Friday, March 29, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. पैसा
  3. बिज़नेस
  4. मुखौटा कंपनियों पर कार्रवाई के तहत ऑडिटर भी रडार पर, सरकारी एजेंसियां बनाए हुई हैं नजर

मुखौटा कंपनियों पर कार्रवाई के तहत ऑडिटर भी रडार पर, सरकारी एजेंसियां बनाए हुई हैं नजर

काला धन छिपाने में ऑडिटरों की भूमिका की जांच के लिए मुखौटा कंपनियों पर कई एजेंसियों ने कड़ी कार्रवाई की नीति अपना ली है।

Manish Mishra Manish Mishra
Published on: September 13, 2017 17:59 IST
मुखौटा कंपनियों पर कार्रवाई के तहत ऑडिटर भी रडार पर, सरकारी एजेंसियां बनाए हुई हैं नजर- India TV Paisa
मुखौटा कंपनियों पर कार्रवाई के तहत ऑडिटर भी रडार पर, सरकारी एजेंसियां बनाए हुई हैं नजर

नई दिल्ली। काला धन छिपाने में ऑडिटरों की भूमिका की जांच के लिए मुखौटा कंपनियों पर कई एजेंसियों ने कड़ी कार्रवाई की नीति अपना ली है। सूत्रों ने बताया कि अवैध लेन-देन में संलिप्तता को लेकर ऑडिटरों पर नजर रखी जा रही है। उन्होंने कहा कि सूचीबद्ध कंपनियों समेत कई मामले सामने आने के बावजूद आडिटरों द्वारा सतर्क नहीं किए जाने को लेकर उनकी भूमिका की जांच की जा रही है। ये मामले कथित तौर पर वित्‍तीय ब्योरे में असमानता, नेटवर्थ में भारी गिरावट, कंपनी के समूह या प्रवर्तकों को धन स्थानांतरित करने से संबंधित हैं।

यह भी पढ़ें : जनधन खाते: 3 साल में जीरे बैलेंस एकाउंट 77 फीसदी से घटकर 20 फीसदी बचे, अबतक 30 करोड़ खाते

कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय, भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) और अन्य नियामकीय प्राधिकरण मुखौटा कंपनियों की गतिविधियों पर कड़ी नजर बनाए हुए हैं। सूत्रों ने बताया, नियामकीय एजेंसियां इस बात की जांच कर रही हैं कि इस तरह की अवैध गतिविधियों में ऑडिटरों की क्या भूमिका रही। उन्होंने कहा कि सेबी और मंत्रालय विभिन्न कंपनियों खासकर लंबे समय से कारोबार नहीं कर रही कंपनियों के ऑडिटरों पर नजर रख रही हैं। प्राधिकरण गहन आकलन के बाद अगले कदम के बारे में निर्णय लेगी।

यह भी पढ़ें : टैक्‍स फ्री ग्रेच्युटी सीमा बढ़कर होगी 20 लाख रुपए, विधेयक के प्रारूप को मंत्रिमंडल ने दी हरी झंडी

उल्लेखनीय है कि अवैध लेन-देन और कर चोरी को रोकने के प्रयासों के तहत मंत्रालय ने दो लाख से अधिक कंपनियों को रिकॉर्ड से हटा दिया है। इनके खिलाफ आगे भी कार्रवाई की संभावना है। इसके अलावा सेबी ने 331 सूचीबद्ध कंपनियों पर कार्रवाई की है जिनके पर मुखौटा कंपनी होने का संदेह था। उसने इन कंपनियों पर कड़े अंकुश लगा दिए हैं। मंगलवार को सरकार ने कहा था कि मुखौटा कंपनियों से जुड़े होने के कारण 1.06 लाख से अधिक निदेशकों को अयोग्य करार दिया जाएगा।

Latest Business News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Business News in Hindi के लिए क्लिक करें पैसा सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement