इंपोर्ट पर भारी-भरकम टैरिफ लगाने के ट्रंप के फैसले के बाद चीन ने भी जवाबी कदम उठाए, जिसके बाद दोनों देशों के बीच ट्रेड वॉर जैसी स्थिति बन गई।
ऑफिशियल मैन्यूफैक्चरिंग परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (PMI) मार्च में 50.5 से गिरकर 49.0 के 16 महीनों के निचले स्तर पर आ गया।
अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट ने बुधवार को कहा कि भारत के साथ ट्रेड एग्रीमेंट सफल रूप से निष्कर्ष पर पहुंचने के ‘बहुत करीब’ है।
मंगलवार को मीडिया के साथ बातचीत के दौरान, राष्ट्रपति ट्रंप चीन के साथ एक बेहतर समझौते को लेकर आशावाद नजर आए, जिसके परिणामस्वरूप चीन से होने वाले इंपोर्ट पर टैरिफ में कटौती की जा सकती है।
ट्रम्प ने सोमवार को धमकी दी थी कि अगर बीजिंग मंगलवार तक अमेरिकी वस्तुओं पर अपने प्रतिशोधात्मक शुल्क नहीं हटाता है तो वह बुधवार को चीन पर मौजूदा शुल्क 50% तक बढ़ा देंगे।
ट्रम्प ने कहा कि अगर चीन 8 अप्रैल, 2025 तक 34% की वृद्धि को वापस नहीं लेता है, तो संयुक्त राज्य अमेरिका चीन पर 50% का अतिरिक्त टैरिफ लगाएगा, जो 9 अप्रैल से प्रभावी होगा।
भारतीय समुद्री खाद्य निर्यातकों के लिए 16 प्रतिशत के इस मार्जिन की भरपाई करना और इक्वाडोर के उत्पादों के साथ प्रतिस्पर्धा करना मुश्किल होगा।
ट्रंप की शुल्क योजनाओं के बाद अमेरिकी अर्थव्यवस्था में उथल-पुथल मची हुई है। शेयर बाजार में बड़ी गिरावट आई है और घरेलू उपभोक्ताओं के लिए बढ़ती लागत और संभावित मंदी की आशंकाएं बढ़ गई हैं।
व्हाइट हाउस के दस्तावेजों में भारत पर 27 प्रतिशत शुल्क दिखाया गया था। हालांकि, नवीनतम अपडेट के अनुसार, इसे घटाकर 26 प्रतिशत कर दिया गया है।
जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प टैरिफ कम करने के मामले में भारत को किनारे पर धकेल रहे हैं और निर्धारित शर्तों, खासकर टैरिफ पर सहमत होने के लिए मजबूर कर रहे हैं तो भारत और चीन के लिए यह एक उपयुक्त समय है।
जानकार के मुताबिक, बीजिंग के पास घरेलू खपत को बढ़ावा देने के अलावा कोई विकल्प नहीं है, जिसके महत्व को नेतृत्व सार्वजनिक रूप से स्वीकार करता है लेकिन अभी तक इसे सर्वोच्च प्राथमिकता नहीं दी गई है।
चीन से आयात पर अमेरिका द्वारा टैरिफ लगाने से भारत को अमेरिका में निर्यात के बड़े अवसर मिलते हैं। बढ़े टैरिफ चीन से अमेरिका को निर्यात को प्रभावित करेंगे क्योंकि इससे अमेरिकी बाजार में उनके सामान की कीमतें बढ़ेंगी, जिससे वे कम प्रतिस्पर्धी बन जाएंगे।
मेक्सिको पर अमेरिका की तरफ से 25% शुल्क आधी रात से लागू होने वाला था। ट्रम्प ने सप्ताहांत में कनाडा और चीन पर नए शुल्कों की भी घोषणा की।
विश्व व्यापार संगठन की विवाद निपटान इकाई ने अमेरिका से आयात किए जाने वाले 28 सामानों पर शुल्क बढ़ाने के भारत के निर्णय के खिलाफ अमेरिकी शिकायत की जांच के लिए एक समिति गठित की है।
अमेरिका के साथ जारी व्यापार युद्ध के कारण चीन की अर्थव्यवस्था सुस्त हो रही है। यदि अमेरिका ने आगे शुल्क में और वृद्धि की तो चीन की आर्थिक वृद्धि दर में इसकी वजह से तेज गिरावट आ सकती है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने शुक्रवार को यह चेतावनी दी।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन से आयातित वस्तुओं के ऊपर नए टैरिफ लगाने की घोषणा की, जो 1 सितंबर से प्रभावी होगा।
जियो के लॉन्च होने से ब्रॉडबैंड स्पेस में बादशाहत रखने वाली कंपनी एयरटेल के साथ ब्रॉडबैंड क्षेत्र में प्राइस वार का आगाज हो सकता है। आपको बता दें कि रिलायंस जियो ने 100 एमबीपीएस डेटा स्पीड के साथ वीडियो और अनलिमिटेड वॉयस कॉल की सर्विस देने की बात कही है। इसका टैरिफ 1000 से 1500 रुपए हो सकता है।
रिलायंस कम्युनिकेशंस (RCOM) ने बुधवार को कहा कि कंपनी अब दूरसंचार क्षेत्र की तीव्र प्रतिस्पर्धा और टैरिफ के दवाब से अप्रभावित है, क्योंकि इस साल जनवरी में ही बिजनेस-टू-कंज्यूमर (B2C) खंड से निकल चुकी है।
Airtel ने तीन महीने तक 30 GB तक हाई स्पीड फ्री डाटा देने की पेशकश की है। हालांकि, कंपनी ने यह ऑफर सिर्फ पोस्टपेड यूजर्स के लिए पेश किया है।
सबसे बड़े प्राइवेट टेलीकॉम ऑपरेटर एयरटेल ने रिलायंस जियो के धन धना धन ऑफर को मात देने के लिए अपने प्रीपेड कस्टमर्स के लिए आक्रामक नए प्लान लॉन्च किए हैं।
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