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चीनी टायर कर रहे भारतीय इंडस्ट्री का कारोबार 'पंचर', डंपिंग-रोधी शुल्क की जरूरत की समीक्षा करेगा डीजीटीआर

घरेलू उद्योग से इस बारे में शिकायतें मिलने के बाद यह समीक्षा की जा रही है। वाहन टायर विनिर्माता संघ (एटीएमए) ने डीजीटीआर के समक्ष इस बारे में शिकायत दर्ज कराई है।

India TV Paisa Desk Edited by: India TV Paisa Desk
Published on: April 11, 2022 17:04 IST
Tyre- India TV Paisa
Photo:FILE

Tyre

नयी दिल्ली। चीनी टायर भारत की कंपनियों का कारोबार पंचर करने पर आमादा हैं। ऐसे देखते हुए सरकार चीनी टायरों पर डंपिंग शुल्क आगे जारी रखने पर विचार कर रही है। वाणिज्य मंत्रालय की जांच इकाई व्यापार उपचार महानिदेशालय (डीजीटीआर) ने चीन से आयातित कुछ प्रकार के न्यूमैटिक रेडियल टायर पर डंपिंग-रोधी शुल्क को जारी रखने के लिए समीक्षा शुरू की है। 

घरेलू उद्योग से इस बारे में शिकायतें मिलने के बाद यह समीक्षा की जा रही है। वाहन टायर विनिर्माता संघ (एटीएमए) ने डीजीटीआर के समक्ष इस बारे में शिकायत दर्ज कराई है। एटीएमए ने चीन से आयातित नए/बिना इस्तेमाल वाले न्यूमैटिक रेडियल टायर, ट्यूब वाले और ट्यूबलेस टायरों पर लागू डंपिंग-रोधी शुल्क की समीक्षा की मांग की है। इन टायरों का इस्तेमाल बस और ट्रक/लॉरी में होता है। 

डीजीटीआर ने अधिसूचना में कहा कि प्राधिकरण डंपिंग-रोधी शुल्क को जारी रखने की जरूरत की समीक्षा कर रहा है। जांच में यह पता लगाया जाएगा कि क्या टायरों पर डंपिंग-रोधी शुल्क के समाप्त होने से घरेलू उद्योग को नुकसान पहुंचेगा। केंद्र सरकार ने न्यूमैटिक रेडियल टायर पर डंपिंग-रोधी शुल्क 18 सितंबर, 2017 को लगाया था। यह इस साल 17 सितंबर को समाप्त हो रहा है।

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