उत्तर भारत में बढ़ते कोहरे का असर आज हवाई यातायात पर भी देखने को मिल सकता है। दिल्ली, पटना समेत कई प्रमुख एयरपोर्ट्स पर विजिबिलिटी कम रहने की वजह से फ्लाइट्स के टेक-ऑफ और लैंडिंग में देरी की आशंका जताई गई है। इसे देखते हुए स्पाइसजेट सहित अन्य एयरलाइंस ने यात्रियों को पहले से अलर्ट किया है और समय से पहले एयरपोर्ट पहुंचने की सलाह दी है। दिल्ली एयरपोर्ट ने भी पैसेंजर्स को इसकी जानकारी दी है। अगर आपकी भी आज फ्लाइट है तो आपको फ्लाइट स्टेटस के मुताबिक ही घर से एयरपोर्ट के लिए निकलना चाहिए।
स्पाइसजेट ने दिया ये मैसेज
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपने संदेश में घरेलू एयरलाइन स्पाइसजेट ने कहा है कि खराब मौसम और कम विजिबिलिटी की संभावना को देखते हुए दिल्ली (DEL), अमृतसर (ATQ), जम्मू (IXJ), अयोध्या (AYJ), गोरखपुर (GOP), वाराणसी (VNS), दरभंगा (DBR), पटना (PAT) और बागडोगरा (IXB) एयरपोर्ट्स पर फ्लाइट संचालन प्रभावित हो सकता है। इन एयरपोर्ट्स से उड़ान भरने वाली और यहां आने वाली कई फ्लाइट्स में देरी या बदलाव की आशंका है। यात्रियों से अपील की गई है कि वे यात्रा से पहले और दौरान एयरलाइन की आधिकारिक वेबसाइट के माध्यम से अपनी फ्लाइट का लेटेस्ट स्टेटस नियमित रूप से चेक करते रहें।
स्पाइसजेट मौजूदा सर्दियों की मांग को पूरा करने के लिए रोजाना 100 अतिरिक्त उड़ानें शुरू करने की योजना बना रही है। एयरलाइन ने कहा कि वह इस सर्दी में प्रमुख मार्गों पर बढ़ती मांग को देखते हुए अपनी उड़ान सेवाओं को बढ़ाने और बाजार में पर्याप्त क्षमता सुनिश्चित करने की दिशा में काम कर रही है।
दिल्ली एयरपोर्ट ने किया अलर्ट
दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड यानी डायल ने भी पैसेंजर्स को अलर्ट करते हए अपने संदेश में कहा है कि घने कोहरे की वजह से फिलहाल फ्लाइट ऑपरेशंस CAT III कंडीशंस के तहत किए जा रहे हैं, जिसके कारण उड़ानों में देरी या संचालन में बाधा आ सकती है। यात्रियों को होने वाली असुविधा को कम से कम करने के लिए संबंधित सभी एजेंसियों और हितधारकों के साथ मिलकर लगातार काम किया जा रहा है।
बता दें, CAT I कम विजिबिलिटी में एयरक्राफ्ट लैंडिंग की अनुमति देता है, जिसमें न्यूनतम RVR लगभग 550 मीटर और उससे ज्यादा होता है। CAT II बहुत कम विजिबिलिटी में एयरक्राफ्ट को लैंड करने की अनुमति देता है, जिसमें न्यूनतम RVR लगभग 300 m से 549 m होता है और CAT III एडवांस्ड/ऑटोलैंड सिस्टम का इस्तेमाल करके बहुत कम या लगभग ज़ीरो विज़िबिलिटी में एयरक्राफ्ट को लैंड करने की अनुमति देता है, RVR 300 m से कम होने पर।






































