न्यूयॉर्क। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वैश्विक कंपनियों के प्रमुखों तथा अमेरिका के शीर्ष उद्यमियों से स्टार्टअप इंडिया का लाभ उठाकर कुपोषण और कचरा प्रबंधन जैसे मुद्दों पर पूरे विश्व के लिये नवोन्मेषी समाधान विकसित करने की अपील की। बैठक के बाद जारी एक आधिकारिक बयान में इसकी जानकारी दी गयी। उन्होंने यहां 20 क्षेत्रों के 42 वैश्विक मुख्य कार्यकारियों (सीईओ) के साथ एक विशेष गोलमेज चर्चा की अध्यक्षता करते हुए यह अपील की।
उन्होंने पर्यटन के विकास, प्लास्टिक पुनर्चक्रीकरण और कचरा प्रबंधन पर जोर दिया। उन्होंने एमएसएमई का कारोबार बढ़ाने तथा किसानों एवं कृषि के लिये अवसर बढ़ाने पर भी जोर दिया। इस कार्यक्रम में आईबीएम की अध्यक्ष एवं सीईओ गिन्नी रोमेटी, वालमॉर्ट के अध्यक्ष एवं सीईओ डगलस मैकमिलन, कोका कोला के चेयरमैन एवं सीईओ जेम्स क्विनसी, लॉकहीड मॉर्टिन की सीईओ मॉर्लिन ह्यूसन, जेपी मोर्गन के चेयरमैन एवं सीईओ जेमी डिमोन, अमेरिकन टॉवर कार्पोरेशन के सीईओ एवं भारत-अमेरिका सीईओ मंच के उपाध्यक्ष जेम्स डी. टेसलेट और एप्पल, गूगल, वीसा, मास्टरकार्ड, 3एम, वारबर्ग पिनकस, एईसीओएम, रेथियोन, बैंक ऑफ अमेरिका, पेप्सी जैसी कंपनियों के वरिष्ठ कार्यकारी शामिल हुए।
डीपीआईआईटी और इनवेस्ट इंडिया द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल, उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग और विदेश मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे। वैश्विक सीईओ ने कारोबार को सुगम बनाने और कई अन्य सुधारों की दिशा में भारत द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि इनके कारण निवेशकों के अनुकूल माहौल बना है। व्यापार जगत के दिग्गजों ने कारोबारी सुगमता पर ध्यान देने और भारत को निवेशकों के अनुकूल बनाने की दिशा में मजबूत निर्णय लेने के लिए प्रधानमंत्री की सराहना की।
उद्योग जगत के प्रमुखों ने इस बात का भी उल्लेख किया कि उनकी कंपनियां भारत की आर्थिक वृद्धि के लिए प्रतिबद्ध हैं और वे भारत में अपनी मौजूदगी बढ़ाती रहेंगी। वैश्विक कंपनियों के प्रमुखों ने भारत में अपनी विशिष्ट योजनाओं की संक्षिप्त जानकारी भी दी और कौशल विकास, डिजिटल इंडिया, मेक इन इंडिया, समावेशी विकास, हरित ऊर्जा तथा वित्तीय समावेश की दिशा में भारत के प्रयासों में मदद देने के लिए सुझाव भी दिए।