Thursday, May 02, 2024
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नहीं थम रहा आगरा में Coronavirus का कहर, सामने आई मेडिकल कालेज की बड़ी लापरवाही

उत्तर प्रदेश के आगरा में कोरोना कंट्रोल में नही आ रहा। कल भी यहां 16 नए मामले सामने आये हैं जिसके बाद शहर में कोरोना मरीज़ों की तादाद 388 हो गई है। आगरा में अब तक दस कोरोनो पॉजिटिव मरीज़ों की मौत हो चुकी है।

Ruchi Kumar Reported by: Ruchi Kumar
Published on: April 28, 2020 12:14 IST
Carelessness of the Agra medical college in fight against Coronavirus detected- India TV Hindi
Carelessness of the Agra medical college in fight against Coronavirus detected

नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के आगरा में कोरोना कंट्रोल में नही आ रहा। कल भी यहां 16 नए मामले सामने आये हैं जिसके बाद शहर में कोरोना मरीज़ों की तादाद 388 हो गई है। आगरा में अब तक दस कोरोनो पॉजिटिव मरीज़ों की मौत हो चुकी है। यूपी में आगरा कोरोना का सबसे बड़ा केंद्र है लेकिन वहां के जिस मेडिकल कालेज पर इसके इलाज की सबसे बड़ी जिम्मेदारी थी, सरकारी जांच में उसकी बड़ी लापरवाही सामने आई है। यूपी सरकार आगरा मेडिकल कालेज में कोरोना के लिये किये गए इंतजामों की जांच के लिये कमेटी बना चुकी है। इस कमेटी में लखनऊ के किंग जार्ज मेडिकल कालेज के दो डाक्टर -  रेस्पिरेटरी विभाग के प्रो. डॉ. सूर्यकांत और मेडिसन विभाग के प्रोफेसर विवेक कुमार हैं।

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कमेटी ने अपनी जांच रिपोर्ट सौप दी है। सूत्रों को मुताबिक जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि आगरा में कोरोना वायरस पीक पर पहुंचा तब बीमीरी की वजह से मेडिकल कालेज के प्रिंसिपल छुट्टी पर चले गए। उनकी जगह जिन्हें चार्ज दिया गया वो भी बिना चार्ज दिए लापता हो गए जिसके बाद बाल रोग विभाग के हेड को प्रिंसपल का चार्ज दिया गया लेकिन उन्होंने डीएम को कह दिया कि उन्हें बहुत सारी बीमारियां हैं और वो चार्ज नही ले सकते।

इसके बाद रेडियोथेरेपी विभाग को प्रिंसपल का चार्ज मिला। जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रिंसपल की गैर मौजूदगी की वजह से मेडिकल कालेज में बहुत कंफ्यूज़न रहा। हालात इतने बिगड़ गए कि बीमार प्रिंसपल, जिनका आपरेशन हुआ था, जो बेड रेस्ट पर थे उन्हें वापस आफिस जॉइन करना पड़ा।

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि मेडिकल कालेज और उससे जुड़े दूसरे अस्पतालों ने कोरोना बीमारी की गम्भीरता को नहीं समझा और कोरोना के इलाज में दिलचस्पी नहीं ली। मेडिकल स्टाफ को ट्रेनिंग नही दी गई, मेडिकल कालेज में फिजिकल डिस्टेंसिंग और क्वारंटाइन का ठीक तरह से पालन नही किया गया जिससे मेडिकल कालेज के 3 डाक्टर और 4 स्वास्थ्य कर्मचारियों को कोरोना हो गया।

जांच कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि मेडिकल कालेज और उससे जुड़े अस्पताल में डाक्टरों और पैरा मेडिकल स्टाफ में अनुशासन की कमी रही और सीनियर के कहने पर भी कई डाक्टर और पैरा मेडिकल स्टाफ ड्यूटी पर नही आये और उनके खिलाफ कोई करवाई भी नहीं हुई।

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