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Nag Panchami 2022: नाग पंचमी के दिन बनने जा रहा है बेहद शुभ संयोग, जानिए शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, व्रत कथा और महत्व

Nag Panchami 2022: आइए जानते हैं नाग पंचमी डेट,शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, व्रत कथा और महत्व

Sushma Kumari Written By: Sushma Kumari @ISushmaPandey
Updated on: July 06, 2022 18:53 IST
Nag Panchami 2022- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV Nag Panchami 2022

Highlights

  • हर साल श्रावण शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को नागपंचमी का पर्व मानाने का विधान है।
  • इस साल नाग पंचमी 2 अगस्त 2022 को मनाया जाएगा।

Nag Panchami 2022:  हर साल श्रावण शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को नागपंचमी का पर्व मानाने का विधान है। हमारे देवताओं के बीच नागों का हमेशा से अहम स्थान रहा है। भगवान विष्णु जी शेष नाग की शैय्या पर सोते हैं और भगवान शंकर अपने गले में नागों को यज्ञोपवीत के रूप में रखते हैं। भगवद्गीता में भगवान कृष्ण ने अपने को सर्पों में वासुकि और नागों में अनन्त कहा है। बता दें कि दक्षिण भारत में नाग पंचमी के दिन लकड़ी की चौकी पर लाल चन्दन से सर्प बनाये जाते हैं या मिट्टी के पीले या काले रंगों के सांपों की प्रतिमाएं बनायी या खरीदी जाती हैं और उनकी दूध से पूजा की जाती है। आइए जानते हैं नाग पंचमी डेट,शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, व्रत कथा और महत्व

कब है नाग पंचमी 2022 ?

इस साल नाग पंचमी 2 अगस्त 2022 को मनाया जाएगा। 

नाग पंचमी 2022 का शुभ मुहूर्त

  • नाग पंचमी तिथि प्रारम्भ- 2 अगस्त को सुबह 05 बजकर 14 मिनट से 
  • नाग पंचमी समाप्त: 3 अगस्त को सुबह 05 बजकर 42 मिनट तक
  •  नाग पंचमी पूजा मुहूर्त 02 अगस्त को सुबह 05 बजकर 24 मिनट से सुबह 08 बजकर 24 मिनट तक रहेगा।

नाग पंचमी का महत्व

नाग पंचमी के दिन नाग देवता की पूजा करने से कालसर्प दोषों से मुक्ति मिलती है। नाग देवता को घर का रक्षक भी माना जाता है। कहा जाता है कि इस दिन नाग देवता की पूजा करने से घर में सुख, शांति और समृद्धि भी आती है।

नाग पंचमी की पूजा विधि

  • कई घरों में दीवार पर गेरू पोतकर पूजन का स्थान बनाया जाता है।
  • उसके बाद उस दिवार पर कच्चे दूध में कोयला घिसकर उससे एक घर की आकृति बनाई जाती है।
  • फिर उसके अन्दर नागों की आकृति बनाकर उनकी पूजा की जाती है।
  • साथ ही कुछ लोग घर के मुख्य दरवाजे के दोनों तरफ हल्दी से, चंदन की स्याही से अथवा गोबर से नाग की आकृति बनाकर उनकी पूजा करते हैं।
  • नागपंचमी का ये त्योहार सर्प दंश के भय से मुक्ति पाने के लिए और कालसर्प दोष से छुटकारा पाने के लिए मनाया जाता है।

कालसर्प दोष से छुटकारा पाने के लिए करें इन आठ नागों की पूजा 

लिहाजा अगर आपको भी इस तरह का कोई भय है या आपकी कुंडली में कालसर्प दोष है तो उससे छुटकारा पाने के लिये आज आपको इन आठ नागों की पूजा करनी चाहिए- वासुकि, तक्षक , कालिय, मणिभद्र, ऐरावत, धृतराष्ट्र, कर्कोटक और धनंजय।

Nag Panchami 2022

Image Source : INDIA TV
Nag Panchami 2022

नाग पंचमी कथा

नाग पंचमी को लेकर कई कथाएं प्रचलित है। आज हम आपको इनमें से 2 कथाओं के बारे में बता रहे हैं।

किसी राज्य में एक किसान अपने दो पुत्र और एक पुत्री के साथ रहता था। एक दिन खेतों में हल चलाते समय किसान के हल के नीचे आने से नाग के तीन बच्चे मर गयें। नाग के मर जाने पर नागिन ने शुरु में विलाप कर दु:ख प्रकट किया फिर उसने अपनी संतान के हत्यारे से बदला लेने का विचार बनाया। रात्रि के अंधकार में नागिन ने किसान व उसकी पत्नी सहित दोनों लडकों को डस लिया। अगले दिन प्रात: किसान की पुत्री को डसने के लिये नागिन फिर चली तो किसान की कन्या ने उसके सामने दूध का भरा कटोरा रख दिया। और नागिन से वह हाथ जोडकर क्षमा मांगले लगी। नागिन ने प्रसन्न होकर उसके माता-पिता व दोनों भाईयों को पुन: जीवित कर दिया। उस दिन श्रावण मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि थी। उस दिन से नागों के कोप से बचने के लिये इस दिन नागों की पूजा की जाती है। और नाग -पंचमी का पर्व मनाया जाता है।

दूसरी कथा

एक राजा के सात पुत्र थे, सभी का विवाह हो चुका था। उनमें से छ: पुत्रों के यहां संतान भी जन्म ले चुकी थी, परन्तु सबसे छोटे की संतान प्राप्ति की इच्छा अभी पूरी नहीं हुई थी। संतानहीन होने के कारण उन दोनों को घर -समाज में तानों का सामना करना पडता था। समाज की बातों से उसकी पत्नी परेशान हो जाती थी। परन्तु पति यही कहकर समझाता था, कि संतान होना या न होना तो भाग्य के अधीन है। इसी प्रकार उनकी जिन्दगी के दिन किसी तरह से संतान की प्रतिक्षा करते हुए गुजर रहे थें। एक दिन श्रवण मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि थी। इस तिथि से पूर्व कि रात्रिं में उसे रात में स्वप्न में पांच नाग दिखाई दिये। उनमें से एक ने कहा की अरी पुत्री, कल नागपंचमी है, इस दिन तू अगर पूजन करें, तो तुझे संतान की प्राप्ति हो सकती है। प्रात: उसने यह स्वप्न अपने पति को सुनाया, पति ने कहा कि जैसे स्वप्न में देखा है, उसी के अनुसार नागों का पूजन कर देना। उसने उस दिन व्रत कर नागों का पूजन किया, और समय आने पर उसे संतान सुख की प्राप्ति हुई।

डिस्क्लेमर - ये आर्टिकल जन सामान्य सूचनाओं और लोकोक्तियों पर आधारित है। इंडिया टीवी इसकी सत्यता की पुष्टि नहीं करता

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