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व्यवस्था में जरूरत से ज्यादा है नकदी, उपलब्ध विकल्पों के माध्यम से पूरी करेंगे जरूरतें: RBI

केंद्रीय बैंक ने एक बयान में कहा कि 26 सितंबर को रेपो के माध्यम से बैंकों ने रिजर्व बैंक से 1.88 लाख करोड़ रुपये की सुविधा प्राप्त की

India TV Paisa Desk Edited by: India TV Paisa Desk
Updated on: September 27, 2018 13:03 IST
The system liquidity is in ample surplus says Reserve bank of India- India TV Paisa

The system liquidity is in ample surplus says Reserve bank of India

नई दिल्ली। नकदी की कमी को लेकर छाई चिंताओं पर भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बृहस्पतिवार को कहा कि व्यवस्था में नकदी जरूरत से ज्यादा है। बाजार की जरूरतों के हिसाब से उपलब्ध विकल्पों का उपयोग कर टिकाऊ तरलता व्यवस्था को सुनिश्चित किया जाएगा। पिछले कुछ दिनों में सक्रियता से उठाए गए कदमों के बारे में RBI ने कहा कि 19 सितंबर को उसने खुले बाजार में सरकारी प्रतिभूतियों का लेन-देन (OMO) किया था। साथ ही तरलता समायोजन सुविधा (LAF) के सामान्य प्रावधान के अतिरिक्त रेपो के माध्यम से अतिरिक्त तौर पर तरलता के लिए उदार तरीके से जान फूंकने की कोशिश की थी। 

RBI ने कहा कि खुले बाजार में सरकारी प्रतिभूतियों की खरीद-फरोख्त दोबारा से बृहस्पतिवार को की जा सकती है ताकि व्यवस्था में पर्याप्त तरलता को सुनिश्चित किया जा सके। केंद्रीय बैंक ने एक बयान में कहा कि 26 सितंबर को रेपो के माध्यम से बैंकों ने रिजर्व बैंक से 1.88 लाख करोड़ रुपये की सुविधा प्राप्त की। परिणाम स्वरूप व्यवस्था में पर्याप्त से अधिक तरलता मौजूद है।

The system liquidity is in ample surplus says Reserve bank of India

The system liquidity is in ample surplus says Reserve bank of India

RBI ने घोषणा की सांविधिक तरलता अनुपात (SLR) में जरूरी राहत एक अक्तूबर 2018 से प्रभावी होगी। इससे प्रत्येक बैंक की तरलता की क्षमता को मदद मिलनी चाहिए। RBI ने कहा कि व्यवस्था में टिकाऊ तरलता जरूरतों को पूरा करने के वह तैयार है और विभिन्न उपलब्ध विकल्पों के माध्यम से वह इसे सुनिश्चित करेगा। यह उसके बाजार हालातों और तरलता का लगातार आकलन करने पर निर्भर करेगा। उल्लेखनीय है कि IL&FS समूह कंपनी की चूक के बाद तरलता के संकट संबंधी चिंताएं जाहिर की जाने लगी थीं। 

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