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केंद्र के उपकर संग्रह पर अध्ययन कराएगा 15वां वित्त आयोग, इसमें नहीं मिलता राज्‍यों को हिस्‍सा

15वां वित्त आयोग केंद्र सरकार द्वारा लगाए जाने वाले उपकर और अधिभार पर कानूनी अध्ययन कराएगा। केंद्र द्वारा वसूल किए जाने वाले उपकर में से राज्यों को हिस्सा नहीं दिया जाता।

Edited by: Abhishek Shrivastava
Published : February 28, 2018 21:01 IST
finance commission - India TV Paisa
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नई दिल्ली। 15वां वित्त आयोग केंद्र सरकार द्वारा लगाए जाने वाले उपकर और अधिभार पर कानूनी अध्ययन कराएगा। केंद्र द्वारा वसूल किए जाने वाले उपकर में से राज्यों को हिस्सा नहीं दिया जाता। वित्त आयोग प्रत्येक पांच साल में उस अनुपात की सिफारिश करता है जिसके आधार पर केंद्र द्वारा जुटाए गए कर राजस्व में से राज्यों को हिस्सा दिया जाता है। सूत्रों ने कहा कि आयोग ने इस पर अपना काम शुरू कर दिया है और वह अक्‍टूबर, 2019 तक अपनी रिपोर्ट सौंपेगा। 

माल एवं सेवा कर (जीएसटी) से पूर्व की व्यवस्था में आयकर और कॉरपोरेट कर जैसे प्रत्यक्ष करों और उत्पाद शुल्क और सेवा कर जैसे अप्रत्यक्ष करों के संग्रह को केंद्र और राज्यों के बीच बांटा जाता था। इस बंटवारे के अनुपात की सिफारिश वित्त आयोग करता रहा है। 

पिछले साल एक जुलाई से जीएसटी को लागू किया गया है। उत्पाद शुल्क और सेवा कर तथा अन्य केंद्र और राज्य शुल्कों को इसमें समाहित किया गया है। एन के सिंह की अगुवाई वाला 15वां वित्त आयोग इस बारे में सिफारिश देगा कि केंद्र द्वारा जुटाए गए प्रत्यक्ष कर और जीएसटी में राज्यों का हिस्सा क्या रहेगा। सूत्रों ने बताया कि दोनों ही मामलों में केंद्र द्वारा लगाए जाने वाले उपकर और अधिभार को बांटे जाने वाले पूल में शामिल नहीं किया गया है। सूत्रों ने कहा कि 15वां वित्त आयोग समूचे उपकर और अधिभार पर कुछ कानूनी अध्ययन कर रहा है। 

उपकर कर के ऊपर कर होता है। उदाहरण के लिए तीन प्रतिशत का शिक्षा उपकर व्यक्तिगत आयकर पर लगाया जाता है। शिक्षा उपकर के अलावा सड़क उपकर, बुनियादी ढांचा उपकर, स्वच्छ ऊर्जा उपकर, कृषि कल्याण उपकर और स्वच्छ भारत उपकर भी हैं। अधिभार किसी कर पर शुल्क होता है। यह पहले ही दिए जा चुके कर पर लगता है। केंद्रीय सड़क कोष उपकर के तौर पर राजस्व का सबसे बड़ा स्रोत है। वर्ष 2018-19 के बजट में वित्त मंत्री ने पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क में फेरबदल करते हुए आठ रुपए का नया सड़क उपकर लगा दिया, जबकि दो रुपए के मूल उत्पाद शुल्क और 6 रुपए के अतिरिक्त उत्पाद शुल्क को समाप्त कर दिया। 

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