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UPI ट्रांजैक्शन मार्च में रिकॉर्ड लेवल पर, ₹24 लाख करोड़ पर पहुंचा, जानें हर रोज कितना रहा औसत लेन-देन

रिकॉर्ड तोड़ने वाला यूपीआई लेनदेन, पिछले साल की तुलना में मूल्य में 25 प्रतिशत की वृद्धि और मात्रा में 36 प्रतिशत की प्रभावशाली वृद्धि को दर्शाता है, जो भारत की डिजिटल भुगतान क्रांति की अजेय गति को दर्शाता है।

Edited By: Sourabha Suman @sourabhasuman
Published : Apr 02, 2025 06:24 am IST, Updated : Apr 02, 2025 06:39 am IST
एक साल पहले इसी महीने UPI  ट्रांजैक्शन 19. 78 लाख करोड़ रुपये था।- India TV Paisa
Photo:FILE एक साल पहले इसी महीने UPI ट्रांजैक्शन 19. 78 लाख करोड़ रुपये था।

भारत में यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) के जरिए लेनदेन लगातार नई ऊचाइंयां छू रहा है। यूपीआई के जरिए लेनदेन मार्च में 24. 77 लाख करोड़ रुपये के रिकॉर्ड हाई लेवल को छू गया, जो पिछले महीने की तुलना में 12. 7 प्रतिशत की ग्रोथ दर्ज करता है। फरवरी में यूपीआई लेनदेन का मूल्य 21. 96 लाख करोड़ रुपये था। पीटीआई की खबर के मुताबिक, यूपीआई प्लेटफॉर्म को ऑपरेट करने वाले संस्थान नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) ने लेटेस्ट आंकड़े जारी किए हैं।

मूल्य में 25 प्रतिशत और मात्रा में 36 प्रतिशत की बढ़त

खबर के मुताबिक, एनपीसीआई का कहना है कि ट्रांजैक्शन का मूल्य मार्च में 24.77 लाख करोड़ रुपये रहा, जबकि एक साल पहले इसी महीने यह 19. 78 लाख करोड़ रुपये था। स्पाइस मनी के संस्थापक और सीईओ दिलीप मोदी ने एक बयान में कहा कि मार्च 2025 में 24.8 लाख करोड़ रुपये का रिकॉर्ड तोड़ने वाला यूपीआई लेनदेन, पिछले साल की तुलना में मूल्य में 25 प्रतिशत की वृद्धि और मात्रा में 36 प्रतिशत की प्रभावशाली वृद्धि को दर्शाता है, जो भारत की डिजिटल भुगतान क्रांति की अजेय गति को दर्शाता है।

हर रोज इतने का हुआ ट्रांजैक्शन

दिलीप मोदी ने कहा कि हर रोज के UPI  ट्रांजैक्शन की बात करें तो औसतन 79,903 करोड़ रुपये रहा, जो फरवरी से 1.9 प्रतिशत ज्यादा है और वॉल्यूम में 2.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। ये संख्या डिजिटल वित्तीय समाधानों को तेजी से अपनाने और उन पर भरोसा करने को रेखांकित करती है। एनपीसीआई, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) और भारतीय बैंक संघ की एक पहल है, जो भारत में खुदरा भुगतान और निपटान प्रणाली (आईबीए) के संचालन के लिए एक छत्र संगठन है। एनपीसीआई यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) चलाता है, जिसका उपयोग खरीदारी करते समय साथियों के बीच या व्यापारियों के बीच वास्तविक समय के भुगतान के लिए किया जाता है।

सरकार ने की है ये पहल

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए 2,000 रुपये से कम मूल्य के भीम-यूपीआई लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए करीब 1,500 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन योजना को मंजूरी दी है। आम लोगों और छोटे दुकानदारों के लाभ के लिए लाई गई इस योजना के तहत सरकार किसी व्यक्ति द्वारा दुकानदार को किए गए 2,000 रुपये से कम के भुगतान पर एमडीआर (मर्चेंट डिस्काउंट रेट) व्यय वहन करेगी।

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