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मोदी सरकार की रणनीति हुई कामयाब! Tik Tok पर प्रतिबंध से भारत में दिखने लगा यह बड़ा फायदा

टिक टॉक मोबाइल ऐप पर प्रतिबंध लगने के दो महीने से अधिक समय गुजरने के बाद भारत में लघु वीडियो ऐप का व्यवसाय दो रास्तों पर चलता दिखाई पड़ रहा है। एक तो यह कि वीडियो बनाकर प्रसिद्धि हासिल कर चुके लोग अपने प्रशंसकों का आधार फिर से बनाने और पैसे कमाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published : September 13, 2020 17:16 IST
Modi Chinese app ban Roposo Indian App Tik Tok news- India TV Paisa
Photo:FILE

Modi Govt Ban Chinese App 

नयी दिल्ली: मोदी सरकार द्वारा टिकटॉक पर लगाए प्रतिबंध से भारत में फायदा दिखने लगा है। देश की घरेलू ऐप निर्माताओं को ढेर सारे यूजर्स मिल रहे है। हालांकि घरेलू कंपनियों को इससे कितना फायदा होता है इसके परिणाम आने में अभी समय लगेगा। टिक टॉक के साथ भारत में कई ऐप चल रहे थे लेकिन इस पर प्रतिबंध लगने के बाद ही उनके यूजर की संख्या में अचानक वृद्धि देखी गई। रोपोसो 2014 में शुरू हुआ था और कुछ महीने पहले तक गूगल प्ले स्टोर पर उसे पांच करोड़ बार डाउनलोड किया गया था। आश्चर्यजनक रूप से टिक टॉक पर प्रतिबंध लगने के दो महीने के भीतर रोपोसो को चार करोड़ बार डाउनलोड किया गया। हालांकि, बेंगलुरु स्थित वीडियो ऐप कंपनी का मानना है कि इसके लिए पूरा श्रेय टिक टॉक पर लगी पाबंदी को नहीं दिया जा सकता। 

सोशल ऐप श्रेणी में गूगल प्ले स्टोर पर रोपोसो शीर्ष पर

रोपोसो का निर्माण करने वाली कंपनी ‘ग्लान्स’ के मुख्य विपणन अधिकारी बिकास चौधरी के अनुसार जून के मध्य तक सोशल ऐप श्रेणी में गूगल प्ले स्टोर पर रोपोसो पहले ही शीर्ष पर था। चौधरी ने कहा, “कुछ सप्ताह पहले हमने बबीता फोगाट, चंद्रो तोमर, नील घोष और संग्राम सिंह के सहयोग से प्राइड ऑफ इंडिया कार्यक्रम की शुरुआत की थी। यह बहुआयामी कार्यक्रम इन प्रतिभाशाली लोगों को मंच देता है जिससे वह दूसरों को प्रेरित और प्रशिक्षित कर सकें। इसे काफी लोकप्रियता मिली है।” 

रिजल ऐप की सह संस्थापक और सीईओ विद्या नारायणन का भी मानना है कि टिक टॉक पर प्रतिबंध लगने से उनका ऐप लोकप्रिय नहीं हुआ बल्कि उन्होंने ऐसा कंटेंट बनाया जिससे “नए कीर्तिमान बनते जा रहे हैं और नए लोग उनके ऐप से जुड़ रहे हैं।” चिंगारी ऐप के संस्थापक सुमित घोष टिक टॉक पर प्रतिबंध लगने को लघु वीडियो कंपनियों के सह अस्तित्व और साथ मिलकर विकास करने के अवसर के रूप में देखते हैं।

घरेलू ऐप निर्माताओं को ढेर सारे यूजर मिल रहे हैं

टिक टॉक मोबाइल ऐप पर प्रतिबंध लगने के दो महीने से अधिक समय गुजरने के बाद भारत में लघु वीडियो ऐप का व्यवसाय दो रास्तों पर चलता दिखाई पड़ रहा है। एक तो यह कि वीडियो बनाकर प्रसिद्धि हासिल कर चुके लोग अपने प्रशंसकों का आधार फिर से बनाने और पैसे कमाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ, घरेलू ऐप निर्माताओं को ढेर सारे यूजर मिल रहे हैं। 

29 जून से टिक टॉक समेत 59 चीनी ऐप पर पाबंदी

बीटबॉक्स कलाकार जीजस मेहता (24) अपनी प्रतिभा प्रदर्शित करने के लिए नया ठिकाना ढूंढ रहे हैं लेकिन भारतीय लघु वीडियो कंपनियां टिक टॉक पर लगे प्रतिबंध को अपने लिए अवसर के रूप में देख रही हैं। भारत सरकार ने 29 जून को टिक टॉक समेत 59 चीनी ऐप पर पाबंदी लगा दी थी, जिसके कारण बीस करोड़ उपयोगकर्ता निराश हो गए थे और मेहता जैसे अनेक लोगों की आय काफी हद तक कम हो गई थी। 

हालांकि एप बैन से कई लोगों को हो रही हैं परेशानी

दस हजार रुपए से भी कम की नौकरी करने से एक महीना पहले मेहता ने पिछले साल जनवरी में टिक टॉक वीडियो बनाने का निर्णय किया था ताकि वह अपनी बीटबॉक्स (मुंह से विभिन्न प्रकार की ध्वनि निकालना) कला का प्रदर्शन कर सकें। एक साल बाद मेहता को बीस लाख लोग फॉलो करने लगे थे और जो उन्होंने शौक के तौर पर शुरू किया था उससे उन्हें साठ हजार रुपये प्रतिमाह की आय होने लगी थी। सूरत के रहने वाले मेहता ने कहा कि अब वह दिन नहीं रहे। मेहता ने कहा, “पिछले दो महीने अच्छे नहीं बीते। 

Tik Tok पर एक महीने में होती थी 60000 की कमाई

टिक टॉक मेरी आय का एक जरिया था। मैं ऑनलाइन कक्षा भी लेता हूं। टिक टॉक से ही मुझे हर महीने 60,000 रुपए की आय होती थी और अब 20,000 रुपये भी नहीं कमा पाता।” हालांकि, वीडियो ऐप की कमी नहीं है और चिंगारी, रोपोसो, रिजल तथा इंस्टाग्राम रील्स जैसे ऐप उपलब्ध हैं फिर भी टिक टॉक का इस्तेमाल करने वाले बहुत से लोग सही मंच की तलाश में हैं। ऐसे लोगों के साथ समस्या यह है कि किसी भी नए मंच पर उन्हें शुरू से सब कुछ करना होगा और पैसे कमाने के लिए लंबा इंतजार करना पड़ेगा। 

कंटेंट बनाने के​ ढेर विकल्प मौजूद लेकिन पैसे में पीछे

यमुना नगर निवासी टिक टॉक यूजर अभिषेक गर्ग ने कहा कि कंटेंट बनाने के लिए ढेर सारे विकल्प मौजूद हैं लेकिन दर्शकों तक पहुंच और पैसे कमाने के मामले में कोई भी टिक टॉक के समान नहीं है। गर्ग एक फैशन और यात्रा ब्लॉगर हैं जिनके टिक टॉक पर दस लाख से अधिक फॉलोवर थे। उन्होंने कहा, “टिक टॉक बहुत सारे लोगों की आय का जरिया था। इसलिए इस पर प्रतिबंध लगना एक बड़ा झटका है। इस मंच की पहुंच बहुत अधिक थी। कोई अन्य ऐप इसके आसपास भी नहीं है।” 

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