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40% ग्रामीण युवाओं को नौकरियों के लिए क्यों करना पड़ता है संघर्ष? आ गई जानकारी, जानें वजह

युवाओं को बेहतर ट्रेनिंग और उद्योग के साथ-साथ ज्यादा सैलरी वाली नौकरियों की तलाश में ग्रामीण क्षेत्रों से शहरी केंद्रों की तरफ जाने के लिए मजबूर किया है।

Edited By: Sourabha Suman @sourabhasuman
Published : Feb 11, 2025 18:27 IST, Updated : Feb 11, 2025 18:27 IST
अच्छे रोजगार के अवसर हासिल करने में वित्तीय बाधाओं को एक बड़ी चुनौती के रूप में देखा गया।
Photo:PIXABAY अच्छे रोजगार के अवसर हासिल करने में वित्तीय बाधाओं को एक बड़ी चुनौती के रूप में देखा गया।

हमेशा छाए रहने वाले बेरोजगारी जैसे मुद्दे के बीच एक ताजा रिपोर्ट में कहा गया है कि गांवों के करीब 40 प्रतिशत युवा (ग्रामीण युवा) मुख्य तौर पर स्किल और कमजोर भाषा (लैंग्वेज प्रोफिशिएंसी) के चलते जॉब या रोजगार पाने में संघर्ष करते हैं। पीटीआई की खबर के मुताबिक, बिजनेस प्रोसेस मैनेजमेंट कंपनी वर्टेक्स ग्लोबल सर्विसेज की एक रिपोर्ट  में यह पता चला है। रिपोर्ट में कहा गया है कि सर्वे में भाषा प्रवीणता का अंतर सबसे महत्वपूर्ण बाधाओं में से एक रहा।

इन राज्यों में हुआ सर्वेक्षण

खबर के मुताबिक, सर्वेक्षण, जिसमें पांच राज्यों - दिल्ली, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, पंजाब और आंध्र प्रदेश में 1,200 युवाओं और कामकाजी व्यक्तियों से जानकारी एकत्र की गई - सकारात्मक बदलाव की संभावना की स्पष्ट तस्वीर पेश करता है। सर्वेक्षण में कहा गया है कि 33 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने अपने क्षेत्र में सीमित रोजगार के अवसरों की चुनौती पर प्रकाश डाला। इसने युवाओं को बेहतर ट्रेनिंग और उद्योग के साथ-साथ ज्यादा सैलरी वाली नौकरियों की तलाश में ग्रामीण क्षेत्रों से शहरी केंद्रों की ओर पलायन करने के लिए मजबूर किया है।

वित्तीय बाधाओं को भी एक बड़ी चुनौती बताया

सर्वे में करीब 27 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने अच्छे रोजगार के अवसर हासिल करने में वित्तीय बाधाओं को एक बड़ी चुनौती के रूप में रेखांकित किया। कई लोगों ने जरूरी ट्रेनिंग में निवेश करने या शहरी क्षेत्रों की यात्रा करने में असमर्थता का हवाला दिया, क्योंकि मौजूदा समय में उनके पास ज्यादा सैलरी वाले पदों के लिए जरूरी कौशल की कमी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि उन्होंने अपने करियर को आगे बढ़ाने में मदद के लिए वित्तीय सहायता की सख्त जरूरत पर प्रकाश डाला।

क्या करना है जरूरी

वर्टेक्स ग्लोबल सर्विसेज के संस्थापक और सीईओ गगन अरोड़ा ने कहा कि हितधारकों के लिए कौशल भारत मिशन और प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना जैसी पहलों का लाभ उठाने और प्रोफेशनल ट्रेनिंग में सुधार, लैंग्वेज स्किल बढ़ाने और सार्वजनिक-निजी भागीदारी के माध्यम से पहुंच बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करने की तत्काल आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि इन चुनौतियों का समाधान करने से देश में उभरते उद्योगों के लिए अधिक कुशल और मजबूत कार्यबल की ओर अग्रसर होगा।

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