विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि अमेरिका ने भारत पर अतिरिक्त शुल्क लगाने का फैसला किया है। साथ ही, भारत अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए सभी जरूरी कदम उठाएगा।
भारत ने बताया कि 2024 में रूस के साथ यूरोपीय संघ का द्विपक्षीय व्यापार 67.5 बिलियन यूरो तक पहुंच गया, जिसमें 16.5 मिलियन टन एलएनजी भी शामिल है, जो रूस के साथ उसके अपने व्यापार की मात्रा से भी ज्यादा है।
इस मिशन के 5 अलग-अलग घटक होंगे- जिनमें ट्रेड फाइनेंस, स्टैंडर्ड और मार्केट एक्सेस से संबंधित नॉन-फाइनेंस ट्रेड, ब्रांड इंडिया के लिए बेहतर ब्रांड रिकॉल, ई-कॉमर्स हब एवं वेयरहाउसिंग और व्यापार सुविधा होंगे।
सोमवार को फिच ने कहा कि कुल मिलाकर, अमेरिका का प्रभावी टैरिफ रेट अब 17% है, जो 3 अप्रैल के अनुमान से लगभग 8 प्रतिशत अंक कम है, जब उच्च पारस्परिक टैरिफ की मूल रूप से घोषणा की गई थी।
ट्रंप ने द्विपक्षीय व्यापार समझौते (बीटीए) पर दोनों देशों के बीच जारी बातचीत में कुछ गतिरोध के संकेतों के बीच भारत पर 25% शुल्क लगाने की घोषणा की है।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार जून में खुदरा मुद्रास्फीति घटकर छह साल के निचले स्तर 2.10 प्रतिशत रही। यह भारतीय रिजर्व बैंक के संतोषजनक स्तर (चार प्रतिशत) से कम है।
अधिकारी ने बताया कि मछली पालन, इंजीनियरिंग, आईटी और फार्मा जैसे क्षेत्रों के एक्सपोर्टर भी इस विचार-विमर्श में हिस्सा लेंगे।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार भारत ने वित्त वर्ष 2024-25 में अमेरिका को 48.6 लाख टन पेट्रोलियम प्रॉडक्ट्स एक्सपोर्ट किए थे, जिसकी कीमत 4 अरब डॉलर से ज्यादा थी।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, कि प्रधानमंत्री मोदी मेरे मित्र हैं, लेकिन व्यापार के लिहाज से वे हमारे साथ बहुत ज्यादा व्यापार नहीं करते, क्योंकि टैरिफ बहुत ज़्यादा है।
चीन और अमेरिका के बाद दुनिया के तीसरे सबसे बड़े कच्चे तेल के आयातक भारत ने छूट पर उपलब्ध रूसी तेल खरीदना शुरू कर दिया।
डोनाल्ड ट्रंप ने भारत से आने वाले सभी सामान पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने की घोषणा की है। साथ ही, उन्होंने रूस से सैन्य उपकरण और कच्चा तेल खरीदने के लिए इस टैरिफ के साथ पेनल्टी भी लगाने की घोषणा की है।
अमेरिका ने भारत के लिए नए टैरिफ रेट का ऐलान कर दिया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को कहा कि भारत पर 25 प्रतिशत का टैरिफ लगाया जाएगा।
अमेरिकी प्रशासन ने भारत सहित कई देशों पर उच्च सीमा शुल्क लगाए हुए हैं, जिनकी निलंबन अवधि 1 अगस्त को खत्म होने वाली है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस साल 2 अप्रैल को उच्च जवाबी शुल्कों की घोषणा की थी।
भारत की तरफ से मुख्य वार्ताकार राजेश अग्रवाल के नेतृत्व में भारतीय दल समझौते पर बातचीत पूरी करने के बाद इस महीने की शुरुआत में ही वॉशिंगटन से लौटा है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने बुधवार को अल्जीरिया, ब्रुनेई, इराक, लीबिया, मोल्दोवा और फिलीपींस समेत 6 देशों को नए टैरिफ रेट को लेकर लेटर भेजे हैं।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने पिछले हफ्ते कहा था कि भारत कोई भी व्यापार समझौता समयसीमा के आधार पर नहीं करता है और समझौते को तभी स्वीकार करेगा जब ये पूरी तरह से अंतिम रूप ले लेगा, उचित रूप से संपन्न हो जाएगा और राष्ट्रीय हित में होगा।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जापान और दक्षिण कोरिया के लिए नए टैरिफ रेट की घोषणा कर दी है। अमेरिकी प्रशासन ने सोमवार को जापान और दक्षिण कोरिया पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने का ऐलान किया।
एग्रीकल्चर सेक्टर में, अमेरिका डेयरी उत्पादों, सेब, पेड़ों से प्राप्त मेवों और आनुवंशिक रूप से संशोधित फसलों जैसे उत्पादों पर शुल्क में रियायतें चाहता है।
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के ट्रेड वॉर के बीच अमेरिकी अर्थव्यवस्था में जनवरी-मार्च की पहली तिमाही में 0.2 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ को लेकर किए गए दावे के बाद केंद्रीय विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर का भी बड़ा बयान आया है।
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