भारतीय Share Market में एकदम से विदेशी निवेशकों का रुझान बढ़ गया है। एक समय लगातार बिकवाली करने वाले विदेशी निवेशक अब जमकर पैसा लगा रहे हैं। एक्सचेंज से मिली जानकारी के मुताबिक, विदेश निवेशकों ने भारतीय शेयर बाजारों में नवंबर महीने में अब तक करीब 19,000 करोड़ रुपये का निवेश किया है। इससे पहले सितंबर में विदेशी निवेशकों ने भारतीय बाजारों से 7,624 करोड़ रुपये और अक्टूबर में आठ करोड़ रुपये की शुद्ध निकासी की थी। मार्केट एक्सपर्ट का कहना है कि यह भारतीय बाजार के लिए बहुत ही अच्छा संकेत है। वैश्विक स्थिरता और बदले हालात में विदेशी निवेशक भारतीय बाजार में लौटे है। इससे उम्मीद की जा रही है कि भारतीय बाजार में जबरस्त तेजी लौटेगी जो निवेशकों को मोटा कमाई का मौका मुहैया कराएगी।
क्यों भारतीय बाजार में निवश करें FPI
जानकारों का कहना है कि अमेरिका में महंगाई से राहत और डॉलर की मजबूती कम होने से विदेशी निवेशकों ने भारतीय बाजार की ओर रुख किया है। इसके चलते वह तेजी से यहां पैसा लगा रहे हैं। दुनियाभर में मंदी की आशंका के बीच भारत तेजी से विकास करने वाला देश बना हुआ है। यह भी कए कारण है जो विदेशी निवेशकों को भारतीय बाजार की ओर आकर्षित कर रहा है। डिपॉजिटरी के आंकड़ों से पता चलता है कि नवंबर में विदेशी निवेशकों के अनुकूल रुख रहने के पहले लगातार दो महीनों तक निकासी का दौर देखा गया था। उसके पहले अगस्त में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने 51,200 करोड़ रुपये और जुलाई में करीब 5,000 करोड़ रुपये की शुद्ध खरीदारी की थी। हालांकि उसके पहले अक्टूबर 2021 से लेकर जून 2022 के दौरान लगातार नौ महीनों तक विदेशी निवेशक शुद्ध बिकवाल बने हुए थे।
आने वाले दिनों में खरीदारी जारी रखेंगे
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार का मानना है कि एफपीआई आने वाले दिनों में भी खरीदारी का सिलसिला जारी रख सकते हैं। उन्होंने कहा कि अमेरिका में मुद्रास्फीति के आंकड़ों में नरमी का रुख रहने और डॉलर एवं बॉन्ड प्रतिफल घटने से विदेशी निवेशक भारतीय बाजारों के प्रति दिलचस्पी दिखा सकते हैं। आंकड़े बताते हैं कि विदेशी निवेशकों ने एक नवंबर से लेकर 11 नवंबर के दौरान कुल 18,979 करोड़ रुपये का निवेश भारतीय इक्विटी बाजारों में किया है। वर्ष 2022 में अब तक विदेशी निवेशकों की भारतीय बाजार से निकासी 1.5 लाख करोड़ रुपये रही है।
रिटर्न पाने की चाहत में लौटे
कोटक सिक्योरिटीज के इक्विटी शोध (खुदरा) प्रमुख श्रीकांत चौहान ने विदेशी निवेशकों के मौजूदा रुख के लिए मुद्रास्फीति में नरमी, वैश्विक बॉन्ड प्रतिफल कम होने और डॉलर की मजबूती दर्शाने वाले डॉलर सूचकांक में गिरावट को जिम्मेदार बताया। मॉर्निंगस्टार इंडिया के सह निदेशक हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा, "हाल के दिनों में इक्विटी बाजारों के तेजी पकड़ने से विदेशी निवेशकों ने भी संभावित रिटर्न की उम्मीद में इसका हिस्सा बनना पसंद किया है।" हालांकि विदेशी निवेशकों ने नवंबर में अब तक भारतीय ऋण बाजार से 2,784 करोड़ रुपये की निकासी भी की है।