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RBI MPC Meeting: रिजर्व बैंक की MPC की बैठक आज से शुरू, महंगाई पर काबू पाने के लिए ब्याज दरें बढ़ती लगभग तय, जानिए कितनी बढ़ेगी EMI

RBI गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता वाली PMC की बैठक 28 से 30 सितंबर तक होगी। ब्याज दरों में बढ़ोत्तरी का खुलासा इस तीन दिन की इस बैठक के आखिरी दिन होगा

Sachin Chaturvedi Edited By: Sachin Chaturvedi @sachinbakul
Published on: September 28, 2022 10:58 IST
Repo Rate- India TV Paisa
Photo:FILE Repo Rate

RBI MPC Meeting: रिजर्व बैंक की हर दूसरे महीने होने वाली मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी यानि एमपीसी की बैठक आज 28 सितंबर से शुरू हो गई है। इस बैठक में रिजर्व बैंक के सामने सबसे बड़ा प्रश्न महंगाई को काबू में लाना है। अपनी इसी कवायद में बीते तीन बार से रिजर्व बैंक ब्याज दरों में बढ़ोत्तरी कर चुकी है। अमेरिकी फेडरल रिजर्व  समेत दुनिया के अन्य प्रमुख केंद्रीय बैंकों की तरफ से ब्याज दर में वृद्धि क‍िए जाने के बाद आरबीआई के भी रेपो रेट में वृद्धि करने की उम्‍मीद है। यानि महंगाई को रोकने के लिए रिजर्व बैंक महंगाई की एक और किस्त थोप सकता है। 

रिजर्व बैंक गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता वाली एमपीसी की बैठक 28 से 30 सितंबर तक होगी। ब्याज दरों में बढ़ोत्तरी का खुलासा इस तीन दिन की इस बैठक के आखिरी दिन होगा जब रिजर्व बैंक के गर्वनर एमपीसी बैठक पर प्रेस को संबोधित करेंगे। एमपीसी की सिफारिशों के आधार पर आरबीआई ने जून और अगस्त में रेपो दर में 0.50 फीसदी की वृद्धि की थी। वहीं मई में 40 बेसिस पॉइंट की वृद्धि की गई थी। 

Repo Rate

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मई में अचानक लिया ब्याज दरों में वृद्धि का फैसला

कोरोना महामारी के दौरा 2020 से रिजर्व बैंक ने ब्याज दरों में वृद्धि नहीं की थी। इस साल अप्रैल की एमपीसी बैठक में रिजर्व बैंक ने महंगाई को लेकर चिंता तो जताई थी। ब्याज दरों में वृद्धि नहीं की। अगली बैठक जून में होनी थी। इससे पहले मई में केंद्रीय बैंक ने अचानक हुई अपनी बैठक में ब्याज दर को 0.40 फीसदी बढ़ाया था। विषेशज्ञों के अनुसारए केंद्रीय बैंक एक बार फिर प्रमुख नीतिगत दर रेपो रेट को 0.50 प्रत‍िशत बढ़ाकर तीन साल के उच्चतम स्तर 5.9 फीसदी पर कर सकता है। यह वर्तमान में 5.4 फीसदी है

महंगाई ने तोड़ी राहत की उम्मीद 

रिजर्व बैंक महंगाई को काबू में लाने के लिए ब्याज दरों में बढ़ोत्तरी कर रहा है। जुलाई में महंगाई थमी और खुदरा दर 6.7 पर आई तो लोगों ने रिजर्व बैंक से भी राहत की उम्मीद लगा ली थी। लेकिन अगस्त में महंगाई एक बार फिर से 7 फीसदी पर पहुंच गई है। जो कि रिजर्व बैंक की 6 प्रतिशत की सहनीय सीमा से पूरा 1 फीसदी अधिक है। ऐसे में पूरा भरोसा है कि इस बार फिर आपकी EMI में इजाफा होने जा रहा है।

Inflation

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Inflation

मई से 1.4 प्रतिशत बढ़ चुका है रेपो रेट 

आरबीआई ने महंगाई को काबू में करने के लिए रेपो दर में मई से अबतक 1.40 प्रतिशत की वृद्धि की है। इस दौरान रेपो दर चार प्रतिशत से बढ़कर 5.40 प्रतिशत पर पहुंच चुकी है। विशेषज्ञों के अनुसार मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) 30 सितंबर को रेपो दर में 0.50 प्रतिशत की वृद्धि का फैसला कर सकती है। ऐसा होने पर रेपो दर बढ़कर 5.90 प्रतिशत हो जाएगी। 

क्या कहते हैं विशेषज्ञ

बैंक ऑफ बड़ौदा में मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस: मुद्रास्फीति सात प्रतिशत के लगभग बनी रहने वाली है और ऐसे में दरों में वृद्धि होना तय है। रेपो दर में 0.25 से 0.35 फीसदी की वृद्धि का मतलब है कि आरबीआई को यह भरोसा है कि मुद्रास्फीति का सबसे खराब दौर बीत चुका है। वहीं विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में हाल के घटनाक्रमों को देखते हुए दरों में 0.50 प्रतिशत की वृद्धि भी की जा सकती है। आरबीआई का काम यह सुनिश्चित करना है कि खुदरा मुद्रास्फीति चार प्रतिशत (दो प्रतिशत ऊपर या नीचे) पर बनी रहे। 

हाउसिंग डॉट कॉम के समूह मुख्य कार्यपालक अधिकारी ध्रुव अग्रवाल: ऊंची मुद्रास्फीति आरबीआई के लिए चिंता का प्रमुख कारण है और दरों में वृद्धि के परिणामस्वरूप बैंक आवास ऋण पर ब्याज दरें बढ़ाएंगे। हालांकि, हमारा मानना है कि इसका बहुत ज्यादा असर नहीं पड़ेगा क्योंकि संपत्ति की मांग बनी हुई है। बल्कि त्योहारों के दौरान तो मांग और बढ़ने वाली है। भारतीय स्टेट बैंक ने अपनी विशेष रिपोर्ट में कहा था कि दरों में 0.50 प्रतिशत की वृद्धि तय है। उसने कहा था कि रेपो की सर्वाेच्च दर 6.25 प्रतिशत तक जाएगी और अंतिम वृद्धि दिसंबर की नीतिगत समीक्षा में 0.35 प्रतिशत की होगी।

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