी आकांक्षाओं के अनुसार काम करूंगा।" सुपरस्टार रजनीकांत, जिनके जल्द ही अपनी राजनीतिक पार्टी शुरू करने की संभावना है, से मिलने की संभावना पर पूछे गए एक सवाल पर, उन्होंने कहा कि अभिनेता वर्तमान में चेन्नई में नहीं हैं और शहर लौटने के बाद वह उनसे मिलने जाएंगे।

कुछ हलकों में चर्चा है कि भारतीय जनता पार्टी ने अलागिरी को अपनी ओर लाने का काफी प्रयास किया। खास बात यह है कि बीजेपी राज्य में आगामी विधानसभा चुनाव के लिए राह तैयार करने में लगी है।

अलागिरी को छोटे भाई एमके स्टालिन से विवाद के चलते पार्टी से निकाल दिया गया था। निष्कासन से पहले उन्हें पार्टी का बड़ा नाम समझा जाता था। पार्टी में उनकी पकड़ का आलम यह था कि चुनावी गठबंधन से लेकर प्रचार तक पार्टी के फैसलों पर उनकी इच्छा का खासा प्रभाव होता था। पार्टी के अंदर मौजूद कई सूत्र बताते हैं कि अपने छोटे भाई के पार्टी में बढ़ते कद और पिता के मिलते समर्थन को देखकर अलागिरी का मोहभंग हो गया था।

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