
Somvar Vrat And Puja Vidhi: हिंदू धर्म में हर तिथि और दिन अलग-अलग देवी-देवताओं को समर्पित है। इसी सिलसिले में सोमवार का दिन भोलेनाथ को समर्पित है। भोलेनाथ के बारे में कहा जाता है कि अगर कोई शिवलिंग पर एक लोटा जल भी अर्पित कर दे तो बाबा प्रसन्न हो जाते हैं और भक्त को मनवांछित फल देते हैं। भक्त भगवान शिव को खुश करने और उनका आशीर्वाद पाने के लिए सोमवार व्रत रखते हैं और पूजा करते हैं। इस दिन शिव मंदिर में सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु भगवान शिव की पूजा-अर्चना करते हैं। इस दिन शाम को विधि पूर्वक पूजा करने व कुछ विशेष उपाय करने से भक्तों की हर मनोकामना पूर्ण होती है।
सुबह की पूजा
सोमवार के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठें और स्नानादि कर तैयार हो जाएं। पूजा घर को साफ करें और गंगाजल छिड़क कर मंदिर को पवित्र करें। फिर भोलेनाथ को दूध, जल, गंगाजल आदि से स्नान कराएं और सूर्य देव को जल अर्पित करें। इसके बाद भोलेनाथ को बेलपत्र, समीपत्र, दूब, कुश, कमल, नीलकमल, जंवाफूल कनेर, राई फूल आदि चढ़ाएं और भगवान शिव का ध्यान करें। इसके बाद 108 बार भगवान शिव का बीज मंत्र ’ॐ नमः शिवाय’ का जप करें।
शाम की पूजा
सूरज डूबने के थोड़ी देर पहले भक्त को स्नान कर लेना चाहिए, अगर बीमार रहते हैं या फिर किसी भी कारणवश स्नान नहीं कर सकते तो जल से शरीर को पोछ लें और फिर अपने पर गंगाजल छिड़क लें। अब शिवलिंग पर अभिषेक करें। हो सके तो पंचामृत से विधिपूर्वक भोलेनाथ का अभिषक करें। इसके बाद शिवलिंग पर चंदन का लेप लगाएं और बेलपत्र, सफेद फूल, धतूरा आदि चढ़ाएं। इसके बाद भगवान शिव और माता पार्वती का ध्यान लगाएं और प्रतिमा के सामने घी का दीपक जलाएं। अब शिव चालीसा या फिर महामृत्युंजय का जप करें और भगवान शिव व मां पार्वती की आरती करें। इसके बाद भगवान को खीर, फल और मिठाई का भोग लगाएं। फिर अपने आसपास के लोगों में प्रसाद बाटें।
जानकारी दे दें कि शाम को सूर्यास्त के एक घंटे पहले और सूर्यास्त के एक घंटे बाद तक के समय को शिव पूजा के लिए बेहद खास माना जाता है।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)