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बैंकों का सकल एनपीए अनुपात सितंबर 2020 में 9.9 प्रतिशत हो जाने का अनुमान: आरबीआई

बैंकों की सकल गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (जीएनपीए) का अनुपात सितंबर 2019 के 9.3 प्रतिशत से बढ़कर सितंबर 2020 में 9.9 प्रतिशत पर पहुंच सकती है।

India TV Paisa Desk Written by: India TV Paisa Desk
Published on: December 28, 2019 12:31 IST
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आरबीआई रिपोर्ट के अनुसार, सितंबर 2019 में 24 बैंकों का जीएनपीए अनुपात पांच प्रतिशत से कम रहा जबकि चार बैंकों का जीएनपीए अनुपात 20 प्रतिशत से अधिक रहा।

मुंबई। बैंकों की सकल गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (जीएनपीए) का अनुपात सितंबर 2019 के 9.3 प्रतिशत से बढ़कर सितंबर 2020 में 9.9 प्रतिशत पर पहुंच सकती है। रिजर्व बैंक की एक रिपोर्ट में यह अनुमान व्यक्त किया गया है। बता दें कि साल में दो बार जून तथा दिसंबर में आरबीआई अपनी फाइनैंशल स्टैबिलिटी रिपोर्ट (एफएसआर) यानी वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट प्रकाशित करता है।

बैंकों का जीएनपीए अनुपात मार्च 2019 में 9.3 प्रतिशत था। रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट में कहा, 'वृहद आर्थिक परिस्थितियों में बदलाव, नये एनपीए में मामूली वृद्धि तथा ऋण वृद्धि दर में गिरावट के असर के कारण बैंकों का जीएनपीए अनुपात सितंबर 2020 में बढ़कर 9.9 प्रतिशत पर पहुंच सकता है।' रिजर्व बैंक ने कहा कि इस दौरान सरकारी बैंकों का जीएनपीए अनुपात 12.7 प्रतिशत से बढ़कर 13.2 प्रतिशत पर और निजी बैंकों का जीएनपीए अनुपात 3.9 प्रतिशत से बढ़कर 4.2 प्रतिशत पर पहुंच सकता है। इस दौरान विदेशी बैंकों का जीएनपीए भी 2.9 प्रतिशत से बढ़कर 3.1 प्रतिशत पर पहुंच सकता है। रिपोर्ट के अनुसार, प्रोविजनिंग बढ़ने के कारण भारतीय बैंकों का शुद्ध एनपीए गिरकर सितंबर 2019 में 3.7 प्रतिशत पर आ गया। यह एनपीए के बदले बढ़ते प्रावधान को बताता है। 

बैंकों का एकीकृत प्रावधान कवरेज (पीसीआर) अनुपात मार्च 2019 के 60.5 प्रतिशत से बढ़कर सितंबर 2019 में 61.5 प्रतिशत पर पहुंच गया। एनपीए को लेकर हो सकने वाले घाटे के बदले बैंकों द्वारा अलग रखी जाने वाली राशि के अनुपात को पीसीआर कहा जाता है। इस दौरान सरकारी और निजी दोनों तरह के बैंकों का पीसीआर बढ़ा है। रिपोर्ट में कहा गया, 'सरकारी बैंकों में सरकार द्वारा पूंजी डालने के कारण बैंकों की पूंजी और जोखिम वाली संपत्तियों का अनुपात (सीआरएआर) मार्च 2019 के 14.3 प्रतिशत से सुधरकर सितंबर 2019 में 15.1 प्रतिशत पर पहुंच गया। सरकारी बैंकों का सीआरएआर इस दौरान 12.2 प्रतिशत से सुधरकर 13.5 प्रतिशत पर पहुंच गया।' 

रिपोर्ट के अनुसार, सितंबर 2019 में 24 बैंकों का जीएनपीए अनुपात पांच प्रतिशत से कम रहा जबकि चार बैंकों का जीएनपीए अनुपात 20 प्रतिशत से अधिक रहा। आलोच्य अवधि के दौरान कृषि तथा सेवा क्षेत्र से संबंधित जीएनपीए अनुपात करीब आठ प्रतिशत से गिरकर 10.1 प्रतिशत पर आ गया। उद्योग क्षेत्र के लिये यह अनुपात करीब पांच प्रतिशत से बेहतर होकर 3.79 प्रतिशत पर पहुंच गया। शीर्ष 100 कर्जदारों का बैंकों के कुल कर्ज में 16.4 प्रतिशत तथा जीएनपीए में 16.3 प्रतिशत हिस्सेदारी रही।

आरबीआई ने कहा है कि बड़ी कॉर्पोरेट कंपनियों के पास फिलहाल नकदी की कोई कमी नहीं है, जिसके कारण उन्हें लोन की कोई जरूरत नहीं है, जो मौजूदा स्थिति में क्रेडिट ग्रोथ की रेट में कमी का एक बड़ा कारण है। रिपोर्ट के मुताबिक, सितंबर 2019 तक सरकारी बैंकों की क्रेडिट ग्रोथ घटकर 8.7 प्रतिशत पर रही, जबकि प्राइवेट बैंकों के लिए यह आंकड़ा 16.5 प्रतिशत रहा था।

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