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Wipro, नेस्ले-ओएनजीसी को इस मामले में तिरुपति मंदिर ने पीछे छोड़ा, रिलायंस, TCS और एचडीएफसी बैंक आगे

मंदिर की संपत्ति में बैंकों में जमा किया गया 10.25 टन सोना, सोने के 2.5 टन वजन के आभूषण, बैंकों में जमा 16,000 करोड़ रुपये नकद और देश भर में स्थित 960 परिसंपत्तियां शामिल हैं।

Edited By: Alok Kumar @alocksone
Published : Nov 07, 2022 10:24 IST, Updated : Nov 07, 2022 10:24 IST
तिरुपति मंदिर- India TV Paisa
Photo:FILE तिरुपति मंदिर

भारत के सबसे प्रसिद्ध तीर्थस्थलों में से एक तिरुपति मंदिर  देश की बड़ी कंपनियों जैसे विप्रो, नेस्ले और ओएनजीसी को संपत्ति के मामले में पीछे छोड़ दिया है। आसान भाषा में कहे तो तिरुपति मंदीर देश की इन तीन बड़ी कंपनियों से अधिक अमीर है। तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) की ओर से दिए गए ब्योरा के आधार पर यह जानकारी मिली है। इसके अनुसार तिरुमला स्थित भगवान वेंकटेश्वर के मंदिर की संपत्ति 2.5 लाख करोड़ रुपये (करीब 30 अरब डॉलर) से अधिक है, जो सूचना प्रौद्योगिकी कंपनी विप्रो, खाद्य एवं पेय पदार्थ कंपनी नेस्ले तथा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम ओएनजीसी और इंडियन ऑयल(आईओसी) की बाजार पूंजी से अधिक है। भगवान वेंकटेश्वर को समर्पित तिरुपति मंदिर के प्रबंधक तिरुमला तिरूपति देवस्थानम (टीटीडी) ने 1933 में अपनी स्थापना के बाद से पहली बार अपनी निवल संपत्ति घोषित की है। 

बैंकों में 16,000 करोड़ रुपये नकद जमा 

मंदिर की संपत्ति में बैंकों में जमा किया गया 10.25 टन सोना, सोने के 2.5 टन वजन के आभूषण, बैंकों में जमा 16,000 करोड़ रुपये नकद और देश भर में स्थित 960 परिसंपत्तियां शामिल हैं। यह सब कुल 2.5 लाख करोड़ रुपये की है। स्टॉक एक्सचेंज डेटा के अनुसार, वर्तमान व्यापारिक मूल्य में, तिरुपति मंदिर की निवल संपत्ति कई ‘ब्लूचिप’ (कई वर्षों से संचालित बहुराष्ट्रीय कंपनी) भारतीय कंपनियों से अधिक है। खाद्य एवं पेय पदार्थों का उत्पादन करने वाली स्विस बहुराष्ट्रीय कंपनी नेस्ले की भारतीय इकाई की बाजार पूंजी 1.96 लाख करोड़ रुपये है। सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम लिमिटेड (ओएनजीसी) और आईओसी की बाजार पूंजी भी मंदिर के न्यास से कम है। राष्ट्रीय ताप विद्युत निगम (एनटीपीसी) लिमिटेड की बाजार पूंजी भी इस मंदिर की संपत्ति से कम है। महिंद्र एंड महिंद्रा और टाटा मोटर्स और विश्व की सबसे बड़ी कोयला उत्पादक कंपनी कोल इंडिया लिमिटेड, खनन कंपनी वेदांता, रियल एस्टेट कंपनी डीएलएफ तथा कई अन्य कंपनियां भी इस सूची में शामिल हैं।

सिर्फ 24 कंपनियों की संपत्ति अधिक 

सिर्फ दो दर्जन यानी 24 कंपनियों की बाजार पूंजी मंदिर की संपत्ति से अधिक है। इनमें रिलायंस इंड्रस्ट्रीज लिमिटेड, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, एचडीएफसी बैंक, इंफोसिस, आईसीआईसीआई बैंक, हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड, भारतीय स्टेट बैंक, भारती एयरटेल और आईटीसी शामिल हैं। मंदिर के एक पदाधिकारी ने बताया कि टीटीडी की समृद्धि बढ़ती जा रही है क्योंकि मंदिर में नकदी और सोने के रूप में श्रद्धालुओं का चढ़ावा बढ़ना जारी है तथा बैंकों में सावधि जमा से भी ब्याज के रूप में अधिक आय हो रही है। संचालन इकाई के सूत्रों को बताया कि देशभर में टीटीडी की संपत्ति का अनुमानित मूल्य 2.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो सकता है। इसमें भूखंड, भवन, श्रद्धालुओं से चढ़ावे के रूप में प्राप्त होने के बाद बैंकों में जमा नकदी और सोना शामिल हैं। कई सरकारी और निजी बैंकों में टीटीडी की सावधि जमा 30 सितंबर 2022 को 15,938 करोड़ रुपये को पार कर गई, जो जून 2019 में 13,025 करोड़ रुपये थी। वहीं, देवस्थानम द्वारा बैंकों में रखा गया सोना 2019 के 7.3 टन से बढ़कर 30 सितंबर 2022 को 10.25 टन हो गया।

फरवरी में बजट पेश किया गया 

टीटीडी ने फरवरी में वर्ष 2022-23 के लिए 3,100 करोड़ रुपये का वार्षिक बजट पेश किया गया था, जिसमें टीटीडी ने बैंकों में जमा नकदी से ब्याज के रूप में 668 करोड़ रुपये से अधिक प्राप्त होने का अनुमान जताया है। साथ ही, मंदिर में श्रद्धालुओं से नकदी के रूप में लगभग 1,000 करोड़ रुपये का चढ़ावा आने का भी अनुमान लगाया गया है। देवस्थानम आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, तेलंगाना, ओडिशा, हरियाणा, महाराष्ट्र और नयी दिल्ली में काफी संख्या में मंदिरों का प्रबंधन करता है। 

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