चंडीगढ़ मेयर चुनाव में हुआ बवाल अब सुप्रीम कोर्ट में पहुंच चुका है। सोमवार को मामले में सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने चंडीगढ़ मेयर चुनाव कराने वाले रिटर्निंग ऑफिसर की आलोचना की और कहा कि यह स्पष्ट है कि रिटर्निंग ऑफिसर ने मतपत्रों को विकृत किया है। जानकारी के मुताबिक, कोर्ट ने चुनाव प्रक्रिया का वीडियो देखने के बाद ये बात कही। सुप्रीम कोर्ट ने रिटर्निंग ऑफिसर को सख्त लहजे में लताड़ लगाई है।
यह लोकतंत्र की हत्या है- सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई में कहा है कि ये साफ है कि रिटर्निंग ऑफिसर ने मतपत्रों को विकृत किया है। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान रिटर्निंग ऑफिसर को लेकर कहा- "क्या वह इसी तरह से चुनाव आयोजित करते हैं? यह लोकतंत्र का मजाक है। यह लोकतंत्र की हत्या है। हम हैरान हैं। इस आदमी पर मुकदमा चलाया जाना चाहिए। क्या यह रिटर्निंग ऑफिसर का व्यवहार है?"
आगामी बैठक को टालने का आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल के माध्यम से मतपत्र, वीडियोग्राफी और अन्य सामग्री सहित चुनाव प्रक्रिया के पूरे रिकॉर्ड को संरक्षित करने का आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने ये भी निर्देश दिया कि चंडीगढ़ निगम की आगामी बैठक को सुनवाई की अगली तारीख तक के लिए टाल दिया जाए।
क्या है पूरा मामला?
दरअसल चंडीगढ़ में हुए मेयर के चुनाव में बीजेपी ने जीत हासिल की थी। जिसको लेकर आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाया था कि बीजेपी ने बेईमानी से चुनाव जीता है। इस मामले को लेकर खूब हंगामा हुआ और दोनों पार्टियों की तरफ से बयानबाजी भी हुई। आम आदमी पार्टी ने नगर निगम कार्यालय के बाहर अनशन भी शुरू कर दिया था। चंडीगढ़ मेयर चुनाव में गड़बड़ी के आरोप पर AAP संयोजक और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने बीजेपी पर निशाना साधा और उस पर चुनाव में गड़बड़ी का आरोप लगाया। इस मामले में आप और बीजेपी आमने-सामने है।
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