Monday, April 29, 2024
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आतंकवाद, मॉब लिंचिंग पर नए नियम समेत IPC में क्या-क्या बदलने वाला है? गृह मंत्री अमित शाह ने बताया

बुधवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह IPC में हो रहे बदलाव से जुड़े सवालों पर जवाब दे रहे हैं। आइए जानते हैं कि इन बदलावों के बाद क्या कुछ नया देखने को मिलेगा।

Subhash Kumar Written By: Subhash Kumar @ImSubhashojha
Updated on: December 20, 2023 18:49 IST
गृह मंत्री अमित शाह ने दी बड़ी जानकारी।- India TV Hindi
Image Source : SANSAD TV गृह मंत्री अमित शाह ने दी बड़ी जानकारी।

भारतीय दंड संहिता (IPC), दंड प्रक्रिया संहिता (CRPC) और साक्ष्य अधिनियम (एविडेंस एक्ट) में बड़े बदलाव होने वाले हैं। इन तीनों ही कानूनों की जगह अब जल्द ही भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और  भारतीय साक्ष्य अधिनियम लेने वाले हैं। इसे लेकर मंगलवार को लोकसभा में विधेयक पेश हो गया है। बुधवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह इन बदलाव से जुड़े सवालों पर जवाब दे रहे हैं। आइए जानते हैं कि इन बदलावों के बाद क्या कुछ नया देखने को मिलेगा।  

क्या बदलाव होंगे?

लोकसभा में पेश किए गए तीनों नए कानूनों में कई बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे। लोकसभा में गृह मंत्री अमित शाह ने बताया कि भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (CRPC) में पहले 484 धाराएं थीं, अब 531 होंगी, 177 धाराओं में बदलाव हुआ है। 9 नई धाराएं जोड़ी गई हैं, 39 नए सब सेक्शन जोड़े गए हैं, 44 नए प्रोविजन और स्पष्टीकरण जोड़े गए हैं, 35 सेक्शन में टाइम लाइन जोड़ी हैं और 14 धाराओं को हटा दिया गया है। 

आतंकवाद की व्याख्या और मॉब लिंचिंग पर फांसी

गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि मॉब लिंचिंग घृणित अपराध है और हम इस कानून में मॉब लिंचिंग अपराध के लिए फांसी की सजा का प्रावधान कर रहे हैं। उन्होंने विपक्ष से पूछा कि आपने भी वर्षों देश में शासन किया है, आपने मॉब लिंचिंग के खिलाफ कानून क्यों नहीं बनाया? अमित शाह ने कहा कि आतंकवाद की व्याख्या अब तक किसी भी कानून में नहीं थी। पहली बार अब मोदी सरकार आतंकवाद को व्याख्यायित करने जा रही है जिससे इसकी कमी का कोई फायदा न उठा पाए।

राजद्रोह कानून निरस्त

गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में बताया कि राजद्रोह जैसे अंग्रेजों के काले कानून को समाप्त कर दिया गया है। इसकी जगह देशद्रोह कानून लाया गया है। देश के खिलाफ बोलना गुनाह होगा। सशस्त्र विद्रोह करने पर जेल होगी। उन्होंने कहा कि पुराने कानून तत्कालीन कानून विदेशी शासकों द्वारा अपना वर्चस्व बनाए रखने में मदद के लिए बनाए गए थे। नए कानून हमारे संविधान के मूल मूल्यों- व्यक्तिगत स्वतंत्रता, मानवाधिकार और सभी के लिए समान व्यवहार को ध्यान में रखकर बनाए गए हैं।

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