
E-commerce platforms have to display country of origin on imported products: Centre to HC
नई दिल्ली। अमेजन, फ्लिपकार्ट और स्नैपडील जैसी ई-कॉमर्स कंपनियों को अब उनके मंच पर बिकने वाले आयातित उत्पादों के मूल देश का नाम दर्शाना होगा। यानी यह बताना होगा कि आयातित उत्पाद किस देश का है। केंद्र सरकार ने बुधवार को दिल्ली उच्च न्यायालय को यह जानकारी दी।
केंद्र की ओर से मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति प्रतीक जालान की पीठ के समक्ष दाखिल हलफनामे में कहा गया है कि विधिक मापविज्ञान अधिनियम और नियमों के तहत ई-कॉमर्स साइटों को यह सुनिश्चित करना होगा कि ई-कॉमर्स लेनदेन के लिए इस्तेमाल होने वाले डिजिटल और इलेक्ट्रॉनिक नेटवर्क पर किसी उत्पाद के मूल देश का नाम दर्शाया गया हो।
केंद्र सरकार के अधिवक्ता अजय दिगपॉल के जरिये दायर हलफनामे में कहा गया है कि इन नियमनों का अनुपालन सुनिश्चित कराना राज्यों और संघ शासित प्रदेशों का दायित्व है। दिगपॉल ने कहा कि जहां भी इन नियमों का उल्लंघन पाया जाएगा, संबंधित राज्यों या संघ शासित प्रदेशों के विधिक मापविज्ञान विभाग के अधिकारी कानून के तहत कार्रवाई सुनिश्चित करेंगे।
हलफनामे में कहा गया है कि इस पर आवश्यक परामर्श सभी ई-कॉमर्स कंपनियों, सभी राज्यों और संघ शासित प्रदेशों के विधिक मापविज्ञान नियंत्रकों को भेजा गया है। केंद्र की ओर से यह हलफनामा एक जनहित याचिका पर दायर किया गया है। अधिवक्ता अमित शुक्ला की ओर से दायर याचिका में केंद्र को यह निर्देश देने की आग्रह किया गया था कि ई-कॉमर्स मंचों पर बिकने वाले उत्पादों पर उनका (उत्पादों) विनिर्माण करने वाले देशों का नाम दर्शाया जाना चाहिए।