महामारी से प्रभावित क्षेत्रों में बेरोजगारी सबसे तेज बढ़ी, पर्वतीय राज्यों में सबसे कम असर
आईएएनएस/सी वोटर द्वारा बजट बाद किए गए सर्वेक्षण में संकेत मिला है कि लोग बेरोजगारी दूर करने के लिए बजट में किए गए प्रयासों से संतुष्ट नहीं हैं।
आर्थिक वृद्धि दर में गिरावट के बीच 2019 में रोजगार बाजार में सुस्ती रही और अगले साल भी स्थिति में सुधार की उम्मीद नहीं है।
श्रम एवं रोजगार मंत्री संतोष गंगवार ने रोजगार कम होने के विपक्ष के दावे को खारिज करते हुए सोमवार को लोकसभा में कहा कि इसका कोई कारण नजर नहीं आता है, जिससे रोजगार घटने की बात स्पष्ट होती हो।
संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए मोदी सरकार ने बड़ा तोहफा दिया है। अब अगर आपकी नौकरी छूट जाती है तो सरकार आपको 24 महीने यानी 2 साल तक पैसे देगी।
ओडिशा सरकार ने विभिन्न क्षेत्रों में 1,753.82 करोड़ रुपए मूल्य के निवेश प्रस्तावों को मंजूरी दी है। इससे 5,566 करोड़ रुपए लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद है।
संतोष गंगवार ने कहा कि देश में नौकरियों की कमी नहीं है, उत्तर भारत के लोगों में योग्यता की कमी है। यहां नौकरी के लिए रिक्रूट करने आने वाले अधिकारी बताते हैं कि उन्हें जिस पद के लिए लोग चाहिए। उनमें वह योग्यता नहीं मिलती है। गंगवार के इस बयान से सियासी गलियारों में बवाल मचना तय माना जा रहा है।
एयरबस इंडिया ने यहां बुधवार को अपने सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) केंद्र की शुरुआत की। 500 लोगों को रोजगार देने वाला यह केंद्र कंपनी को उसके वैश्विक परिचालन में आईटी और डिजिटल क्षमताओं के विस्तार में मदद करेगा।
बजट 2019-20 के दस्तावेजों के अनुसार एक मार्च, 2017 तक विभिन्न सरकारी प्रतिष्ठानों में कर्मचारियों की संख्या 32,38,397 थी, जो एक मार्च, 2019 को बढ़कर 36,19,596 हो गई।
इस साल अप्रैल में 10.88 लाख रोजगार सृजित हुए। यह पिछले साल इसी महीने में हुये 10.77 लाख रोजगार सृजन के मुकाबले थोड़ा अधिक है।
भारत को 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिये एक विशेषज्ञ समूह ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के कामकाज में सुधार लाने और निर्यात तथा रोजगार सृजन की गति तेज करने पर जोर दिया है।
खुदरा तथा रोजमर्रा के इस्तेमाल के उपभोक्ता उत्पाद और टिकाऊ वस्तु (एफएमसीजी एंड डी) क्षेत्रों में चालू वित्त वर्ष के पहले छह महीनों में रोजगार के 2.76 लाख नये अवसर सृजित होने का अनुमान है।
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के ताजा आंकड़ों के अनुसार, संगठित या औपचारिक क्षेत्र में मार्च 2019 में शुद्ध रूप से 8.14 लाख नौकरियों का सृजन हुआ।
जनवरी महीने में जो नए रोजगार सृजित हुए वह एक साल पहले इसी महीने की तुलना में 131 प्रतिशत अधिक है।
आंकड़ों से पता चलता है कि ईपीएफओ की सामाजिक सुरक्षा योजनाओं से सितंबर, 2017 से दिसंबर, 2018 के दौरान 72.32 लाख नए अंशधारक जुड़े।
रोजगार के मोर्चे पर विपक्ष के वार झेल रही मोदी सरकार के लिए ताजा आंकड़े काफी राहत दे सकते हैं। देश में जुलाई महीने में करीब 14 लाख रोजगार का सृजन हुआ।
देश में जून तक दस माह की अवधि के दौरान करीब 1.2 करोड़ रोजगार के अवसरों का सृजन हुआ। केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (CSO) की रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है।
प्राइवेट सिक्योरिटी एजेंसियां देश में रोजगार के एक बड़े क्षेत्र के रूप में उभर रही हैं। इस क्षेत्र में अब तक तकरीबन 89 लाख लोगों को रोजगार मिला है और वर्ष 2022 तक तीन लाख से ज्यादा लोगों को रोजगार मिलने की संभावना है।
भारत के फ्लेक्सी स्टाफिंग बाजार में काफी उल्लेखनीय वृद्धि देखनी को मिल रही है। एक रिपोर्ट में कहा गया है कि बैंकिंग, फाइनेंशियल सर्विसेज और इंश्योरेंस (BFSI), ई-कॉमर्स, रिटेल और बुनियादी ढांचा क्षेत्र में इस साल के अंत तक 10 लाख से अधिक रोजगार के अवसर पैदा होंगे।
नौकरी की तलाश में जुटे युवाओं की मदद के लिए जयपुर की एचआर टेक स्टार्टअप कंपनी वर्कएनआरबीवाई ने एक ऐप लांच किया है, जो 45 सेकंड में आपके घर के पास आपको नौकरियों की जानकारी देगा।
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