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Economic Survey 2018-19: जानिए आर्थिक समीक्षा की 10 बड़ी बातें

आर्थिक सर्वेक्षण में भारत को 5 लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य रखा गया है।

Edited by: India TV Paisa Desk
Updated : July 04, 2019 12:36 IST
economic survey 2018-19- India TV Paisa
Photo:ECONOMIC SURVEY 2018-19

economic survey 2018-19

नई दिल्‍ली। वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को संसद में आर्थिक सर्वेक्षण 2018-19 को पेश किया। इस आर्थिक सर्वेक्षण में भारत को 5 लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्‍यवस्‍था बनाने का लक्ष्‍य रखा गया है। आइए जानते हैं आर्थिक सर्वेक्षण की 10 बड़ी बातें क्‍या हैं:

  1. वित्त वर्ष 2025 तक भारत को 5 लाख करोड़ डॉलर की इकोनॉमी बनाने का लक्ष्य है और इस लक्ष्‍य को हासिल करने के लिए 2025 तक हर साल 8 प्रतिशत की आर्थिक वृद्धि दर हासिल करनी होगी।
  2. वित्त वर्ष 2019-20 में आर्थिक वृद्धि दर सात प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है। पिछले वित्त वर्ष 2018-19 में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर पांच साल के न्यूनतम स्तर 6.8 प्रतिशत रही थी।
  3. आर्थिक समीक्षा में 2018-19 में राजकोषीय घाटा बढ़कर 3.4 प्रतिशत पर पहुंच जाने का अनुमान है। अंतरिम बजट में भी राजकोषीय घाटा 3.4 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया था। 
  4. निवेश और खपत में बढ़ोतरी से जीडीपी बढ़ने का अनुमान जताया गया है। वित्त वर्ष 2018-2019 में सर्विस एक्सपोर्ट 14.38 लाख करोड़ रुपए रहा है। इसमें 0.746 लाख करोड़ की बढ़त हुई है। सर्विस एक्सपोर्ट 2017 के 2 प्रतिशत से बढ़कर 2018 में 3.5 प्रतिशत रहा है।
  5. इस सर्वेक्षण रिपोर्ट में कहा गया है कि देश में विदेशी मुद्रा का पर्याप्त भंडार बना रहेगा। 14 जून तक विदेशी मुद्रा भंडार 42,220 करोड़ डॉलर था। विदेशी निवेशकों का भारत पर भरोसा बढ़ा है। 2018-19 में शुद्ध प्रत्‍यक्ष विदेशी निवेश 14.2 प्रतिशत बढ़ने का अनुमान है।
  6. एनपीए बढ़ने से बैंकों की बैलेंसशीट पर दबाव है। एनपीए की समस्या सरकारी बैंकों में ज्यादा है। निवेश दर में गिरावट का दौर थमा है। इंडस्ट्री की क्रेडिट ग्रोथ में रफ्तार आई है। 2018 की दूसरी छमाही से क्रेडिट ग्रोथ बढ़ती दिख रही है।
  7. एनबीएफसी की लेंडिंग में कमी से ग्रोथ पर असर पड़ा है। एनबीएफसी की लेंडिंग में कमी से ऑटो बिक्री गिरी है लेकिन सीमेंट उत्पादन और स्टील की खपत बढ़ी है। साथ ही कंस्ट्रक्शन सेक्टर में भी ग्रोथ आती दिख रही है। कंस्ट्रक्शन में सुधार से आईआईपी ग्रोथ बेहतर हुई है।
  8. पिछले 4 साल से एफडीआई निवेश में भी तेजी देखने को मिल रही है। ऑटो, केमिकल्स में एफडीआई निवेश में बढ़त हुई है। एमएसएमई को कर्ज देने की रफ्तार भी बढ़ी है।
  9. 2018-19 में भारत उभरते देशों में सबसे आगे रहा है। हालांकि कृषि क्षेत्र में धीमेपन से ग्रोथ पर दबाव देखने को मिला है।
  10. Macro Economic आंकड़ों में भी स्थिरता आई है। हालांकि चुनाव की वजह से जनवरी-मार्च की ग्रोथ में धीमापन देखने को मिला। निजी निवेश में सुधार के संकेत मिल रहे है। वित्त वर्ष 2020 में ब्याज दरें अधिक रहने का अनुमान है।

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