Union Minister Prakash Javadekar
नयी दिल्ली। सरकार ने बुधवार को कंपनी कानून, 2013 में 43 संशोधनों को मंजूरी दी। इसका मकसद नियामकीय ढांचे में मजबूती लाना और नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करना है।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) के बोझ कम करने से लेकर कंपनी संचालन के मानकों को बढ़ाने और कॉरपोरेट सामाजिक दायित्व (सीएसआर) कोष में बिना खर्च हुई राशि के लिए प्रावधानों में परिवर्तन समेत कई बदलावों को मंजूरी दी।
सूत्रों ने कहा कि कंपनी अधिनियम 2013 में 43 संसोधनों के लिए संसद में एक विधेयक पेश किया जाएगा और यह विधेयक 2019 में जारी अध्यादेश का स्थान लेगा। आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, 'प्रस्तावित संशोधन से कारोबार सुगमता और बढ़ेगी तथा राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण और विशेष अदालतों पर मुकदमों का बोझ हल्का होगा।'
इसमें कानून के उल्लंघन के गंभीर मामलों पर जोर होगा और कंपनियों की तरफ से नियमों के बेहतर तरीके से पालन सुनिश्चित होगा। विज्ञप्ति के मुताबिक संशोधन से उन कंपनियों को लाभ होगा जो कानून का अनुपालन करती हैं। वहीं इससे कंपनी संचालन और कंपनी कानून, 2013 के उल्लेखित प्रावधानों के अनुपालन के नियमों की कमजोरियां दूर होंगी।
केंद्रीय कैबिनेट ने नेशनल डैम सेफ्टी बिल 2019 को लागू करने का प्रस्ताव पास कर दिया है। कैबिनेट की मंजूरी के बाद अब नेशनल डैम सेफ्टी अथॉरिटी को 5,600 डैम को नियंत्रित करने की इजाजत दी जाएगी।
सरकार ने ऋण शोधन अक्षमता कानून में सात संशोधन को मंजूरी दी
सरकार ने बुधवार को ऋण शोधन अक्षमता संहिता में कुल सात संशोधन किए जाने के प्रस्तावों को मंजूरी दे दी। ऋण शोधन अक्षमता और दिवाला संहिता (आईबीसी) में संशोधन का मकसद कंपनी कर्ज शोधन अक्षमता समाधान रूपरेखा में गंभीर खामी को दूर करने के साथ समाधान प्रक्रिया के जरिये अधिकतम मूल्य प्राप्त करना है।
मंत्रिमंडल ने संहिता में बदलाव को मंजूरी दे दी। आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार संशोधन से सरकार समयसीमा का कड़ाई से पालन करने के साथ साथ यह सुनिश्चित कर सकेगी कि चलता हाल कंपनी के लिए अच्छा से अच्छा पैसा मिल सके।



































