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नोटबंदी : सरकार ने बंद की सवा 2 लाख कंपनियां, 3 लाख से ज्यादा निदेशकों को भी बर्खास्त किया

नोटबंदी के बाद करीब 35,000 कंपनियों के खातों में 17,000 करोड़ रुपए जमा हुए और निकाले गए, ऐसी सभी कंपनियों के पंजीकरण को ROC से रद्द किया जा चुका है।

Manoj Kumar Manoj Kumar @kumarman145
Updated on: November 05, 2017 17:36 IST
नोटबंदी : सरकार ने बंद की सवा 2 लाख कंपनियां, 3 लाख से ज्यादा निदेशकों को भी बर्खास्त किया- India TV Paisa
नोटबंदी : सरकार ने बंद की सवा 2 लाख कंपनियां, 3 लाख से ज्यादा निदेशकों को भी बर्खास्त किया

नई दिल्ली। नोटबंदी के दौरान कालाधन रखने वालों ने कई फर्जी और शेल कंपनियों के जरिए अपने पैसों को ठिकाने लगाया था। सरकार की पकड़ में इस तरह की करीब 35,000 कंपनियां आई हैं और सरकार ने इन सभी कंपनी के रजिस्ट्रेशन को रद्द कर दिया है। रविवार को कंपनी मामलों के मंत्रालय की तरफ से यह जानकारी दी गई है। नोटबंदी के एक साल पूरा होने से पहले कंपनी मामलों के मंत्रालय ने यह जानकारी दी है।

कंपनी मामलों के मंत्रालय के मुताबिक देश के 56 बैंकों से मिले आंकड़ों के आधार पर पता चला है कि नोटबंदी के बाद करीब 35,000 कंपनियों के खातों में 17,000 करोड़ रुपए जमा हुए और निकाले गए, ऐसी सभी कंपनियों के पंजीकरण को रजिस्ट्रार ऑफ कंपनी से रद्द किया जा चुका है। इन सभी कंपनियों पर अपने करीब 58000 बैंक खातों से पैसों की हेराफेरी का आरोप है। सरकार की तरफ से कहा गया है कि 2 साल या इससे लंबे समय तक निष्क्रिय पायी गई करीब 2.24 लाख कंपनियों के रजिस्ट्रेशन को अबतक रद्द किया जा चुका है।

सिर्फ कंपनियों का पंजीकरण ही रद्द नहीं हुआ है बल्कि इन कंपनियों से जुड़े ऐसे 3.09 लाख निदेशकों को भी अमान्य घोषित किया जा चुका है जो लगातार 3 वित्तवर्षों की रिटर्न दाखिल करने में नाकाम हुए हैं। इन निदेशकों में से 3000 से ज्यादा निदेशक ऐसे थे जो 20 से अधिक कंपनियों में निदेशक के तौर पर नियुक्त किए गए थे और ऐसा करना कानून के विरुद्ध है।

कंपनी मामलों के मंत्रालय ने यह भी कहा कि एक कंपनी ऐसी थी जिसके खाते में 8 नवंबर को निगेटिव बैलेंस था लेकिन नोटबंदी के बाद उसमें 2,484 करोड़ रुपए जमा किए गए और बाद में निकाले गए।

केंद्रीय वित्तमंत्रालय की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक इस तरह के मामलों की जांच के लिए नेशनल फाइनेंशियल रिपोर्टिंग अथॉरिटी को नियुक्त किया जाएगा और जिन चार्टेड एकाउटेंट्स, कंपनी सेक्रेटरी और कॉस्ट एकाउटेंट्स ने ऐसी कंपनियों की मदद की है उनके खिलाफ नेशनल फाइनेंशियल रिपोर्टिंग अथॉरिटी कदम उठाएगी। वित्तमंत्रालय ने यह भी कहा कि सरकार कंपनियों में नियुक्त हुए नकली निदेशकों की समस्या से बचने के लिए सरकार डायरेक्टर के पहचान नंबर (DIN) को आधार या पैन नंबर के साथ जोड़ने की प्रक्रिया पर काम कर रही है।

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