जम्मू: सीमा सुरक्षा बल (BSF) के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि BSF आने वाले महीनों में कोहरे का फायदा उठाकर सीमा पार से घुसपैठ करने की आतंकवादियों की किसी भी कोशिश को विफल करने के वास्ते पूरे जम्मू सेक्टर के लिए शीतकालीन रणनीति के साथ तैयार है। बीएसएफ के महानिरीक्षक (जम्मू सीमा) शशांक आनंद ने कहा कि खुफिया रिपोर्टों से पता चलता है कि लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) और जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) जैसे आतंकवादी संगठन मई में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान भारी नुकसान झेलने के बाद फिर से संगठित होने लगे हैं।
बड़ी चुनौती होती है कोहरा
शशांक आनंद ने कहा, ‘‘(जम्मू सेक्टर में) सर्दियों के महीनों में सबसे बड़ी चुनौती कोहरा होती है, जिसके लिए हमारे जवानों को पूरी तरह सतर्क रहना पड़ता है। हमारी शीतकालीन रणनीति तैयार है और हम सीमा पार से आतंकवादियों की घुसपैठ की किसी भी कोशिश को नाकाम करने के लिए सीमाओं पर अपनी सतर्कता बढ़ा रहे हैं।’’ उन्होंने कहा कि दुश्मन बार-बार आतंकवादियों को सीमापार धकेलने की कोशिश कर रहा है, लेकिन वे अब तक अपने नापाक मंसूबों में कामयाब नहीं हो पाए हैं।
दुश्मन को जवाब देने के लिए तैयार
शशांक आनंद ने कहा, ‘‘बीएसएफ अपनी सहयोगी एजेंसियों के साथ लगातार संपर्क में है और सीमा पार से आने वाली खुफिया जानकारी साझा कर रही है। हम दुश्मन को करारा जवाब देने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।’’ महानिरीक्षक ने कहा कि घबराने की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि भारतीय सुरक्षाबल सीमा पार होने वाली हर गतिविधि पर कड़ी नज़र रख रहा है।
फिर से संगठित हो रहे आतंकी
उन्होंने कहा, ‘‘सशस्त्र बलों ने मई में ऑपरेशन सिंदूर के तहत सीमा पार मिसाइल हमले किए और लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख शिविरों समेत नौ आतंकी ढांचे नष्ट कर दिए, जबकि बीएसएफ ने अंतरराष्ट्रीय सीमा और नियंत्रण रेखा पर कई आतंकी लॉन्च पैड नष्ट कर दिए।’’ महानिरीक्षक ने कहा, ‘‘हमें जानकारी मिल रही है कि उन्होंने अपने ठिकाने बदल दिए हैं और एक बार फिर से संगठित हो रहे हैं। हम आवश्यकतानुसार उचित कार्रवाई करेंगे और हम इसके लिए तैयार हैं।’’ (इनपुट- पीटीआई)
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