Apara Ekadashi Vrat 2024: एकादशी तिथि को हिंदू धर्म की शुभ तिथियों में से एक माना जाता है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से जीवन की सभी समस्याओं का अंत होता है। हर साल में 24 एकादशी तिथियां होती हैं और हर तिथि को अलग-अलग नामों से जाना जाता है। इसी तरह ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को अपरा एकादशी के नाम से पुकारा जाता है। इस दिन सही मूहुर्त में विधि-विधान से अगर आप भगवान विष्णु की पूजा करते हैं तो, अनजाने में किये गये पापों से भी आपको मुक्ति मिल जाती है। साल 2024 में अपरा एकादशी का व्रत 2 जून को रखा जाएगा। इस दिन पूजा के शुभ-मुहूर्त और पूजा विधि की जानकारी आज हम आपको अपने इस लेख में देंगे।
अपरा एकादशी 2024 शुभ पूजा-मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार, साल 2024 में ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 2 जून की सुबह 5 बजकर 4 मिनट से शुरू हो जाएगी। इसलिए उदयातिथि को ध्यान में रखते हुए व्रत 2 जून को ही रखा जाएगा। एकादशी तिथि 3 जून की रात में 2 बजकर 41 मिनट तक रहेगी और इसके बाद द्वादशी तिथि शुरू हो जाएगी। एकादशी व्रत का पारण द्वादशी तिथि को ही किया जाता है इसलिए 3 जून को सुबह 8 बजकर 5 मिनट से लेकर 8 बजकर 10 मिनट तक आप व्रत का पारण कर सकते हैं। वैष्णव संप्रदाय के लोग अपरा एकादशी का व्रत 3 जून को रखेंगे और 4 जून को पारण करेंगे। जो लोग 2 जून को अपरा एकादशी का व्रत रख रहे हैं उन्हें सुबह 5 बजकर 30 मिनट से लेकर 8 बजे के बीच विष्णु भगवान की विधि-विधान से पूजा करनी चाहिए।
पूजा-विधि
अपरा एकादशी व्रत की तैयारी आपको दशमी तिथि से ही कर देनी चाहिए। दशमी तिथि के दिन घर के पूजा स्थल की साफ-सफाई आपको कर लेनी चाहिए और वहां भगवान विष्णु और माता पार्वती की मूर्ति को स्थापित कर देना चाहिए। एकादशी तिथि में सुबह के समय स्नान करने के बाद स्वच्छ वस्त्र आपको धारण करने चाहिए। वस्त्रों का रंग सफेद, पीला या नारंगी हो तो बेहतर। इसके बाद भगवान विष्णु का जल से अभिषेक करना चाहिए औप पीले फूल विष्णु भगवान को अर्पित करने चाहिए। इसके बाद मंदिर में घी का दीपक आपको जलाना चाहिए और पूजा आरंभ करनी चाहिए। पूजा की शुरुआत आप विष्णु भगवान के मंत्रों से कर सकते हैं। इसके बाद एकादशी व्रत की कथा का पाठ आपको करना चाहिए और अंत में विष्णु भगवान की आरती के साथ ही लक्ष्मी जी की पूजा करके पूजा का समापन करना चाहिए।
अपरा एकादशी का महत्व
अगर कोई व्यक्ति अपरा एकादशी के दिन व्रत रखता है तो, अनजाने में उसके द्वारा जो पाप हुए हैं उनसे भी मुक्ति मिल जाती है। इस दिन व्रत रखने वाले को गाय के दान जितना पुण्य प्राप्त होता है। इसके साथ ही मानसिक शांति और पारिवारिक खुशियों के लिए भी यह व्रत रखना बहुत शुभ माना जाता है। जो लोग इस दिन विधिपूर्वक विष्णु जी की पूजा करते हैं उनके जीवन की सभी समस्याओं का भी अंत होने लगता है।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)
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