Saturday, April 27, 2024
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Papmochani Ekadashi 2024: सभी कष्टों का निदान करेगी पापमोचिनी एकादशी, अगर इस विधि से करेंगे विष्णु जी की पूजा

Papmochani Ekadashi 2024: अप्रैल में पापमोचिनी एकादशी का व्रत 5 तारीख को रखा जाएगा। इस दिन व्रत रखने से समस्त पापों से मुक्ति मिलती है लेकिन किस विधि से आपको इस दिन पूजा करनी चाहिए इसकी जानकारी आपको हमारे लेख में मिलेगी।

Naveen Khantwal Written By: Naveen Khantwal
Updated on: March 28, 2024 11:37 IST
Papmochani Ekadashi 2024- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV Papmochani Ekadashi 2024

पापमोचिनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन विधि-विधान से विष्णु भगवान की पूजा करने से समस्त पापों का नाश होता है। साल 2024 में पापमोचिनी एकादशी 5 अप्रैल को है, हालांकि एकादशी तिथि का आरंभ 4 अप्रैल को शाम 4 बजकर 15 मिनट से हो जाएगा और एकादशी तिथि 5 तारीख को 1 बजकर 27 मिनट तक रहेगी। उदया तिथि की मान्यता के अनुसार 5 अप्रैल को ही पापमोचिनी एकादशी का व्रत रखा जाएगा। आइए ऐसे में जानते हैं कि पापमोचिनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए किसी विधि से आपको आराधना करनी चाहिए।

पापमोचिनी एकादशी पूजा विधि

अगर आप पापमोचिनी एकादशी का व्रत रखने वाले हैं तो आपको प्रात:काल जल्दी उठकर स्नान-ध्यान करना चाहिए, स्वच्छ वस्त्र धारण करने चाहिए और साथ ही अपने घर के पूजा स्थल की भी सफाई करनी चाहिए। इसके बाद एक चौकी पर विष्णु भगवान और माता लक्ष्मी की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करनी चाहिए। विष्णु-लक्ष्मी की प्रतिमा के सामने व्रत का संकल्प लेते हुए आपको पंचामृत से विष्णु भगवान को स्नान करवाना चाहिए। भगवान विष्णु को पीला रंग अति प्रिय है इसलिए पापमोचिनी एकादशी के दिन पीले फूलों की माला आप विष्णु जी को अर्पित अवश्य करें।

इसके बाद विष्णु भगवान को पंजीरी का भोग आपको लगाना चाहिए और साथ ही तुलसी के कुछ पत्ते भी अर्पित करने चाहिए। भगवान विष्णु की पूजा में तुलसी का बड़ा महत्व माना गया है। इसके बाद आप भगवान विष्णु के मंत्रों का जप भी कर सकते हैं, विष्णु भगवान के मंत्र नीचे दिए गए हैं।

पापमोचिनी एकादशी पर करें इन मंत्रों का जप

1. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय।।

2. नारायणाय विद्महे। वासुदेवाय धीमहि। तन्नो विष्णुः प्रचोदयात् ॥

3. शान्ताकारं भुजगशयनं पद्मनाभं सुरेशं, विश्वाधारं गगनसदृशं मेघवर्ण शुभाङ्गम् ।

लक्ष्मीकान्तं कमलनयनं योगिभिर्ध्यानगम्यम्, वन्दे विष्णुं भवभयहरं सर्वलोकैकनाथम्॥

मंत्रों का जप करने के बाद आपको पूजा के अंत में भगवान विष्णु की आरती आपको करनी चाहिए। पापमोचिनी एकादशी के अगले दिन परिवार के लोगों में प्रसाद का वितरण आपको करना चाहिए। अगर आप विधिपूर्वक एकादशी का व्रत रखते हैं और भगवान विष्णु की पूजा आराधना करते हैं तो आपको पापों से मुक्ति मिलती है और जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में आप सफलता प्राप्त करते हैं।

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)

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