देश का सबसे अनूठा साइबर सुरक्षा प्रशिक्षण कार्यक्रम नेशनल साइबर सिक्योरिटी स्कॉलर प्रोग्राम यानी NCSSP 2025, आगामी 21 अगस्त से हैदराबाद में शुरू हो रहा है। इस पहल के साथ ही भारत साइबर सुरक्षा नेतृत्व में नया अध्याय लिख रहा है। पीटीआई की खबर के मुताबिक, यह प्रशिक्षण कार्यक्रम, पारंपरिक कक्षा और स्क्रीन को छोड़कर जंगल, टेंट, और असली संकट जैसे हालात में प्रतिभागियों को ट्रेंड करेगा। यह कार्यक्रम न सिर्फ एक और ट्रेनिंग कैम्प है, बल्कि, यह साइबर खतरों के बदलते परिदृश्य, सोच में बदलाव और एक सुरक्षित डिजिटल भारत के निर्माण की दिशा में बड़ा कदम है।
सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के दिग्गज साथ होंगे
खबर के मुताबिक, CERT-IN (भारतीय कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम) द्वारा समर्थित और ISAC (इन्फॉर्मेशन शेयरिंग एंड एनालिसिस सेंटर) द्वारा संचालित इस कार्यक्रम में चुने गए प्रतिभागियों में IAS और IPS अधिकारी, प्रमुख टेक कंपनियों के साइबर विशेषज्ञ, रक्षा और खुफिया एजेंसियों के अधिकारी, IITs जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों के प्रोफेसर, बैंक, टेलीकॉम और साइबर सुरक्षा सेवा प्रदाता कंपनियों के अधिकारी शामिल होंगे।
साइबर सुरक्षा की ट्रेनिंग अब जंगल में
इस ट्रेनिंग प्रोग्राम की शुरुआत किसी कॉन्फ्रेंस रूम में नहीं, बल्कि एक जंगल में होगी। यहां प्रतिभागी अपने टेंट खुद लगाएंगे, खाना खुद बनाएंगे, HAM रेडियो जैसे एनालॉग उपकरणों से संवाद करेंगे, डिजिटल नेटवर्क से पूरी तरह कटे रहेंगे। जमीनी और वास्तविक ट्रेनिंग एक्टिविटीज में हार्डवेयर हैकिंग और IoT सिमुलेशन, रेडियो जामिंग और रेडियो निर्माण, लॉक पिकिंग और सुरक्षा परिधि में घुसपैठ, रेड वर्सेज़ ब्लू टीम वॉर-गेमिंग, संकट प्रतिक्रिया और नेतृत्व परीक्षण शामिल किए जाएंगे। जंगल में जीवित रहने की स्किल भी सिखाई जाएगी, जैसे आग जलाना, जंगली भोजन खोजना, पानी को शुद्ध करना आदि।
एक रणनीतिक राष्ट्रीय पहल
CERT-IN के महानिदेशक डॉ. संजय बहल का कहना है कि हम साइबर हमलों का इंतज़ार नहीं कर रहे, हम एक लचीला भारत बना रहे हैं, ऐसे पेशेवरों के नेटवर्क के साथ जो सभी क्षेत्रों में विश्वसनीय और कुशल हैं। डॉ. एम.एस. विजयराघवन, जो साइबर नीति के क्षेत्र में प्रसिद्ध नाम हैं, ने इस कार्यक्रम को CERT-IN की दूरदर्शिता का परिचायक बताया। इस ट्रेनिंग कार्यक्रम के लिए हैदराबाद को खास तौर पर चुना गया, क्योंकि हैदराबाद आज भारत का एक प्रमुख साइबर इनोवेशन हब बन चुका है। यहां टॉप R&D सेंटर, स्टार्टअप्स और ग्लोबल टेक्नोलॉजी कंपनियां स्थित हैं।
बूटकैम्प के बाद क्या?
चार दिन की जंगल ट्रेनिंग के बाद, जनवरी 2026 तक प्रतिभागियों को साप्ताहिक डिजिटल लर्निंग मॉड्यूल, पावर प्लांट, एयरपोर्ट और डाटा सेंटर्स के फील्ड विजिट, अनुसंधान प्रोजेक्ट और नीति आधारित सिमुलेशन, साइबर कानून और डिप्लोमेसी पर कार्यशालाएं मिलेंगे।






































