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विरासत टैक्स की राय पर भड़के अर्थशास्त्री, बोले- ये चीन-पाकिस्तान के हमले को बुलावा देगा

सैम पित्रोदा की विरासत टैक्स वाली राय पर अब तक घमासान थमा नहीं है। अर्थशास्त्री गौतम सेन ने कहा है कि अमेरिका का उदाहरण भारत के लिए बिल्कुल भी व्यवहारिक नहीं है। उन्होंने और भी कई अहम बाते सामने रखी हैं।

Written By: Subhash Kumar @ImSubhashojha
Published : May 08, 2024 13:39 IST, Updated : May 08, 2024 14:59 IST
सैम पित्रोदा पर भड़के अर्थशास्त्री गौतम सेन।- India TV Hindi
Image Source : ANI सैम पित्रोदा पर भड़के अर्थशास्त्री गौतम सेन।

इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के प्रमुख सैम पित्रोदा की ओर से भारत में विरासत कर (Inheritance Tax) लगाने की दी गई राय पर पर अर्थशास्त्री गौतम सेन भड़क गए हैं। उन्होंने सैम पित्रौदा के इस बयान को अव्यवहारिक करार दिया है। गौतम सेन ने बताया है कि सबसे पहली बात तो यह है कि अमेरिका में कोई विरासत कर नहीं है। उनके पास विरासत कर नहीं है, इसे एस्टेट ड्यूटी और गिफ्ट टैक्स कहा जाता है। सेन ने इस बात का भी खुलासा किया है कि अमेरिका में 2022 तक 0.14% मृतकों को इसका भुगतान करना पड़ता है। 2.5 मिलियन मृतकों में से केवल 0.14% यानी पूरे अमेरिका में 4000 लोग एस्टेट ड्यूटी के अधीन हैं। 

अमेरिका का उदाहरण भारत के लिए अव्यावहारिक 

अर्थशास्त्री गौतम सेन ने कहा कि अमेरिका में अधिकांश संपत्तियों को छूट दी गई है क्योंकि छूट की सीमा बहुत अधिक (13.6 मिलियन डॉलर) है। वास्तव में अमीरों का पैसा ट्रस्टों में है। इसलिए अमेरिका का उदाहरण भारत के लिए बिल्कुल भी अच्छा सादृश्य नहीं है। सभी घरों और व्यवसायों का सर्वेक्षण करने का प्रस्ताव कई कारणों से अव्यावहारिक है। भारत में 2.4 फीसदी या उससे भी कम लोग इनकम टैक्स भरते हैं। उस समूह में लगता है कि 1.2 मिलियन से अधिक लोगों के पास व्यक्तिगत संपत्ति नहीं है जो मुख्य रूप से उनके अपने निवास में हैं। उन्हें आत्मसमर्पण करने के लिए मजबूर करने के लिए, आपको उनके व्यवसाय बंद करने होंगे।

चीन-पाकिस्तानी आक्रमण का खतरा

गौतम सेन ने कहा है कि अगर ऊपर बताए गए कदमों को उठाया जाता है तो आर्थिक अराजकता होगी। उन्होंने कहा कि हमारे पास जो है वह पहले की तुलना में बहुत बड़ा सुधार है। हमारे पास यह अविश्वसनीय संयोजन है जो लगभग कभी भी हासिल नहीं किया गया है, निवेश के माध्यम से धन सृजन, पुनर्वितरण के साथ बुनियादी ढांचे का संयोजन। भले ही आपको इस गैर-समझदारीपूर्ण विचार से कुछ हासिल करना हो, लेकिन आप अपने बच्चों और पोते-पोतियों से इसे छीन लेंगे। ऐसा करने वाला कोई भी व्यक्ति भारत का मित्र नहीं है। गौतम सेन ने कहा कि भारत की राजनीतिक और आर्थिक अराजकता तुरंत चीन-पाकिस्तानी आक्रमण को आमंत्रित करेगी क्योंकि वे भारत के साथ हिसाब बराबर करने और भारतीय क्षेत्र को जब्त करने के अवसरों की प्रतीक्षा कर रहे हैं। इसलिए, जो भी ऐसा करना चाहता है वह भारत का मित्र नहीं है।

क्या कहा था सैम पित्रौदा ने?

कांग्रेस के थिंक टैंक और इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रौदा ने विरासत की संपत्ति में टैक्स लगाने की वकालत की थी। उन्होंने कहा था कि अमेरिका में इस तरह का कानून है। सैम ने कहा था कि अमेरिका में कोई भी शख्स 45 प्रतिशत संपत्ति अपने बच्चों को हस्तांतरित कर सकता है। 55 प्रतिशत हिस्सा सरकार ले लेती है। पित्रौदा ने कहा कि आपने अपनी पीढ़ी के लिए संपत्ति बनाई है। आपको अपनी संपत्ति जनता के लिए छोड़नी चाहिए, पूरी नहीं, आधी, जो मुझे उचित लगती है। उन्होंने कहा कि भारत में इस तरह का कानून नहीं है लेकिन ऐसा नियम यहां भी बनना चाहिए। 

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