
नेशनल बिल्डिंग्स कंस्ट्रक्शन कॉर्पोरेशन (एनबीसीसी) ने आम्रपाली ग्रुप के अटके 25,000 फ्लैट का निर्माण पूरा कर लिया है। साथ ही बकाया भुगतान न कर पाने वाले घर खरीदारों के 6,686 फ्लैट को बेचकर अब तक 3,177 करोड़ रुपये जुटाए गए हैं। भाषा की खबर के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट में यह जानकारी दी गई है। सुप्रीम कोर्ट ने एनबीसीसी को आम्रपाली समूह की अटकी हुई आवासीय परियोजनाओं को पूरा करने का काम सौंपा था। इस मामले में 'कोर्ट रिसीवर' नियुक्त किए गए अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी ने न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी और न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा की पीठ के समक्ष पेश नवीनतम स्थिति रिपोर्ट में यह जानकारी दी।
15 जनवरी 2025 तक के आंकड़े
खबर के मुताबिक, अगस्त, 2021 में कर्ज न चुका पाए घर खरीदारों को उचित अवसर देने के बाद एनबीसीसी को अब तक न बिक पाए फ्लैट बेचने की अनुमति दी गई थी। वेंकटरमणी ने कहा कि कोर्ट रिसीवर’ 4,959 बिना बिके फ्लैट एनबीसीसी को बिक्री के लिए जारी कर चुका है। इनमें से 4,733 यूनिट बेची जा चुकी हैं जिनका कुल बिक्री मूल्य 2,617 करोड़ रुपये है। इनमें से 15 जनवरी 2025 तक 2,165 करोड़ रुपये हासिल हुए हैं।
एनबीसीसी ने कुल 6,686 फ्लैट बेचे
वेंकटरमणी ने कहा कि ‘डिफॉल्टर’ और ‘पंजीकृत लेकिन भुगतान नहीं करने वाली’ कैटेगरी की 1,953 यूनिट को भी बिक्री के लिए एनबीसीसी को जारी कर दिया गया है। इन यूनिट्स को कुल 1,244 करोड़ रुपये के बिक्री मूल्य पर बेचा गया। इन दोनों कैटेगरी को मिलाकर एनबीसीसी ने कुल 6,686 फ्लैट बेच दिए हैं जिनका कुल बिक्री मूल्य 3,861 करोड़ रुपये है। इनमें से कुल 3,177 करोड़ रुपये का पेमेंट मिल चुका है। अटॉर्नी जनरल ने कहा कि एनबीसीसी ने 2020 से दिसंबर, 2024 तक कुल 25,000 फ्लैटों का निर्माण पूरा कर लिया।
नोएडा और ग्रेटर नोएडा में हैं ये फ्लैट
ये फ्लैट आम्रपाली समूह की नोएडा और ग्रेटर नोएडा क्षेत्रों में स्थित विभिन्न परियोजनाओं में शामिल हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कई सालों तक फ्लैटों का निर्माण अटके रहने के बाद सरकारी निर्माण कंपनी एनबीसीसी को इनका निर्माण पूरा करने का दायित्व सौंपा था। इस प्रक्रिया पर निगरानी के लिए कोर्ट रिसीवर की नियुक्ति भी की गई थी। सु्प्रीम कोर्ट के इस मामले में शामिल होने के बाद हजारों फ्लैट खरीदारों के अटके हुए घर उन्हें वापस मिल पा रहे हैं।