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अमेरिका में नौकरी की चाहत रखने वाले लोगों के लिए खुशखबरी, आसानी से मिलेगा H-1बी वीजा, जानें क्यों

भारत के आईटी पेशेवरों के बीच एच-1बी वीजा की सबसे अधिक मांग रहती है। एच-1बी वीजा, एक गैर-अप्रवासी वीजा है जो अमेरिकी कंपनियों को ऐसे विशेष व्यवसायों में विदेशी कर्मचारियों को नियोजित करने की अनुमति देता है, जिन्हें तकनीकी विशेषज्ञता की आवश्यकता होती है।

Edited By: Alok Kumar @alocksone
Published : Apr 20, 2023 13:11 IST, Updated : Apr 20, 2023 13:11 IST
H-1बी वीजा- India TV Paisa
Photo:INDIA TV H-1बी वीजा

अमेरिका में नौकरी की चाहत रखने वाले लोगों के लिए अच्छी खबर है। दरअसल, भारतीय मूल के अमेरिकी सांसद श्री थानेदार ने देश के गृह सुरक्षा सचिव ऐलेजैंड्रो मायोरकास से एच-1बी वीजा की संख्या बढ़ाने सहित अप्रवासन के कानूनी रास्तों का विस्तार करने का अनुरोध किया है। इससे बाद यह कयास लगाया जा रहा है कि आने वाले दिनों में अमेरिकी संसद में इस पर विचार हो सकता है और विजा की संख्या में बढ़ोतरी की जा सकती है। आपको बता दें कि भारत से हर साल लाखों लोग एच-1बी वीजा के लिए आवेदन करते हैं लेकिन सीमित संख्या होने के कारण बहुत सारे लोगों को यह नहीं मिल पाता। इस चक्कर में वो अमेरिका में काम करने के मौके चूक जाते हैं।

आईटी पेशेवरों के बीच सबसे अधिक मांग

भारत के आईटी पेशेवरों के बीच एच-1बी वीजा की सबसे अधिक मांग रहती है। एच-1बी वीजा, एक गैर-अप्रवासी वीजा है जो अमेरिकी कंपनियों को ऐसे विशेष व्यवसायों में विदेशी कर्मचारियों को नियोजित करने की अनुमति देता है, जिन्हें तकनीकी विशेषज्ञता की आवश्यकता होती है। प्रौद्योगिकी कंपनियां भारत और चीन जैसे देशों से हर साल हजारों कर्मचारियों को नियुक्त करने के लिए इस वीजा पर निर्भर करती हैं। गृह सुरक्षा पर आधारित एक संसदीय समिति की सुनवाई के दौरान श्री थानेदार ने मायोरकास से कहा, ‘‘हमें अप्रवासन के लिए कानूनी रास्ते का विस्तार करना चाहिए, जिसमें एच-1बी वीजा की सीमा को बढ़ाना भी शामिल है।’’

आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध

व्हाइट हाउस ने कहा है कि बाइडन प्रशासन आर्थिक विकास और द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने के लिए क्वॉड जैसे समूहों में भारत के साथ मिलकर काम करने को लेकर प्रतिबद्ध है। नवंबर 2017 में, भारत, जापान, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया ने हिंद-प्रशांत में महत्वपूर्ण समुद्री मार्गों को किसी भी प्रभाव से मुक्त रखने के सिलसिले में नयी रणनीति बनाने के लिए क्वॉड की स्थापना की थी। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरीन ज्यां-पियरे ने बुधवार को दैनिक संवाददाता सम्मेलन में कहा, “अमेरिका और भारत के बीच मजबूत द्विपक्षीय संबंध हैं और इसमें व्यापार संबंध भी शामिल हैं।” ज्यां-पियरे ने कहा, “हम अपने दोनों देशों के आर्थिक विकास और हमारी साझा प्राथमिकताओं में सहयोग बढ़ाने के उद्देश्य से क्वॉड जैसे समूहों में एक साथ काम करते रहने के लिए प्रतिबद्ध हैं।” द्विपक्षीय व्यापार 2022-23 में 7.65 प्रतिशत बढ़कर 128.55 अरब अमेरिकी डॉलर हो गया, जबकि 2021-22 में यह 119.5 अरब अमेरिकी डॉलर था। 2020-21 में यह 80.51 अरब अमेरिकी डॉलर था। 

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