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अब मिलेगी रिंकल फ्री खादी

मध्यप्रदेश खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड जल्द ही बाजार में बिक्री के लिए रिंकल फ्री खादी पेश करने जा रहा है।

Abhishek Shrivastava Abhishek Shrivastava
Updated on: July 13, 2016 15:31 IST
अब मिलेगी रिंकल फ्री खादी, हाईटेक टेक्‍नोलॉजी से बने कपड़ों पर नहीं होगी कलफ लगाने की जरूरत- India TV Paisa
अब मिलेगी रिंकल फ्री खादी, हाईटेक टेक्‍नोलॉजी से बने कपड़ों पर नहीं होगी कलफ लगाने की जरूरत

भोपाल। मध्यप्रदेश खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड जल्द ही बाजार में बिक्री के लिए रिंकल फ्री खादी पेश करने जा रहा है। इसमें खास बात यह है कि इन वस्त्रों में लंबे समय तक कलफ लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। यह जानकारी प्रदेश के कुटीर एवं ग्रामोद्योग मंत्री अतर सिंह आर्य ने विभागीय समीक्षा बैठक में दी।

चंदेरी-महेश्वरी हो या हस्तशिल्प, मध्यप्रदेश के उत्पादों की मांग देश-विदेश में बढ़ती जा रही है। इन मांगों के अनुरूप बुनकर न केवल खुद को ढाल सकें, बल्कि बेहतर बाजार पाकर आर्थिक स्थिति मजबूत कर सकें, इसके लिए उन्हें हाईटेक बनाया जा रहा है। ऑनलाइन शॉपिंग ट्रेंड बढ़ने से बुनकरों को राष्ट्रीय फैशन टेक्नोलॉजी संस्थान से ई-कॉमर्स का प्रशिक्षण दिलवाया गया है। शासकीय वस्त्र प्रदाय योजना में दिए गए आदेशों के लिए वेबसाइट पोर्टल तैयार किया जा रहा है। बुनकरों के ही बच्चों का चयन कर उन्हें निफ्ट और दिल्ली में ऑनलाइन ट्रेडिंग का प्रशिक्षण दिलवाया गया है।

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कुटीर और ग्रामोद्योग में 50 फीसदी से अधिक महिला उद्यमियों की सक्रिय भागीदारी है। अधिसंख्य उद्यमी पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित-जाति एवं जनजाति से हैं। परंपरागत कला को जीवित रखने के लिए चंदेरी में चंदेरी और महेश्वर में महेश्वर वस्त्र का निर्माण किया जा रहा है। कारीगरों को आधुनिक मांग के अनुरूप काम करने के लिए राष्ट्र-स्तरीय संस्थाओं में प्रशिक्षित किया जा रहा है। बैतूल, खण्डवा, नरसिंहपुर, बुरहानपुर एवं होशंगाबाद में 5 नए मलबरी क्लस्टर का विकास किया गया है। प्रदेश में कुल 13,992 एकड़ में मलबरी पौध-रोपण कर 17 लाख किलोग्राम मलबरी ककून का उत्पादन किया गया है।

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