Saturday, April 27, 2024
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भारतीय शेयर बाजार फिर भरेगा उड़ान, विदेशी निवेशकों के इस कदम से स्टॉक मार्केट में लौटेगी तेजी

19 अक्टूबर को 5 प्रतिशत के शिखर पर पहुंचने के बाद 10-वर्षीय अमेरिकी बांड यील्ड में गिरावट शुरू हुई। पिछले दो दिनों के दौरान इसमें भारी गिरावट आई है, जिससे 3 नवंबर को यील्ड तेजी से घटकर 4.66 फीसदी रह गई। बांड यील्ड में इस उलटफेर का मुख्य कारण अमेरिकी फेडरल रिजर्व के प्रमुख जेरोम पॉवेल की टिप्पणी है।

Alok Kumar Edited By: Alok Kumar @alocksone
Updated on: November 05, 2023 12:26 IST
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Photo:FILE शेयर बाजार

भारतीय शेयर बाजार एक फिर उड़ान भर सकता है। यानी आने वाले दिनों में भारतीय शेयर बाजार में अच्छी तेजी देखने को मिल सकती है। ऐसा इसलिए कि विदेशी निवेशक बिकवाली रोक कर भारतीय कंपनियों के स्टॉक में पैसा लगाना शुरू कर सकते हैं। जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा कि फेडरल रिजर्व के प्रमुख जेरोम पावेल की नरम टिप्पणी के बाद बॉन्ड प्रतिफल में बढ़ोतरी का रुख पलट गया है। बाजार ने उनकी इस टिप्पणी की व्याख्या ब्याज दरों में बढ़ोतरी के सिलसिले पर रोक के रूप में की है। इससे आगे चलकर एफपीआई का बिकवाली का सिलसिला थम सकता है और विदेशी निवेशक एक बार फिर भारतीय बाजार में पैसा लगाना शुरू कर सकते हैं। वैसे भी दिवाली के आसपास भारतीय बाजार में अच्छी तेजी हमेशा से देखने को मिलती है। ऐसे में अगर विदेशी निवेशक और घरेलू फंड बाजार में पैसा लगाते हैं तो अच्छी तेजी आ सकती है। आगे चलकर एफआईआई की बिकवाली कम रहने की संभावना है। वे खरीदार भी बन सकते हैं, जिससे भारतीय बाजार में तेजी देखने को मिल सकती है। उन्होंने कहा कि फ्रंटलाइन बैंकिंग, ऑटोमोबाइल, पूंजीगत सामान और आईटी और रियल एस्टेट में मिडकैप अच्छा प्रदर्शन करने के लिए तैयार है।

नवंबर महीन में अभी ​तक की बिकवाली 

डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार, एफपीआई ने एक से तीन नवंबर के दौरान 3,412 करोड़ रुपये के शेयर बेचे हैं। सितंबर की शुरुआत से एफपीआई लगातार बिकवाल बने हुए हैं। पश्चिम-एशिया में तनाव तथा बढ़ती ब्याज दरों के बीच एफपीआई ने नवंबर के पहले तीन कारोबारी सत्रों में भारतीय शेयर बाजारों से 3,400 करोड़ रुपये से अधिक की निकासी की है। इससे पहले एफपीआई ने अक्टूबर में भारतीय शेयर बाजारों से 24,548 करोड़ रुपये और सितंबर में 14,767 करोड़ रुपये निकाले थे। एफपीआई मार्च से अगस्त तक इससे पिछले छह माह के दौरान लगातार शुद्ध लिवाल रहे थे। इस दौरान उन्होंने शेयर बाजारों में 1.74 लाख करोड़ रुपये डाले थे। 

इजराइल-हमास युद्ध के चलते पैसा निकाले 

मॉर्निंगस्टार इंडिया के एसोसिएट निदेशक एवं प्रबंधक शोध हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि इजराइल-हमास संघर्ष और अमेरिका में बॉन्ड प्रतिफल में बढ़ोतरी की वजह से एफपीआई बिकवाल रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि मौजूदा परिदृश्य में एफपीआई निवेश के अधिक सुरक्षित विकल्प सोने और अमेरिकी डॉलर की ओर रुख कर सकते हैं। समीक्षाधीन अवधि में एफपीआई ने ऋण या बॉन्ड बाजार में 1,984 करोड़ रुपये डाले हैं। इससे पहले अक्टूबर में एफपीआई ने बॉन्ड बाजार में 6,381 करोड़ रुपये डाले थे। इस तरह चालू साल में शेयरों में एफपीआई का निवेश अबतक 92,560 करोड़ रुपये रहा है। वहीं बॉन्ड बाजार में उनका निवेश 34,485 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है। 

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