
नई दिल्ली: ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने इंडिया टीवी के मशहूर शो 'आप की अदालत' में सख्त रुख अपनाते हुए कहा कि 'भारत को ऑपरेशन सिंदूर तब तक जारी रखना चाहिए जब तक कि पहलगाम आतंकी हमले के चारों हत्यारे मारे नहीं जाते।' इंडिया टीवी के चेयरमैन एवं एडिटर-इन-चीफ रजत शर्मा के सवालों के जवाब देते हुए ओवैसी ने चेतावनी दी, 'अगर पाकिस्तान ने दोबारा हिमाकत की तो बहुत महंगा साबित होगा इस बार। अगर भारतीय सशस्त्र बल चाहते तो पाकिस्तान के सभी नौ एयरबेस को पूरी तरह तबाह कर सकते थे, लेकिन उन्होंने सिर्फ रनवे को निशाना बनाया। यह उनके लिए एक संदेश था कि यह तो बस ट्रेलर था और उन्हें सावधान रहना चाहिए। हमारी सेना ने पाकिस्तान को करारा जवाब दिया और दुश्मन को मैसेज मिल गया। यही वजह है कि उनके DGMO ने हमारे DGMO को फोन कर सैन्य कार्रवाई रोकने की गुहार लगाई।'
'पाकिस्तान झूठ फैलाता है, उसकी सेना ड्रामेबाजी करती है'
AIMIM नेता, जो सऊदी अरब, कुवैत, बहरीन और अल्जीरिया जैसे इस्लामी देशों में सर्वदलीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा थे, ने कहा, 'पाकिस्तान हमेशा झूठ फैलाता है। उसकी सेना 'ड्रामेबाज़ी' करती है। पाकिस्तान के आर्मी चीफ ने अपने प्रधानमंत्री को चीनी सेना की कई साल पुरानी ड्रिल की फर्जी तस्वीर दिखाकर बेवकूफ बनाने की कोशिश की। उनके प्रधानमंत्री ने टैंक पर खड़े होकर कैमरे के लिए पोज़ दिया, लेकिन इस संघर्ष में टैंकों का इस्तेमाल हुआ ही नहीं। सिर्फ पुंछ में, उन्होंने नागरिक इलाकों पर गोले बरसाए, जिसमें एक मस्जिद के इमाम और जुड़वां बहनों सहित कई नागरिक मारे गए। पाकिस्तान कभी भी भारत के साथ जंग नहीं जीत सकता। भविष्य में भी नहीं, इंशा अल्लाह।'
'पाकिस्तान एक नाकाम मुल्क है और हमेशा ऐसा ही रहेगा'
ओवैसी ने कहा, 'पाकिस्तान के प्रधानमंत्री (शहबाज़ शरीफ) ने खुद कहा कि वह स्विमिंग ट्रंक पहनकर तैर रहे थे जब उन्हें खबर मिली कि भारत ने उनके नौ हवाई अड्डों पर हमला किया है। एक विदेशी पत्रकार ने मुझसे पूछा कि यह कैसे हुआ। मैंने मज़ाक में कहा कि हमने नमाज़-ए-फ़ज्र से पहले 'अल्लाहु अकबर' का नारा लगाया और हमला कर दिया। पाकिस्तान एक नाकाम मुल्क है और हमेशा ऐसा ही रहेगा। उसकी सेना और डीप स्टेट भारत के लिए खतरा बने रहेंगे। पाकिस्तान की सेना दुनिया की इकलौती ऐसी सेना है जो रियल एस्टेट और होटलों का कारोबार करती है। पाकिस्तान की सेना का एकमात्र मकसद इस्लाम की रक्षा के नाम पर अपनी गलतियों को छिपाना है, लेकिन उसका असली मकसद सांप्रदायिक तनाव भड़काकर भारत को अस्थिर करना है।' AIMIM सुप्रीमो ने कहा, 'पाकिस्तान की तरफ से खतरा तब तक कम नहीं होगा जब तक उसकी सेना देश पर कब्जा जमाए रखेगी। वह आतंकी गुटों का समर्थन करती रहेगी। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि वह कामयाब न हो।'
ट्रम्प के साथ आसिम मुनीर के लंच पर क्या बोले ओवैसी?
जब रजत शर्मा ने ओवैसी से पूछा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने पाकिस्तानी सेना प्रमुख आसिम मुनीर को व्हाइट हाउस में लंच पर क्यों बुलाया, ओवैसी ने जवाब दिया, 'आसिम मुनीर को पाकिस्तान के लोगों को बताना चाहिए कि उन्होंने ट्रम्प के साथ क्या सौदा किया है। जब ट्रम्प ने मुनीर को लंच पर बुलाया, तो उन्होंने ज़रूर उनसे (ईरान-पाक) बॉर्डर पर कुछ करने के लिए कहा होगा। उन्हें नाचने के लिए मजबूर किया जाएगा, और वे (अमेरिका) उन्हें नचाएंगे। व्हाइट हाउस में मुफ्त का लंच नहीं मिलता। यह जगज़ाहिर है कि अमेरिका की पहुंच पाकिस्तान के ज़्यादातर ठिकानों तक है, जबकि भारत में हम किसी भी दूसरे देश को अपने ठिकानों तक पहुंच नहीं देते।'
ट्रम्प के युद्धविराम करवाने के दावे पर पर ओवैसी ने ये कहा
व्यापार सौदों की पेशकश कर भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर करवाने के ट्रंप के दावों के बारे में पूछे जाने पर ओवैसी ने कहा, 'सबसे पहले, मुझे नहीं लगता कि ट्रम्प को ज़्यादा जानकारी है। भारत का अमेरिका के साथ रणनीतिक रिश्ता है और ट्रम्प 'बके जा रहे हैं, बके जा रहे हैं'। हमारे प्रधानमंत्री ने उनसे आधे घंटे तक बात की, हमारे विदेश सचिव ने उनका वीडियो जारी किया। फिर भी ट्रम्प ने दावा किया कि उन्होंने व्यापार सौदों की पेशकश कर जंग रोकी। पाकिस्तान का अमेरिका के साथ व्यापार मुश्किल से 4 बिलियन डॉलर का है, जबकि भारत का अमेरिका के साथ व्यापार 180 बिलियन डॉलर का है। अगर भारत अमेरिका के साथ द्विपक्षीय व्यापार संधि पर सहमत होता है, तो लक्ष्य 500 बिलियन डॉलर का है। वे (अमेरिका) 5 बिलियन की ट्रेड चाहते हैं या 500 बिलियन की?'
'ट्रंप इज़रायल के फ़िलीस्तीन पर हमले क्यों नहीं रोक रहे?'
ओवैसी ने आगे कहा, 'मुझे लगता है कि पाकिस्तान के क्रिप्टो कनेक्शन की वजह से वह (ट्रम्प) बकवास कर रहे हैं। जहां तक गोलीबारी बंद करने की बात है, मेरी शिकायत यह है कि इसके बारे में हमारे प्रधानमंत्री या हमारी सरकार को ऐलान करना चाहिए था, न कि ट्रम्प से दुनिया को यह पता चलनी चाहिए थी। यह हमारी सरकार है, हमारा देश है, और हमें दूसरे देश के नेता से यह सब पता चला। अगर ट्रम्प दावा करते हैं कि उन्होंने हमारी जंग रोकी, तो वे इज़रायल के फ़िलीस्तीन पर हमले क्यों नहीं रोक रहे? अगर उनके पास इतनी ताकत है, तो ईरान-इज़रायल जंग और रूस-यूक्रेन जंग को भी खत्म करवा दें।'