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विदेशी निवेशकों ने तीन दिन में फिर 17,537 करोड़ निकालें, जानें, आखिर क्यों भारतीय बाजार से निकल रहे FPI

रिजर्व द्वारा नीतिगत ब्याज दर में बढ़ोतरी किए जाने से एफपीआई प्रवाह अस्थिर रहने की आशंका है।

India TV Paisa Desk Edited by: India TV Paisa Desk
Published on: March 06, 2022 16:17 IST
FPI- India TV Paisa
Photo:FILE

FPI

Highlights

  • तीन कारोबारी दिवसों में ही इक्विटी से 14,721 करोड़ रुपये निकालें
  • अनिश्चितता और कच्चे तेल के दाम में आई तेजी ने कारोबारी धारणा को प्रभावित किया
  • भारत को छोड़कर अन्य उदीयमान बाजारों में एफपीआई प्रवाह फरवरी के महीने में सकारात्मक रहा

नई दिल्ली। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने मार्च के सिर्फ तीन कारोबारी दिवसों में ही भारतीय शेयर बाजारों से 17,537 करोड़ रुपये की निकासी कर ली है। यूक्रेन संकट की वजह से पैदा हुई अनिश्चितता और कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों से कारोबारी धारणा पर पड़े प्रतिकूल असर ने एफपीआई की इस निकासी को रफ्तार देने का काम किया है। 

जमाकर्ताओं से प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक, एफपीआई ने इस महीने के तीन कारोबारी दिवसों में ही इक्विटी से 14,721 करोड़ रुपये, ऋण खंड से 2,808 करोड़ रुपये और हाइब्रिड साधनों से नौ करोड़ रुपये निकाले हैं। इस तरह 2-4 मार्च के दौरान भारतीय बाजारों से कुल 17,537 करोड़ रुपये की निकासी विदेशी निवेशकों ने की। 

इन कारणों से यहां से पैसा निकाल रहे

जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा, यूक्रेन और रूस के बीच छिड़ी जंग से उपजी अनिश्चितता और कच्चे तेल के दाम में आई तेजी ने कारोबारी धारणा को प्रभावित किया है। इसके अलावा एफपीआई डॉलर के मुकाबले रुपये की कमजोर होती स्थिति को देखते हुए ऋण खंड में भी बिकवाल बने हुए हैं। मॉर्निंगस्टार इंडिया के शोध प्रबंधक एवं एसोसिएट निदेशक हिमांशु श्रीवास्तव का कहना है कि इस पैमाने पर भू-राजनीतिक तनाव पैदा होना भारत जैसी उदीयमान अर्थव्यवस्था के लिए विदेशी मुद्रा प्रवाह के नजरिये से अच्छा नहीं है। उन्होंने कहा कि भारतीय इक्विटी बाजारों के उच्च मूल्यांकन के साथ कंपनियों की आय से जुड़े जोखिम और आर्थिक वृद्धि की सुस्त पड़ती रफ्तार ने विदेशी निवेशकों को भारतीय स्टॉक बाजार में खुलकर निवेश करने से रोकने का काम किया है।

दूसरे बाजार में निवेश कर रहे हैं एफपीआई

कोटक सिक्योरिटीज लिमिटेड के इक्विटी शोध (खुदरा) प्रमुख श्रीकांत चौहान ने कहा, भारत को छोड़कर अन्य उदीयमान बाजारों में एफपीआई प्रवाह फरवरी के महीने में सकारात्मक रहा। इंडोनेशिया में 1,22 करोड़ डॉलर, फिलीपींस में 14.1 करोड़ डॉलर, दक्षिण कोरिया में 41.8 करोड़ डॉलर और थाईलैंड में 193.1 करोड़ डॉलर का एफपीआई निवेश आया। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में यूक्रेन पर रूस के हमले और उसकी वजह से लगने वाली पाबंदियों के साथ ही मुद्रास्फीति बढ़ने और फेडरल रिजर्व द्वारा नीतिगत ब्याज दर में बढ़ोतरी किए जाने से एफपीआई प्रवाह अस्थिर रहने की आशंका है। 

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