नई दिल्ली। अक्टूबर, 2016 में टाटा संस (Tata SONS) के चेयरमैन पद से अचानक साइरस मिस्त्री (Cyrus Mistry) को हटाए जाने के बाद मिस्त्री और टाटा संस के बीच शुरू हुई लड़ाई का आज सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court)में अंत हो गया। सुप्रीम कोर्ट ने टाटा संस के हक में फैसला सुनाया। इस तरह 100 अरब डॉलर वालू इस समूह ने सुप्रीम कोर्ट में कानूनी लड़ाई जीत ली है। साइरस मिस्त्री ने टाटा संस के पद से अचानक हटाए जाने के खिलाफ कानूनी लड़ाई का सहारा लिया था।
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को टाटा संस के हक में फैसला सुनाया। सुप्रीम कोर्ट ने एनसीएलएटी के उस फैसले को भी रद्द कर दिया, जिसमें साइरस मिस्त्री को दोबारा टाटा संस का चेयरपर्सन बनाने का आदेश दिया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने एसपी ग्रुप और साइरस इनवेस्टमेंट्स द्वारा दायर सभी याचिकाओं को भी रद्द कर दिया।
भारत के मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने एनसीएलएटी के आदेश को रद्द करते हुए टाटा ग्रुप की सभी याचिकाओं को स्वीकार्य किया और मिस्त्री ग्रुप की सभी याचिकाओं को रद्द कर दिया। मिस्त्री ने टाटा संस के प्रबंधन में अनियमितताओं का आरोप लगाया था। उल्लेखनीय है कि टाटा संस में मिस्त्री परिवार सबसे बड़ा शेयरधारक है। इसके पास 18.47 प्रतिशत हिस्सेदारी है। मिस्त्री परिवार ने टाटा संस से अपने रिश्ते खत्म करने के लिए अपनी हिस्सेदारी बेचने की भी योजना बनाई है।
रतन टाटा ने बताया इसे सिद्धांतों की जीत
टाटा संस के मानद चेयरमैन रतन टाटा ने आज के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए ट्वीट कर कहा कि मैं सुप्रीम कोर्ट के फैसले की सराहना करता हूं और मैं न्यायालय का आभारी हूं। उन्होंने आगे लिखा, यह हार और जीत का विषय नहीं है। मेरी ईमानदारी और समूह के नैतिक आचरण पर लगातार हमले किए गए। फैसले ने टाटा समूह के मूल्यों और नैतिकता पर मुहर लगाई है, जो हमेशा से समूह के मार्गदर्शक सिद्धान्त रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस फैसले ने न्यायपालिका की निष्पक्षता को और मजबूत किया है।
सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा अपने फैसले में
मुख्य न्यायाधीश एस ए बोबडे और न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और वी रामसुब्रमण्यम की पीठ ने टाटा समूह की अपील को स्वीकार किया। पीठ ने अपने आदेश में कहा कि राष्ट्रीय कंपनी लॉ अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) के 18 दिसंबर 2019 के आदेश को रद्द किया जाता है। टाटा संस प्राइवेट लिमिटे़ड और साइरस इन्वेस्टमेंट्स प्राइवेट लिमिटेड ने राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) के फैसले के खिलाफ क्रॉस अपील दायर की थी, जिसपर शीर्ष न्यायालय का फैसला आया है।
आदेश में आगे कहा गया कि टाटा समूह की अपील को स्वीकार किया जाता है और एसपी समूह की अपील खारिज की जाती है। एनसीएलएटी ने अपने आदेश में 100 अरब डॉलर के टाटा समूह में साइरस मिस्त्री मिस्त्री को कार्यकारी चेयरमैन पद पर बहाल कर दिया था। शापूरजी पालोनजी (एसपी) समूह ने 17 दिसंबर को न्यायालय से कहा था कि अक्टूबर, 2016 को हुई बोर्ड की बैठक में मिस्त्री को टाटा संस के चेयरमैन पद से हटाना ‘खूनी खेल’ और ‘घात’ लगाकर किया गया हमला था। यह कंपनी संचालन के सिद्धान्तों के खिलाफ था। वहीं टाटा समूह ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा था कि इसमें कुछ भी गलत नहीं था और बोर्ड ने अपने अधिकार का इस्तेमाल करते हुए मिस्त्री को पद से हटाया था।
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