Monday, April 29, 2024
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'आपने मॉब लिंचिंग शब्द पर सिर्फ हमें गाली दी, हमने कानून बना दिया', शाह ने विपक्ष को खूब सुनाया

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में कहा कि मेरे लिए बहुत सम्मान और गौरव की बात है कि आज मैं इस महान सदन के सामने 3 कानून लेकर उपस्थित हुआ हूं।

Vineet Kumar Singh Edited By: Vineet Kumar Singh @VickyOnX
Published on: December 20, 2023 16:19 IST
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Image Source : SCREEN GRAB लोकसभा में अपने संबोधन के दौरान गृह मंत्री अमित शाह।

नई दिल्ली: आपराधिक कानून संशोधन बिल पर बुधवार को लोकसभा में दिए गए अपने संबोधन में गृह मंत्री अमित शाह ने नए कानूनों से जुड़ी तमाम बातों को साफ कर दिया। उन्होंने कहा कि इस ऐतिहासिक सदन में करीब 150 साल पुराने उन 3 कानूनों में आमूलचूल परिवर्तन किया जा रहा है जिनसे हमारी आपराधिक न्याय प्रणाली चलती है। शाह ने कहा कि 1860 में बने इंडियन पीनल कोड का उद्देश्य न्याय देना नहीं बल्कि दंड देना था। उन्होंने सदन को बताया कि इस बार नए कानून के तहत मॉब लिंचिंग के लिए फांसी की सजा का प्रावधान किया गया है।

‘मेरे लिए बहुत सम्मान और गौरव की बात है कि…’

गृह मंत्री ने अपना संबोधन शुरू करते हुए कहा, 'मेरे लिए बहुत सम्मान और गौरव की बात है कि आज मैं इस महान सदन के सामने 3 कानून लेकर उपस्थित हुआ हूं। ये ऐसा मौका है जब हमारा संविधान अगले वर्ष 75 साल पूरे कर लेगा, ये ऐसा मौका है जब अभी-अभी इस संसद ने देश की मातृ शक्ति को सदनों में 33% आरक्षण देने का कानून बनाया है।' शाह ने कहा, ‘इस ऐतिहासिक सदन में करीब 150 साल पुराने तीन कानून, जिनसे हमारी आपराधिक न्याय प्रणाली चलती है, उन तीनों कानूनों में  पहली बार मोदी जी के नेतृत्व में भारतीयता, भारतीय संविधान और भारत की जनता की चिंता करने वाले बहुत आमूलचूल परिवर्तन लेकर मैं आया हूं।’

‘IPC का उद्देश्य न्याय देना नहीं बल्कि दंड देना था’

शाह ने अपने संबोधन में आगे कहा, '1860 में बनी IPC उद्देश्य न्याय देना नहीं बल्कि दंड देना ही था। उसकी जगह भारतीय न्याय संहिता 2023 इस सदन की मान्यता के बाद पूरे देश में अमल में आएगी। CrPc की जगह भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 इस सदन के अनुमोदन के बाद अमल में आएगी, और इंडियन एविडेंस एक्ट 1872 की जगह भारतीय साक्ष्य विधेयक 2023 अमल में आएगा। भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (CRPC) में पहले 484 धाराएं थीं, अब 531 होंगी, 177 धाराओं में बदलाव हुआ है। 9 नई धाराएं जोड़ी गई हैं, 39 नए सब सेक्शन जोड़े गए हैं, 44 नए प्रोविजन और स्पष्टीकरण जोड़े गए हैं, 35 सेक्शन में टाइम लाइन जोड़ी हैं और 14 धाराओं को हटा दिया गया है।'

‘....आप सत्ता में रहे तो कानून बनाना भूल गए’

केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि नए कानूनों में मॉब लिंचिंग के लिए फांसी की सजा का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा, ‘मॉब लिंचिंग घृणित अपराध है और हम इस कानून में मॉब लिंचिंग अपराध के लिए फांसी की सजा का प्रावधान कर रहे हैं। लेकिन मैं विपक्ष से पूछना चाहता हूं कि आपने भी वर्षों देश में शासन किया है, आपने मॉब लिंचिंग के खिलाफ कानून क्यों नहीं बनाया? आपने मॉब लिंचिंग शब्द का इस्तेमाल सिर्फ हमें गाली देने के लिए किया, लेकिन सत्ता में रहे तो कानून बनाना भूल गए।’

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