
भारतीय शेयर बाजार में सितंबर 2024 के उच्च स्तर के बाद आई हालिया गिरावट निवेशकों को देश की लॉन्ग टर्म ग्रोथ स्टोरी में इन्वेस्ट करने के लिए आकर्षित कर रही है। दिग्गज ब्रोकरज फर्म मॉर्गन स्टेनली ने यह बात कही है। फर्म ने जून 2026 के लिए अपने बेस केस सेंसेक्स टार्गेट को संशोधित किया है। साथ ही फर्म का अनुमान है कि मार्केट में तेजी रही तो सेंसेक्स 1,00,000 अंक पहुंच जाएगा। अपनी नई रिपोर्ट में मॉर्गन स्टेनली ने जून 2026 तक सेंसेक्स का बेस केस टार्गेट 89,000 तय किया है, जो वर्तमान स्तरों से 8% की ग्रोथ को दर्शाता है। हालांकि, बुल केस परिदृश्य में ब्रोकरेज का अनुमान है कि सेंसेक्स जून 2026 की शुरुआत में ही 1 लाख के टार्गेट को छू सकता है।
यह स्तर बताता है कि बीएसई सेंसेक्स 23.5x के ट्रेलिंग P/E मल्टीपल पर ट्रेड करेगा, जो 21x के 25-वर्षीय एवरेज से आगे है। मॉर्गन स्टेनली की रिपोर्ट में कहा गया है कि ऐतिहासिक औसत पर प्रीमियम भारत में मध्यम अवधि के विकास चक्र, भारत के निचले बीटा, उच्च टर्मिनल विकास दर और एक अनुमानित नीतिगत वातावरण में अधिक विश्वास को दर्शाता है।
बेस केस परिदृश्य
बेस केस परिदृश्य में ब्रोकरेज को जून 2026 तक सेंसेक्स के 89,000 तक पहुंचने का अनुमान है। इसकी संभावना 50 फीसदी है। यह राजकोषीय समेकन, बढ़ते प्राइवेट सेक्टर के निवेश और सकारात्मक रियल डेवलपमेंट-रियल इंट्रेस्ट रेट के अंतर के माध्यम से भारत की व्यापक आर्थिक स्थिरता में लगातार सुधार का अनुमान लगाता है। एक स्थिर घरेलू विकास दृष्टिकोण, अमेरिकी मंदी की अनुपस्थिति और तेल की स्टेबल कीमतें भी पूर्वानुमान में शामिल हैं। बेस केस में एक अनुकूल भारत-अमेरिका व्यापार समझौते पर प्रगति, अल्पकालिक ब्याज दरों में 0.50 फीसदी की कटौती और समग्र रूप से पॉजिटिव लिक्विडिटी वातावरण भी शामिल है। इस परिदृश्य के तहत, सेंसेक्स की इनकम FY28 तक 16.8% की CAGR से बढ़ने की उम्मीद है।
बुल केस परिदृश्य
बुल केस में मॉर्गन स्टेनली एक अधिक अनुकूल, व्यापक और नीतिगत वातावरण की कल्पना करता है, जिससे जून 2026 तक सेंसेक्स 1,00,000 तक पहुंच जाएगा। इसकी संभावना 30 फीसदी है। मुख्य धारणाओं में कच्चे तेल की कीमतों का लगातार 65 डॉलर प्रति बैरल से नीचे रहना शामिल है, जिससे आरबीआई द्वारा और अधिक मौद्रिक ढील मिल सके और टैरिफ नीतियों में उलटफेर के माध्यम से वैश्विक व्यापार तनावों का समाधान हो सके। इसके अलावा, अप्रत्याशित नीतिगत सुधार - जैसे जीएसटी दर में कटौती और कृषि सुधारों पर प्रगति - आगे भी तेजी ला सकती है। इस परिदृश्य में आय वृद्धि FY25-28 तक सालाना 19% तक बढ़ने का अनुमान है।
बेयर केस परिदृश्य
मॉर्गन स्टेनली अपने बेयर केस को 20% संभावना देता है, जिसमें जून 2026 तक सेंसेक्स 70,000 तक गिर जाता है। यह परिदृश्य कच्चे तेल की कीमतों में 100 डॉलर प्रति बैरल से ऊपर की तेज वृद्धि का अनुमान लगाता है, जिससे व्यापक आर्थिक स्थिरता बनाए रखने के लिए आरबीआई द्वारा मौद्रिक सख्ती की जाएगी। इसमें अमेरिका में मंदी सहित वैश्विक विकास में महत्वपूर्ण मंदी भी शामिल है। इन स्थितियों में आय वृद्धि FY28 तक सालाना 15% तक कम होने की उम्मीद है, जिसमें FY26 में उल्लेखनीय मंदी आएगी।