नई दिल्ली: पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने पाकिस्तान को एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट में कायम रखने पर रोष व्यक्त किया है। एफएटीएफ के इस फैसले के बाद शाह महमूद कुरैशी ने शनिवार को कहा कि पाकिस्तान को FATF की 'ग्रे लिस्ट' में रखने के लिए "कोई जगह नहीं" है क्योंकि उसने मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फाइनेंसिंग के खिलाफ वैश्विक निकाय द्वारा सौंपी गई कार्रवाई के 27 में से 26 बिंदुओं को लागू किया है। कुरैशी की यह टिप्पणी फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की 21-25 जून को हुई पूर्ण बैठक के एक दिन बाद आई है, जिसमें मनी लॉन्ड्रिंग को रोकने में विफल रहने के कारण पाकिस्तान को अपनी 'ग्रे लिस्ट' में रखा गया था, जिससे आतंकी वित्तपोषण हुआ था।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने जो भी कदम उठाए वह उसके अपने हित में था और कहा कि मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकी वित्तपोषण को रोकना देश के हित में है। कुरैशी ने कहा कि "कुछ शक्तियां" पाकिस्तान को FATF की 'ग्रे लिस्ट' में रखना चाहती हैं और यह देखने की जरूरत है कि क्या वैश्विक मंच का इस्तेमाल राजनीतिक उद्देश्यों के लिए किया जा रहा है। हालांकि, उन्होंने विस्तार से नहीं बताया।
पाकिस्तान ‘ग्रे सूची’ में ही रहेगा पाकिस्तान, आतंकी संगठनों पर करे कार्रवाई: एफएटीएफ
धन शोधन और आतंकवाद को वित्तीय सहायता उपलब्ध कराने वाले संगठनों पर लगाम लगाने वाली अंतरराष्ट्रीय संस्था ‘फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स’ (एफएटीएफ) ने शुक्रवार को कहा कि पाकिस्तान को ‘ग्रे (संदिग्ध) सूची’ में बरकरार रखा जाएगा। इसके साथ ही एफएटीएफ ने कहा कि इस्लामाबाद को संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित आतंकवादी संगठनों और हाफिज सईद तथा मसूद अजहर जैसे उनके सरगनाओं पर कानूनी कार्रवाई करनी होगी।
एफएटीएफ ने यह भी कहा कि पाकिस्तान को अपनी रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण कमियों को दूर करने के लिए काम करना जारी रखना चाहिए। पेरिस स्थित एफएटीएफ के प्रमुख मार्कस प्लेयर ने कहा कि डिजिटल माध्यम से आयोजित बैठक में यह निर्णय लिया गया। प्लेयर ने डिजिटल माध्यम से आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि प्लेयर ने कहा कि पाकिस्तानी सरकार धन शोधन को रोकने में नाकामयाब रही है जिससे भ्रष्टाचार और आतंकवाद का वित्त पोषण होता है।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान, “इन्क्रीज्ड मॉनिटरिंग लिस्ट” (निगरानी की सूची) में रहेगा जिसे ‘ग्रे सूची’ के नाम से भी जाना जाता है। प्लेयर ने कहा कि पाकिस्तान को 2018 में जिन 27 बिंदुओं पर कार्रवाई करने का लक्ष्य दिया गया उसमें से 26 पर कार्रवाई की गई है। उन्होंने कहा कि एफएटीएफ ने पाकिस्तान से कहा है कि वह संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित आतंकवादियों के विरुद्ध कार्रवाई करे।
पाकिस्तान में रह रहे इन आतंकवादियों में जैश ए मोहम्मद का सरगना अजहर, लश्कर ए तय्यबा का संस्थापक सईद और उसका ‘ऑपरेशनल कमांडर’ जकीउर रहमान लखवी शामिल है। अजहर, सईद और लखवी, 26/11 मुंबई हमला और 2019 में पुलवामा में सीआरपीएफ पर हुए हमलों समेत कई आतंकी वारदातों में शामिल रहे हैं जिसके कारण भारत को उनकी तलाश है।
एफएटीएफ ने कहा कि पाकिस्तान को अपने धन शोधन रोधी कानून में संशोधन कर अंतरराष्ट्रीय सहयोग बढ़ाना चाहिए जिससे उसकी रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण कमियों को दूर किया जा सके। पाकिस्तान को जून 2018 में ‘ग्रे सूची’ में डाला गया था और एक कार्य योजना दी गई थी जिसे अक्टूबर 2019 तक पूरा करना था। तभी से पाकिस्तान एफएटीएफ के नियमों का पालन नहीं कर रहा है और ‘ग्रे सूची’ में बरकरार है।