भारत की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो (IndiGo) को नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) ने पायलट ट्रेनिंग में कथित खामियों के चलते बड़ा झटका दिया है। DGCA ने एयरलाइन पर 20 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। यह जुर्माना कैटेगरी-सी एयरड्रोम्स पर पायलट ट्रेनिंग के दौरान क्वालिफाइड सिमुलेटर का उपयोग न करने से जुड़ा है। एयरलाइन ने बुधवार को यह जानकारी एक्सचेंज को दी।
इंटरग्लोब एविएशन ने बताया कि उन्हें यह नोटिस 26 सितंबर 2025 को मिला था। DGCA के मुताबिक, नियमों के अनुसार पायलट ट्रेनिंग के लिए योग्य सिमुलेटर का उपयोग अनिवार्य है, लेकिन एयरलाइन ने कथित तौर पर इसमें चूक की। हालांकि, IndiGo ने स्पष्ट किया है कि इस जुर्माने का उनके वित्तीय हालात, ऑपरेशन्स या अन्य बिजनेस एक्टिविटी पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
इंडिगो का क्या कहना?
इंडिगो ने कहा कि यह DGCA का आदेश एयरलाइन के पक्ष में चुनौती दी जा रही है और उचित अपील अथॉरिटी के समक्ष इसके खिलाफ कार्यवाही की जा रही है। एयरलाइन ने यह भी बताया कि आदेश के विवरण की इंटरनल कम्युनिकेशन प्रोसेस में देरी के कारण सूचना में विलंब हुआ, जो बिल्कुल अनजाने में हुआ। विशेषज्ञों का मानना है कि DGCA का यह कदम भारतीय वायुसेवा उद्योग में सुरक्षा मानकों को सख्ती से लागू करने की दिशा में महत्वपूर्ण है। पायलट ट्रेनिंग और सिमुलेटर के उपयोग में चूक को गंभीर माना जाता है, क्योंकि यह सीधे हवाई यात्रियों की सुरक्षा से जुड़ा होता है।
इंडिगो शेयर प्राइस
इंडिगो के शेयरों की बात करें तो 8 अक्टूबर 2025 को BSE पर इसके शेयर 5,630.50 रुपये पर बंद हुआ, जो पिछले बंद भाव से 0.59 प्रतिशत कम था। इंडिगो की यह चुनौती DGCA के आदेश के खिलाफ महत्वपूर्ण अपील के तौर पर देखी जा रही है। एयरलाइन का कहना है कि वह सभी रेगुलेटरी प्रक्रियाओं का पालन कर रही है और पायलट ट्रेनिंग के मानकों को और भी सख्ती से लागू करने के लिए उपाय करेगी। विश्लेषकों का कहना है कि इस मामले से एयरलाइन की साख पर मामूली असर पड़ सकता है, लेकिन संचालन और फाइनेंशियल स्थिति पर कोई बड़ा प्रभाव नहीं पड़ेगा। इंडिगो की प्रतिक्रिया से यह भी स्पष्ट है कि एयरलाइन रेगुलेटरी संगठनों के साथ सहयोग में कोई कमी नहीं रखती।






































