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import licence of 39 companies canceled
नई दिल्ली। आयात नियमों के विरुद्ध वनस्पति तेल का आयात करने वाली कंपनियों पर सख्त कार्रवाई करते हुए विदेश व्यापार महानिदेशालय ने 39 कंपनियों के आयात लाइसेंस रद्द कर दिए हैं। जिन कंपनियों के लाइसेंस रद्द हुए हैं वे सभी नियमों के विरुद्ध 8 जनवरी के बाद भी रिफाइंड पाम ऑयल का आयात कर रहीं थीं, जबकि सरकार ने 8 जनवरी को रिफाइंड पाम ऑयल आयात को प्रतिबंधित श्रेणी में डाल दिया था।
तेल तिलहन उद्योग संगठन सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक जिन कंपनियों के आयात लाइसेंस रद्द हुए हैं वे नेपाल और बांग्लादेश के रास्ते भारत में रिफाइंड पाम ऑयल का आयात कर रहीं थी। रिफाइंड पाम ऑयल का उत्पादन मलेशिया और इंडोनेशिया में होता है और भारत अपनी जरूरत के लिए सीधे उन्हीं देशों से पाम ऑयल आयात करता है। लेकिन क्योंकि रिफाइंड पाम ऑयल आयात को प्रतिबंधित लिस्ट में डाल दिया गया था तो कुछ कंपनियां नेपाल और बांग्लादेश के रास्ते भारत में उसका आयात कर रहीं थी।
नेपाल और बांग्लादेश के रास्ते आयात किए जाने का फायदा ये भी है कि SAFTA एग्रिमेंट के तहत इन देशों से आयात होने वाली कुछ वस्तुओं पर फिलहाल शून्य आयात शुल्क लगता है और रिफाइंड पाम ऑयल भी उन्हीं वस्तुओं में एक है। लेकिन नेपाल और बांग्लादेश में भी वह तेल इंडोनेशिया और मलेशिया से ही पहंचता है और SAFTA एग्रिमेंट के तहत सिर्फ उन्हीं वस्तुओं के आयात पर रियायत मिल सकती है जो निर्यात करने वाले देश में ही निर्मित हो और पाम ऑयल के साथ ऐसा नहीं था।
कुछ कंपनियां कई सालों से इन रियायतों का फायदा उठाकर नेपाल और बांग्लादेश के रास्ते तेल आयात कर रहीं थी, जिस वजह से नेपाल के रास्ते आयात होने वाले तेल में 3 साल के अंदर 300 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी, 2017-18 के दौरान नेपाल के रास्ते 45667 टन रिफाइंड पाम ऑयल का आयात हुआ था जो 2019-20 में बढ़कर 1.89 लाख टन हो गया है। इसी तरह बांग्लादेश के रास्ते 2018-19 में 3698 टन रिफाइंड पाम ऑयल आयात हुआ था जो 2019-20 में बढ़कर 22151 टन तक पहुंच गया। नियमों के विरुद्ध हो रहे इस आयात को देखते हुए अब विदेश व्यापार मंत्रालय ने उन सभी आयातक कंपनियों के आयात लाइसेंस रद्द कर दिए हें।