इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने गुरुवार को अमेरिकी स्वामित्व वाली ट्रेडिंग कंपनी जेन स्ट्रीट के खिलाफ कथित टैक्स चोरी की जांच के तहत कुछ ब्रोकिंग कंपनियों के ठिकानों पर सर्वे ऑपरेशन चलाया। आधिकारिक सूत्रों ने ये जानकारी दी। बताते चलें कि जेन स्ट्रीट पर हाल ही में भारतीय शेयर बाजार में हेराफेरी के आरोप लगे थे। सूत्रों ने बताया कि डिपार्टमेंट जेन स्ट्रीट के खिलाफ हाल ही में पूंजी बाजार नियामक सेबी की कार्रवाई को ध्यान में रखते हुए ‘सत्यापन’ अभियान चला रहा है। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने 3 जुलाई को दिए अपने अंतरिम आदेश में जेन स्ट्रीट (जेएस) को भारी मुनाफा कमाने के लिए वायदा एवं विकल्प बाजारों के साथ-साथ नकदी में भी दांव लगाकर इंडेक्स में हेरफेर करने का दोषी पाया था।
सेबी ने जब्त किया 4843 करोड़ रुपये का प्रॉफिट
इससे, सेबी ने ‘हेज फंड’ को बाजार में प्रवेश करने से रोक दिया और 4843 करोड़ रुपये से ज्यादा का प्रॉफिट भी जब्त कर लिया। जांच में पाया गया कि जेन स्ट्रीट ने जनवरी, 2023 से मई, 2025 तक की जांच अवधि के दौरान शुद्ध आधार पर 36,671 करोड़ रुपये का प्रॉफिट कमाया। बताते चलें कि हेज फंड प्राइवेट और नॉन-रजिस्टर्ड इंवेस्टमेंट फंड होता है। हालांकि, 21 जुलाई को सेबी ने जेन स्ट्रीट पर लगाए गए प्रतिबंधों को हटाकर फिर से कारोबार शुरू करने की अनुमति दे दी थी, जब कंपनी ने एस्क्रो खाते में 4843.57 करोड़ रुपये की अनिवार्य राशि जमा कर दी थी।
जेन स्ट्रीट ग्रुप के लेनदेन पर नजर रखने के आदेश
SEBI ने 21 जुलाई को बयान में कहा था कि जेन स्ट्रीट ग्रुप ने इंडेक्स में हेराफेरी के मामले में 3 जुलाई, 2025 को जारी अंतरिम आदेश के पैरा 62.11 के अनुसार, खंड 62.1 में दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए 4843.57 करोड़ रुपये की राशि जमा की है। सेबी ने कहा कि संबंधित संस्थाओं को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से किसी भी धोखाधड़ी, हेराफेरी या अनुचित व्यापार व्यवहार में शामिल नहीं होने का निर्देश दिया गया है। इसमें अंतरिम आदेश में उल्लिखित किसी भी तरीके का उपयोग करके प्रतिभूतियों में कारोबार करना शामिल है। सेबी ने आगे सख्त निगरानी सुनिश्चित करने के लिए शेयर बाजारों को जेन स्ट्रीट ग्रुप के लेनदेन और स्थिति पर लगातार नजर रखने का भी निर्देश दिया था।
पीटीआई इनपुट्स के साथ



































