टैरिफ वॉर के चलते क्या भारत और अमेरिका के बीच व्यापार वार्ता बंद हो गई है? अगर आपके मन में भी यह सवाल चल रहा है तो इसका जवाब आप यहां जान लीजिए। वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने मंगलवार को एक उद्योग सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार समझौते (बीटीए) को लेकर बातचीत जारी है। पीटीआई की खबर के मुताबिक, केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि भारत अब तक ऑस्ट्रेलिया, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), मॉरीशस, यूनाइटेड किंगडम (यूके) और यूरोपीय फ्री ट्रेड एसोसिएशन (ईएफटीए) के साथ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (एफटीए) पर हस्ताक्षर कर चुका है।
मार्च से चल रही बातचीत, 6वां दौर टला
भारत और अमेरिका के बीच बीटीए पर बातचीत मार्च 2025 से शुरू हुई थी और अब तक पांच दौर पूरे हो चुके हैं। हालांकि, 27 अगस्त से लागू 50% आयात शुल्क के चलते अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल ने 25 अगस्त से प्रस्तावित छठे दौर की बातचीत स्थगित कर दी है। अब तक नई तारीख की घोषणा नहीं हुई है। उधर, अमेरिका के ट्रेजरी सेक्रेटरी स्कॉट बेसेन्ट ने एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में भारत को लेकर बयान देते हुए कहा कि भारत और अमेरिका दो महान लोकतंत्र हैं और अंततः यह विवाद सुलझा लिया जाएगा। भारत के मूल्य अमेरिका और चीन के अधिक करीब हैं, न कि रूस के। उन्होंने भारत की रूसी तेल खरीद और पुनः निर्यात पर आपत्ति जताई।
भारत का स्पष्ट जवाब
भारत ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि उसकी ऊर्जा खरीद पूरी तरह से राष्ट्रीय हित और बाजार मूल्य आधारित है। भारत ने अमेरिका द्वारा लगाए गए 50% टैरिफ को "अनुचित और मनमाना" बताया है। गोयल ने यह भी कहा कि भारत की सप्लाई चेन अब पहले से कहीं अधिक मजबूत और लचीली हो चुकी है। उन्होंने कहा कि भारत अब किसी भी देश की कृपा पर निर्भर नहीं है। यह आत्मनिर्भरता आज के युवाओं को वैश्विक चुनौतियों का सामना करने में सक्षम बना रही है।
भारत-EU फ्री ट्रेड एग्रीमेंट वार्ता आखिरी चरण में
गोयल ने बताया कि भारत और यूरोपीय संघ (ईयू) के बीच फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (एफटीए) पर बातचीत निर्णायक मोड़ पर पहुंच चुकी है। वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल इस समय ब्रसेल्स में EU अधिकारियों से बातचीत कर रहे हैं। 13वां दौर 8 सितंबर से भारत में आयोजित किया जाएगा। इस बैठक के बाद EU के व्यापार आयुक्त मारोस सेफकोविच भारत का दौरा कर सकते हैं। भारत और ईयू ने जून 2022 में आठ साल के अंतराल के बाद इस व्यापक समझौते पर वार्ता फिर शुरू की थी।
इस समझौते के तहत 23 प्रमुख नीतिगत क्षेत्रों को शामिल किया गया है, जिनमें - वस्तुओं और सेवाओं का व्यापार, निवेश संरक्षण, बौद्धिक संपदा अधिकार, सरकारी खरीद, विवाद समाधान, भौगोलिक संकेतक, सतत विकास, तकनीकी अवरोध और अन्य व्यापार नियम शामिल हैं। यूरोपीय संघ भारत के कुल निर्यात का 17% आयात करता है, जबकि भारत ईयू को उसके कुल निर्यात का 9% सप्लाई करता है। एफटीए के इस दौर को खास महत्व इसलिए दिया जा रहा है क्योंकि दोनों पक्षों ने वर्ष 2025 के अंत तक समझौते को अंतिम रूप देने का लक्ष्य तय किया है।






































