Saturday, April 20, 2024
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नर्मदा परियोजना गुजरात को नई उुंचाईयों पर ले जाएगी: मोदी

नर्मदा बांध पर सरदार सरोवर बांध की नींव 56 साल पहले रखी गई थी। गुजरात सरकार को 17 जून को केंद्र सरकार से इस विवादित बांध के गेट बंद करने की अनुमति मिली जिससे यह परियोजना पूरी की गई।

Bhasha Bhasha
Published on: June 29, 2017 14:33 IST
PM Modi- India TV Hindi
PM Modi

अहमदाबाद: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नर्मदा नदी पर सरदार सरोवर बांध परियोजना पूरी होने की आज प्रशंसा करते हुए इसे बड़ी उपलब्धि बताया और उन्होंने कहा कि यह अगले दस वर्षों में भाजपा सरकार के नेतृत्व में गुजरात को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगी। मोदी ने आज सुबह शहर के हवाईअड्डे पर पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए इस परियोजना को पूरा करने में प्रयासों के लिए कांग्रेस समेत राज्य की पिछली सरकारों की भी सराहना की। मोदी दो दिन की गुजरात यात्रा के तहत आज सुबह यहां पहुंचे। ये भी पढ़ें: कैसे होता है भारत में राष्ट्रपति चुनाव, किसका है पलड़ा भारी, पढ़िए...

नर्मदा बांध पर सरदार सरोवर बांध की नींव 56 साल पहले रखी गई थी। गुजरात सरकार को 17 जून को केंद्र सरकार से इस विवादित बांध के गेट बंद करने की अनुमति मिली जिससे यह परियोजना पूरी की गई। मोदी ने कहा, नर्मदा बांध परियोजना सच में बड़ी उपलब्धि है। अगला दशक इस उपलब्धि को समृद्धि में बदलने की यात्रा होगी और मुझे विश्वास है कि गुजरात इस परियोजना के अगले दस वर्षों में भाजपा के नेतृत्व के तहत नई ऊंचाइयों को छूएगा।

पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने साल 1961 में इस बांध की नींव रखी थी और मोदी के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा इसके 30 गेट बंद करने की अनुमति के साथ ही इस बांध का काम पूरा होने में 56 साल लगे। गेट बंद करने के साथ ही देश के सबसे बड़े जलाशयों में से एक इस बांध की उुंचाई 138 मीटर हो जाएगी और इसकी जल संचयन क्षमता 47.5 लाख घन मीटर हो जाएगी। नर्मदा बचाओ आंदोलन के कार्यकर्ताओं द्वारा उच्चतम न्यायालय से निर्माण कार्य पर रोक का आदेश हासिल करने के बाद वर्ष 1996 में बांध का निर्माण कार्य रोक दिया गया। नर्मदा बचाओ आंदोलन के कार्यकर्ता इस बांध के बनने से पर्यावरण और पुनर्वास संबंधित मुद्दों को उठाते रहे हैं।

उच्चतम न्यायालय ने वर्ष 2000 में इस बांध के निर्माण के पक्ष में फैसला दिया जिसके बाद इसका निर्माण कार्य दोबारा शुरू किया गया। बहरहाल, शीर्ष न्यायालय ने एक शर्त रखी थी कि इस परियोजना से प्रभावित लोगों का पुनर्वास करने या उन्हें मुआवजा देने के बाद ही बांध की ऊंचाई बढ़ाई जाएगी। मोदी ने कहा, राज्य की सभी पिछले सरकारों ने इस परियोजना के मुद्दों को सुलझााने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास किया। हालांकि उन्होंने बाधाओं को पार कर लिया लेकिन अब हम सभी उत्कर्ष को देख रहे हैं। यह परियोजना गुजरात की विकास की यात्रा में नए आयाम जोड़ेगी।

वर्ष 2014 से पहले गुजरात के मुख्यमंत्री के तौर पर अपने दिनों को याद करते हुए मोदी ने कहा कि केंद्र की पिछली सरकारों के साथ-साथ ज्यादातर राज्य गुजरात में पानी की कमी के कारण पैदा हुई स्थिति की गंभीरता को नहीं समझा सकते थे। मोदी ने कहा, गुजरात की विकास यात्रा में पानी हमेशा से एक चुनौती रहा है। जब मैं मुख्यमंत्री था और इस मुद्दे को लेकर केंद्र सरकार के साथ बैठकें करता था तो मैं उन्हें बताता था कि पानी की कमी के कारण विकास कार्य करने में हमें किन मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।

उन्होंने कहा, लेकिन केंद्र के साथ-साथ कुछ राज्य यह नहीं समझा सकते थे कि स्थिति कितनी गंभीर थी। यही वजह है कि क्यों गुजरात के लोग पानी की महत्ता को पूरी तरह समझाते है। मोदी ने कहा कि वह इस परियोजना को राष्ट्र को समर्पित करने के लिए जल्द ही वापस आएंगे। उन्होंने कहा, बांध के गेट बंद होने के बाद गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपानी ने मुझे फोन किया और राष्ट्र को यह परियोजना समर्पित करने के लिए मुझो आमंत्रित किया। मेरा कार्यालय उन्हें एक तारीख देने के लिए आने वाले दिनों में जवाब देगा ताकि मुझे वापस आने और गुजरात की विकास यात्रा शुरू होने का साक्षी बनने का मौका मिल सके।

इससे पहले मुख्यमंत्री रुपानी, उप मुख्यमंत्री नितिन पटेल, कई मंत्रियों और प्रदेश भाजपा नेताओं ने यहां पहुंचने पर मोदी का स्वागत किया।

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