
मुंबई: न्यू इंडिया कोऑपरेटिव बैंक मामले में मुंबई के दादर पुलिस स्टेशन में दर्ज की गई FIR में सबसे महत्वपूर्ण जानकारी शिकायतकर्ता का बयान है। कंपनी के एक्टिंग चीफ एकाउंटिंग ऑफिसर देवर्षि घोष ने मुंबई के दादर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई। यह शिकायत 13 फरवरी को दर्ज कराई गई जिसके आधार पर पुलिस ने FIR रजिस्टर की। देवर्षि घोष ने कंपनी के जनरल मैनेजर हितेश मेहता के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है।
देवर्षि घोष ने बताया है कि उनकी कंपनी की दो शाखाएं एक प्रभादेवी और दूसरा गोरेगांव में शाखाओं में बैंक का कैश रखने के लिए तिजोरी बनी हुई है जिसमें बैंक के ग्राहकों का पैसा रखा जाता है। आरबीआई की तरफ से बैंक की रेगुलर जांच होती है। 12 फरवरी को भी RBI के अधिकारी, हेड ऑफिस जो कि प्रभादेवी में स्थित है, वहां जांच के लिए पहुंचे थे।
देवर्षि घोष ने बताया कि सुबह लगभग 9:30 बजे आरबीआई के अधिकारी जांच कर रहे थे और उन्होंने हमारे कांदिवली ब्रांच के वरिष्ठ अधिकारी समेत अन्य लोगों को बुलाया और एक टीम गोरेगांव ब्रांच के लिए भी रवाना हुई। हमारी शाखा में आने के बाद आरबीआई के अधिकारियों ने सभी डॉक्यूमेंट और पैसों की जांच करनी शुरू की। उन्होंने अतुल म्हात्रे से बैंक के लॉकर की चाभी ली, जिसमें पैसे रखे जाते हैं और कैश की जांच शुरू की।
देवर्षि घोष ने बताया कि इस दौरान बैंक में कश्मीरा पगड़ीवाला, प्रशांत बारचा, प्रकाश वर्नेकर, प्रियंका सालगांवकर, प्रतीक धोत्रे और राजीव तिवारी, दोपहर 01.30 बजे तक भास्कर शेट्टी और अन्य वरिष्ठ अधिकारी जांच के दौरान मौजूद थे। देवर्षि घोष ने पुलिस को बताया कि करीब 10 बजे से वे भी बैंक में मौजूद थे। उसी समय उन्हें एक अन्य व्यक्ति से पता चला कि हितेश मेहता ऑफिस आये थे। हितेश मेहता अकांउट विभाग के प्रमुख हैं। वह सुबह ऑफिस आए थे। उनका काम बैंक में सभी कैश नगद का प्रबंधन करना, जीएसटी और टीडीएस की देखभाल करना और सभी का लेखांकन करना है। उनके अधीन एक बड़ी टीम भी है।
आरबीआई ने पूछा- इन पैसों का क्या हुआ?
देवर्षि घोष ने बताया कि जिस वक्त आरबीआई के अधिकारियों द्वारा कैश की जांच की जा रही थी, उसी दौरान हम सभी वहां मौजूद थे। आरबीआई के अधिकारियों ने जांच के बाद बताया कि हमारे प्रभादेवी वाले ब्रांच से लगभग 112 करोड़ रुपए रिकॉर्ड के अनुसार कम हैं। उन्होंने सवाल पूछा इन पैसों का क्या हुआ? आरबीआई के अधिकारियों ने हमसे कहा कि अगर हमने सच-सच नहीं बताया कि पैसों का क्या हुआ तो उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। हममें से किसी को भी पैसे के बारे में जानकारी नहीं थी। आरबीआई के अधिकारी रविंद्र द्वारा हमें ईमेल के जरिए इन पैसों की कमी के बारे में बताया गया और जवाब मांगा गया। उन्होंने दोपहर 2:30 बजे तक हमें जवाब देने के लिए कहा।
देवर्षि घोष ने बताया कि इसके बाद उन्होंने हमारे गोरेगांव वाली ब्रांच की भी जांच की और हमें बताया गया की कुल मिलाकर 122 करोड़ रुपए रिकॉर्ड में कम हैं। हमसे पैसों की जानकारी पूछी जा रही थी लेकिन हमें इस बारे में कुछ पता नहीं था। आरबीआई के अधिकारियों ने पूछा पैसे का क्या हुआ। आरबीआई अधिकारियों द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब मैं खोजने की कोशिश कर रहा था। उसी शाम हितेश बैंक में आए। उन्होंने जाकर आरबीआई के अधिकारियों से बातचीत की, जिसके बाद मुझे और हमारे कुछ और कर्मचारियों को ऊपर पांचवीं मंजिल पर बुलाया गया।
देवर्षि घोष ने बताया कि आरबीआई के अधिकारियों ने हमसे कहा कि हितेश मेहता क्या कह रहे हैं, इस बात को सुनिए। उस वक्त हितेश मेहता ने कहा था कि करीब 122 करोड़ की कमी के लिए वे खुद जिम्मेदार हैं। उन्होंने अपराध किया है। जब उनसे पूछा गया कि उन्होंने उस रकम का क्या किया तो उन्होंने कहा कि यह रकम उन्होंने अपने परिचितों को दे दी है। साथ ही जब उनसे पूछा गया कि उन्होंने इतनी रकम कब निकाली तो उन्होंने कहा कि इस रकम को वह कोविड के समय से निकालते आ रहे हैं।
देवर्षि घोष ने बताया कि उस समय मैं, राजीव तिवारी, भास्कर शेट्टी और रिजर्व बैंक के अधिकारी मौजूद थे। हितेश मेहता का बयान रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के एक अधिकारी ने अपने मोबाइल फोन में रिकॉर्ड किया था। इसके बाद हितेश मेहता ने यही बात लिखित रूप से रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के अधिकारी को दी है।
देवर्षि घोष ने पुलिस को बताया कि इसके बाद रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के अधिकारियों ने हमें हितेश मेहता के खिलाफ तुरंत मामला दर्ज करने का निर्देश दिया। जिसके बाद हमने थाने में रिपोर्ट करने के लिए शिकायत तैयार की। ठीक उसी दिन हम शिकायत दर्ज कराने के लिए शिवाजी पार्क पुलिस स्टेशन और दादर पुलिस स्टेशन गए।
देवर्षि घोष ने 13 फरवरी को देवर्षि घोष ने कंपनी के जनरल मैनेजर हितेश मेहता के खिलाफ मामला दर्ज कराया। दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर अभी तक इस बारे में जानकारी नहीं मिल पाई है। हितेश मेहता ने वह पैसे किसको दिए, इसके लिए पुलिस ने एक अज्ञात व्यक्ति के ऊपर भी मामला दर्ज किया है, जिसने हितेश का साथ दिया।